बरेली (ब्यूरो)। सीनियर सिटीजन के लिए एकांतवास एक गंभीर समस्या है। जोकि उनके मानसिक हेल्थ के लिए समस्या पैदा कर सकती है। सामाजिक सपंर्क सीनियर सिटीजन के लिए पूर्ण हेल्थ के लिए अधिक जरूरी है। लेकिन आज आधुनिकता और भागदौड़ भरी लाइफ में सीनियर सिटीजन के लिए उलट हो रहा है। वल्र्ड सीनियर सिटीजन डे को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल प्लेटफार्म एक्स पर एक सर्वे कराया। इसमें 80 परसेंट लोगों ने माना कि सीनियर सिटीजन घर में भी एकांतवास में रहते हैं। जबकि 70 परसेंट लोगों का कहना है कि सीनियर सिटीजन से परिवार के रिश्तों की डोर भी कमजोर हो रही है। शायद यही कारण है कि सीनियर सिटीजन भी अपना वक्त बिताने के लिए सोशल मीडिया पर अधिक समय दे रहे हैं। हालांकि इससे उनकी हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ रहा है। वहीं एक्सपर्ट की माने तो सामाजिक अलगाव के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक प्रभावों से बचने के लिए वरिष्ठों को दूसरों के साथ व्यक्तिगत रूप से समय बिताना जरूरी है।

ये निकला निष्कर्ष
सर्वे में आए रिजल्ट के आंकड़ों पर ही गौर करें तो 80 परसेंट लोगों ने माना कि घर में एकाकी जीवन बिताने वाले सीनियर सिटीजन की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई। इतना ही नहीं लोगों ने लिखा कि ये बढ़ोत्तरी पिछले वर्षो में अधिक हुई है। 15 परसेंट ने माना कि नहीं और पांच परसेंट का कहना है कि उनको इस बारे में पता नहीं है। वहीं घरों में रहने वाले सीनियर सिटीजन से परिवार के दूसरे सदस्यों की बीच रिश्तों की डोर भी अब पहले की अपेक्षा कमजोर हुई है। सर्वे में 70 परसेंट लोगों ने इसे हां माना है। जबकि 20 परसेंट नहीं और दस परसेंट ने पता नहीं पर वोट किया है।

सरकार भी दे ध्यान
सीनियर सिटीजन घर की शोभा और शान होते हैं। लेकिन आज आधुनिकता के दौर में बुजुर्गों को परिवार से दूर कर वृद्धाश्रम में भेजने वाली सामाजिक बुराई भारतीय संस्कृति में भी तेजी से बढ़ रही है। इस पर 60 परसेंट लोगों का कहना है कि यह सही है। जबकि 30 परसेंट का कहना ऐसा नहीं है। जबकि 10 परसेंट का कहना है कि उनको इस बारे में पता नहीं है। सरकार का सिस्टम अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन की सुरक्षा और उनकी सुध लेने में सहायक है। इस पर सिर्फ 30 परसेंट का कहना है कि हां सहायक है। जबकि 50 परसेंट ने नहीं और 20 परसेंट का कहना है कि उनको नहीं पता। इससे साफ है कि सरकार को भी अकेले रहने वाले बुजुर्गो का भी ध्यान देना चाहिए।

नहीं देते क्वालिटी टाइम
भागदौड़ भरी लाइफ में लोगों का कहना है कि घरों में नई जेनरेशन बुजुर्गो के लिए क्वालिटी टाइम नहीं देती है। वह इसके लिए इंटरेस्टेड नहीं दिखते हैं। 60 परसेंट लोगों का यही कहना है। जबकि 30 परसेंट का कहना है कि ऐसा नहीं है और दस परसेंट का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।

कब और क्यों मनाया जाता है सीनियर सिटीजन डे

राष्ट्रपति रोलाल्ड रीगन ने 1988 में सीनियर सिटीजन को सम्मानित करने की पहल की। इसके बाद 1991 में पहली बार मनाया गया। इस दिन का उद्देश्य सीनियर सिटीजन को प्रभावित करने वाले कारकों और मुद्दों के बारे में अवेयनेस बढाऩा है। जैसे हेल्थ में गिरावट, और बुजुर्गो के साथ व्यवहार। यह समाज में सीनियर सिटीजन लोगों के योगदान को पहचानने और स्वीकार करने का भी दिन है।