बरेली (ब्यूरो)। शहर के पार्को में ओपन एयर जिम लगवाए गए थे ताकि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट सिटीजंस स्मार्ट तरीके से एक्सरसाइज कर सकें। एयर ओपन जिम शहर के 25 पार्को में लगाए गए थे। इतना ही नहीं ओपन जिम में एक ट्रेनर भी रखने का प्लान था, लेकिन जैसे ही अप्रैल 2021 में यह जिम बनकर तैयार हुए वैसे ही लोगों ने वहां पर प्रैक्टिस मनमर्जी से शुरू कर दी। प्रैक्टिस करने वालों ने मनमाने ढंग से प्रैक्टिस कर जिम के लगे ऑपरेटस को भी तोड़ दिया। जिम्मेदारों ने जिम लगाने के बाद इसे अनदेखा करना शुरू कर दिया जिस कारण आज ओपन एयर जिम टूट गए हैं।
मनमानी पड़ रही भारी
ओपन एयर जिम शहर के मेन पार्क गांधी उद्यान, सीआई पार्क, गोबिंद वल्लभ पंत सहित शहर के 25 पार्को में लगवाए गए थे। जिम में सुबह या फिर शाम को लोग प्रैक्टिस अक्सर करते हैं। लेकिन ओपन होने का लोगों ने दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। मनमाने तरीके से जिम में लगे ऑपरेटस को यूज करने से वह खराब हो गए और टूट भी गए हैं। आप शहर के किसी भी पार्क में मनमाने ढंग से जिम को यूज कराने वालों को किसी भी समय देख भी सकते हैं। कोई जिम पर झूला समझ कर झूल रहा होता है तो कोई मनमाने ढंग से प्रैक्टिस भी करता दिख जाएगा। इन्हीं सबका नतीजा है कि जो ऑपरेटस लगाए गए थे वह टूट गए हैं और कई तो बदहाल तक हो गए।
स्मार्ट सिटी की है देखरेख
पार्को में लगे ओपन एयर जिम लगाने के बाद उनकी मेंटिनेंस का काम भी स्मार्ट सिटी कंपनी का ही था। लेकिन जिस लगाने के बाद जिम्मेदारों ने इस तरफ ध्यान देना छोड़ दिया। जिस कारण कई सप्ताह से टूटे पड़े ओपन एयर जिम के ऑपरेटस अभी तक ठीक नहीं हो सके।
ट्रेनर नहीं होने से प्रॉब्लम
ओपन एयर जिम में प्रैक्टिस करने वालों कहना था कि जो भी ओपन जिम स्मार्ट सिटी कंपनी ने तैयार किए हैं उन सभी में ट्रेनर होना चाहिए। जिससे लोगों को यह जानकारी मिल सके कि वह प्रैक्टिस किस ऑपरेटर से किस काम के लिए करें। क्योंकि ऑपरेटर की जानकारी नहीं होने से उन्हें प्रैक्टिस करने के बाद से प्रॉब्लम होने लगती है। जबकि जिम बनवाने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत लाखों रुपए खर्च कर दिए गए लेकिन कुछ रुपए ही खर्च करके एक ट्रेनर को तैनात नहीं किया गया। अगर ट्रेनर रखा गया होता तो लोग गलत प्रैक्टिस करने से तो बचेंगे, तो वहीं ऑपरेटस भी सुरक्षित रह सकेंगे।
जानकारी का अभाव
पार्क में आने वाले लोग अपने बच्चों को भी कई बार लेकर फैमिली संग आते हैं। लेकिन वह पार्क में जैसे ही एंट्री करते हैं उन्हें अपने बच्चों को झूलाने के लिए झूलों पर नहीं बल्कि ओपन एयर जिम के आपरेटर ही मिलते हैं। अब इसे जानकारी का अभाव कहें या फिर कुछ और। फिलहाल जो भी हो लेकिन इन हरकतों से ओपन एयर जिम की मशीनें खराब हो रही हैं और वह टूट जाती है। कई बार लोग इन पर दोपहर में भी अपनी फैमिली और दोस्तों संग उस पर झूला झूलते या फिर उल्टा सीधे प्रैक्टिस करते दिख जाएंगे। इससे भी मशीने खराब होती हैं। जबकि ओपन एयर जिम लगाने का मकसद सिर्फ आम लोगों की भी हेल्थ फिट रहे इसके लिए लगाए गए थे। लेकिन लोगों ने इन्हें झूल तो कभी मनमानी प्रैक्टिस करना समझ लिया।
25 पार्को में लगाए गए ओपन एयर जिम
2021-में पार्को में जिम लगकर हो गए थे तैयार
बोले बरेलियंस
शहर के पार्को में जो भी ओपन एयर जिम लगाए गए अब उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। इस कारण ओपन एयर जिम पर मनमाने ढंग से लोग प्रैक्टिस करते हैं। इससे वह टूट गए हैं।
सोमा मेहरोत्रा
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अगर ओपन जिम लगाए तो उनके लिए एक ट्रेनर भी रखना चाहिए। क्योंकि जिम में जब इतने लाखों रुपए खर्च कर दिए गए तो आपरेट करने वाला भी तो होना चाहिए।
गौरव पनबार
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आपरेटर न होने से जिम में लगी लाखों रुपए की मशीने खराब हो गई हैं। अब इनको ठीक कराना तो दूर की बात देखने के लिए भी कोई जिम्मेदार नहीं आता है। इससे और बदहाल हो रहे हैं।
अनुष्का
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ओपन एयर जिम का प्रोजेक्ट बेहतर था लेकिन इसके लिए शहर वालों को भी ध्यान देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस कारण ये अनदेखी का शिकार हो गए और जिम में मशीने तोड़ दी गई।
अंश मौर्य