बरेली (ब्यूरो)। श्री बाबा वनखंडी नाथ मंदिर जोगी नवादा में चल रही रामलीला में परशुराम, लक्ष्मण संवाद, धनुष यज्ञ, फुलबारी आदि लीलाओं का वर्णन किया गया। मंचन के दौरान दिखाया गया कि श्रीराम ने जैसे ही धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने का प्रयत्न किया, धनुष तेज आवाज के साथ टूट गया। इसकी गूंज सुनकर भगवान परशुराम वहां पहुंच गए और फिर लक्ष्मण के साथ उनके तीखे संवाद हुए। परशुराम-लक्ष्मण संवाद सुनकर दर्शक रोमांचित हो गए। बड़े बड़े राज्यों से शूरवीर जनकपुर पहुंचे थे। विवाह के लिए खुद को श्रेष्ठ बताते हुए एक-एक कर इन राजाओं ने धनुष तोडऩा तो दूर उसे तिल भर हिला भी नहीं पाए। बेटी के कुंवारे रह जाने के डर से राजा जनक विलाप करने लगे तो दर्शकों की भी आंखें नम हो गईं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम ने शिव धनुष को उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाई। इस पर धनुष टूट गया। भक्तों ने श्रीराम के जयकारे के साथ पुष्प वर्षा शुरू की। मंचन के दौरान सुरेश चंद्र राठौर, हरिओम राठौर, पंडित सुनील दत्त शर्मा, विशाल राठौर, लक्ष्मीनारायण राठौर, मनोज राठौर, मुन्ना लाल राठौर आदि मौजूद रहे।
&श्रीकृष्ण के साथ रास करने वाली गोपियां साधारण नहीं&य
श्रीहरि मंदिर की ओर से चल रही श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को वृंदावन से आए मधुर कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान ने गोपियों संग रास किया, यह गोपियां साधारण नहीं थी। यह सब पूर्व जन्म के ऋषि मुनि थे जो गोपियों का रूप धारण कर के आए हैं, साक्षात वेदों के मंत्र ही गोपी के रूप में आए हैं, जीवात्मा और परमात्मा का एक रूप होने का नाम ही महारास है। भगवान ने महारास के माध्यम से गोपियों के अनेकों जन्मों के पुण्य का फल दिया है। कथा वाचक ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। भगवान ने अपने मित्र सखा के चरण अपने आशु से धोएं ओर सिहासन पर बैठाया। भगवान से जो प्रेम करता है, भगवान उसे कुछ दे देते है। कथा के अंतिम दिन भक्ति मय भजनों पर भक्त जमकर झूमे। इस दौरान सतीश खट्टर, रवि छाबड़ा, सुशील कुमार, संजय आनंद, गोङ्क्षवद तनेजा, रंजन कुमार, यजमान कीर्ति कपूर, अनुभव कपूर, रघुनाथ कपूर, सीता कपूर आदि मौजूद रहे।