बरेली (ब्यूरो)। शहर की सूरत बदलने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत 63 नए प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं। इन प्रोजेक्ट पर साढ़े नौ सौ करोड़ से अधिक का बजट रखा गया है। इनमें से अधिकांश प्रोजेक्ट तो बनकर भी तैयार हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इन प्रोजेक्ट को शुरू नहीं किया जा सका। इसीलिए स्मार्ट सिटी के कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो धूल फांक रहे हैं और उनको खुराफातियों ने बर्बाद करने के साथ वहां पर अपना अड्डा बना लिया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्मार्ट सिटी के बदहाल होते प्रोजेक्ट पर &अधूरे काम पूरा करो&य मुहिम शुरू की। इस मुहिम का अफसरों ने संज्ञान लिया और पूरे हो चुके स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को शुरू कराने के लिए कवायद के लिए प्लान बनाया। इतना ही नहीं इसके लिए अफसरों ने मीटिंग की और तय किया कि 5 अगस्त को टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद जिन कंपनियों को टेंडर दिया जाएगा वह इसे जल्द से जल्द शुरू करा दें।

इन प्रोजेक्ट के लिए होंगे टेंडर
- जंक्शन के पास तांगा स्टैंड कांप्लेक्स
- अर्बन हॉट
- डीडीपुरम स्थित फूड कोर्ट
- पटेल चौक स्थित स्काई वॉक
- संजय कम्यूनिटी हाल के पास तालाब
- मल्टीलेबल कार पार्किंग
- गांधी उद्यान स्थित भूल भूलैया
- म्यूजिकल फाउंटेन

ठेके पर देने की तैयार
नगर निगम स्मार्ट सिटी की करोड़ों की परियोजनाओं को ठेके पर देने की तैयारी शुरू हो गई है। डीडीपुरम के फूड कोर्ट से लेकर पार्किंग को 15 साल के ठेके पर देने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा गांधी उद्यान की भूल भुलैया, म्यूजिक फाउंटेन, अर्बन हार्ट संजय कम्युनिटी सेंटर के सौंदर्यीकरण करोड़ों की लागत से किया जा चुका है। लेकिन स्मार्ट सिटी को इन्हें चलाने के लिए योग्य ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से करोड़ों की परियोजनाओं का जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनके लिए भी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

देश भर से मांगे प्रस्ताव
स्मार्ट सिटी परियोजना में बनवाए गए गांधी उद्यान में भूल भुलैया, म्युजिक फाउंटेन काफी समय से बनकर तैयार है, लेकिन उनका अधिकृत संचालन नहीं हो पा रहा है। भूल भुलैया में घूमने वालों के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया, लेकिन इसके बावजूद व्यवस्था नहीं चल पा रही है। डीडीपुरम में फूड कोर्ट और मल्टीलेबल कार पार्किंग भी तैयार है लेकिन उसका भी संचालन नहीं हो पा रहा है। इन प्रोजेक्टों की जिम्मेदारी अभी स्मार्ट सिटी कंपनी के पास ही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के रखरखाव और मरम्मत का खर्च उठा रही है। अर्बन हार्ट, स्काई वॉक, तांगा स्टैंड को छोडक़र स्मार्ट सिटी की सभी परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।

मांगा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल
इन प्रोजेक्टों को चलाने के लिए अब स्मार्ट सिटी के अफसरों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) मांगा है। अखिल भारतीय स्तर पर मांगे गए प्रस्ताव के बाद कई बड़ी एजेंसियों के प्रस्ताव आने की उम्मीद जताई जा रही है। जो कंपनी प्रोजेक्टों को चलाने का ठेका लेगी उसे 15 साल के लिए संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस दौरान वह रख रखाव भी करेगा। स्मार्ट सिटी से सभी शर्तें तय होने के बाद प्रोजेक्टों से होने वाली आय एजेंसी अपने पास रखेगी। जल्द ही यह तय हो जाएगा प्रोजेक्टों का संचालन कौन एजेंसी करेगी।

टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रेजेंटेशन देखने के बाद सही और अनुभवी योग्य ठेकेदारों को नियमानुसार स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट को जल्द ही शुरू करा दिया जाएगा।
- निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त, सीईओ बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी