बरेली (ब्यूरो)। डेलापीर तालाब को पिकनिक स्पॉट बनाने के लिए नगर निगम ने रेनोवेशन शुरू कराया था। वर्ष 2021 में तालाब के रेनोवेशन का प्लान बनाया गया। प्लान के अनुसार दो फेज में काम को पूरा कराया जाना था, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर आधा अधूरा काम देखकर तो ऐसा लगता है जैसे पॉन्ड में ही नगर निगम ने करोड़ों डुबा दिए हों। शहर के डेलापीर तालाब को नगर निगम द्वारा फिर से नया रंग-रूप देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इन खोखले दावों की पोल कई महीनों से बंद पड़ा काम खोल रहा है।
बनेगा पिकनिक स्पॉट
नगर निगम की ओर से तालाब का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में डेवलप किया जाएगा। करोड़ों रुपए का बजट भी खर्च किया जा रहा है। इसके लिए तालाब गहरा किया गया है। किनारों से अतिक्रमण भी हटाया गया, लेकिन कई माह से काम अधूरा होने से फिर से इसकी कंडीशन खराब होती जा रही है। जिम्मेदारों का दावा है कि इसे अक्षर विहार तालाब की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदारों की कार्यशैली कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है।
फिर हो रहा बदहाल
तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य जब से रुका हुआ है तब से इसमें फिर गंदगी पनपने लगी है। अब आलम यह है कि तालाब को जलकुंभी और घास ने पूरी तरह कवर कर लिया है। इसकी साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि सेकंड फेज का काम मार्च से शुरू कराया गया था, लेकिन इलेक्शन के कारण काम स्लो हो गया।
जिम्मेदार बने उदासीन
तालाब के जीर्णोद्धार के लिए नगर निगम की ओर से तमाम दावे किए गए थे, लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है। तालाब अपनी बदहाली की गाथा बता रहा है। निगम की ओर से इसको फिर से नया रंग-रूप देने के उद्देश्य से साफ-सफाई करवाई गई थी। कमिश्नर से लेकर तमाम अधिकारियों ने कई बार इस लोकेशन का जायजा लिया था, साथ ही व्यवस्थाओं को फिर से दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए थे।
दो फेज में हो रहा काम
तालाब का जीर्णोद्धार दो फेज में किया जा रहा है। इसके पहले फेज का काम तालाब की साफ-सफाई की गई है। वॉल का निर्माण कराया गया है। तालाब को खोदकर गहराई बढ़ाई गई है। साथ ही फुटपाथ का निर्माण अधूरा ही किया गया है। वहीं सेकंड फेज में तालाब के किनारे फव्वारा लगाया जाना है। साथ ही यहां आने वाले लोगों के लिए कैंटीन की व्यवस्था की जाएगी। इस पॉन्ड को पिकनिक स्पॉट के रूप में डेवलप करने के लिए अन्य चीजों को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए 2.80 करोड़ का बजट भी रखा गया है। अफसरों का कहना है कि इसको छह माह में पूरा करना था, लेकिन इलेक्शन के कारण अब काम भी रूका हुआ है। इससे थोड़ा टाइम अभी बढ़ सकता है।
डाला जा रहा कचरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि तालाब में फिर से कचरा डाला जा रहा है। इसको लेकर लोगों को अवेयर होने की जरूरत है। उन्हें कई बार समझाया गया है, फिर भी गंदगी की जा रही है। नगर निगम की ओर से भी इसके काम को अधूरा छोड़ दिया गया है। तालाब के जीर्णोद्धार के लिए पहले फेज में करीब दो ढाई करोड़ का बजट आवंटित किया गया था। अब सेकंड फेज का काम के लिए 2.80 करोड़ का बजट रखा गया है। इसमें पार्किंग, ग्रीन बेल्ट के साथ फुटपाथ आदि का निर्माण होना है।
भूगर्भ जल के लिए जरूरी
एक्सपट्र्स बताते हैैं कि तालाबों से सभी को फायदा है। इसके इर्द-गिर्द पक्षी चहचहाते हैैं, तालाबों से पेड़-पौधों को भी जीवन मिलता है। इससे पर्यावरण हरा-भरा और सुंदर बनता है। गांव में कई तालाब होते थे। एक तालाब में बारिश का पानी पीने के लिए हुआ करता था। वहीं दूसरे में नहाने और कपड़े धोने के लिए होता था। लगातार कम होते भूगर्भ जलस्तर के लिए तालाबों को जीवित रखना बहुत जरूरी है। इस क्रम में विभिन्न योजनाओं के माध्यमों से तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
मैंने अभी हाल में ज्वाइन किया है। इसकी पूरी डिटेल्स फाइल देखने के बाद ही बता सकता हूं। इसके सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। अभी और अपडेट क्या है, इसके बारे में भी जानकारी लूंगा। समय से निर्माण पूरा हो, इसके लिए प्राथमिकता पर रखा जाएगा।
- पुनीत कुमार ओझा, चीफ इंजीनियर नगर निगम