बरेली (ब्यूरो)। शहर में सेटेलाइट बस स्टैंड अराजकता की मिसाल बना हुआ है। वैसे तो शहर भर के सभी चौराहों और तिराहों पर अव्यवस्थाएं हावी हैं, पर सेटेलाइट तिराहे पर रोडवेज बसों, डग्गामार वाहनों, ऑटो और ई-रिक्शा के जमावड़े से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी चौराहों से ऑटो और ई-रिक्शा को पुलिस नहीं हटा पा रही है। सेटेलाइट बस स्टैंड पर पैसेंजर्स की आवाजाही अधिक होने से यहां ऑटो और ई-रिक्शा की भी भीड़ रहती है। इससे यहां जाम की समस्या आम है और इसका खामियाजा भी आम लोगों को ही उठाना पड़ता है। नगर निगम, टै्रफिक पुलिस, रोडवेज और परिवहन विभाग इसकी अनदेखी करता रहता है। सेटेलाइट पर पुलिस चौकी भी यहां की अव्यवस्थाओं पर आंखें मूंदे रहती है।
टैक्सी, ऑटो व ई-रिक्शा का जमावड़ा
सेटेलाइट बस स्टैंड पर टैक्सी वालों का भी बोलबाला है। यहां से टैक्सी वाले दिनभर सवारियां ढोते हैं। इससे रोडवेज को भी नुकसान उठाना पड़ता है, पर वह इन डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगवाने में नाकाम रहता है। इसके अलावा यहां रोडवेज बसें भी सडक़ पर ही खड़ी हो जाती हैं। यहां लगने वाले जाम का यह भी एक बड़ा कारण है। ऐसे अव्यवस्था को रोकने वाला यहां कोई नहीं है। अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा यहां से गुजने वाले अन्य वाहन चालकों को जाम में फंसकर भुगतना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री का आदेश बेअसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शासन-प्रशासन को दिशा-निर्देश दे चुके हैं। इसमें कहा गया है कि रोड से स्टैंड न चले और न ही चौराहों से वाहनों को सवारी चढ़ाने या उतारने दिया जाए। सवारी वाहन चौराहों से पचास मीटर की दूरी पर खड़े हों। इसके बाद पुलिस और प्रशासन उनके दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करा पा रहा है। शहर के चौराहों से ही ऑटो और ई-रिक्शा सवारियां भर रहे है। चौराहों पर सवारी वाहनों का जमावड़ा होने की वजह से हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। सेटेलाइट तिराहे का सबसे बुरा है। यहां पर फ्लाईओवर बनने के बाद भी हालत नहीं सुधरे हैं।
किसकी शह पर चल रहे पीले ऑटो फोटो नंबर 2
शहर में पीले कलर वाले ऑटो का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पीले ऑटो सिर्फ देहात क्षेत्र में ही चल सकते हैं। इसके बाद भी शहर भर में यह रूरल परमिट वाले पीले ऑटो खूब दौड़ रहे हंै। सेटेलाइट, चौकी चौराहा, पटेल चौक, श्यामगंज, जंक्शन के साथ ही शहर भर में कई जगहों पर पीले ऑटो दिखाई देते हैं। सेटेलाइट पर बारादरी थाना की चौकी है। यह चौकी बीच तिराहे पर बनी हुई है। इसके साथ ही यहां पर यातायात व्यवस्था बनाएं रखने के लिए टै्रफिक पुलिस की भी ड्यूटी लगाई जाती है। बावजूद इसके सेटेलाइट से शाहजहांपुर, रोजा, कटरा, फरीदपुर समेत अन्य जगहों पर ऑटो, जीप और कारों को स्टैंड चल रहा है। यहां से टैक्सी वाले हल्द्वानी, पीलीभीत, पूरनपुर, बीसलपुर, लखीमपुरखीरी, बंडा समेत अन्य जगह के लिए सवारियां खुलेआम भरते हुए दिखाई देते हैं।
प्राइवेट बस से राजस्व को नुकसान
सेटेलाइट से छोटे डग्गामार वाहनों साथ प्राइवेट बसें भी संचालित हो ही हैं। इसके अलावा पीलीभीत, बहेड़ी, खलीमपुर खीरी समेत अन्य जगहों के लिए भी यहां से डग्गामार बसें चल रही हैं। इससे रोडवेज परिवहन निगम को रोजाना लाखों रुपए का चूना लग रहा है। रोडवेज और प्रशासन के अधिकारी इससे अंजान बने रहते हैं।
कोई तो लगवा रहा रोड पर ठेले
सेटेलाइट तिराहे पर सबसे ज्यादा फड़ और ठेले लगते हैं। यही नहीं यहां एक-एक व्यक्ति ने दो दो ठेले लगवा रखे हैं। इसके बाद इन ठेलों के सामने लोगों के वाहन खड़े होते हैं। इस वजह से आधा रोड तो इनसे ही घिर जाता है। इनको हटाने की भी कोई जहमत नहीं उठाता है। आखिर यह ठेले और फड़ वाले किसकी शह पर चल रहे हैं, यह भी बड़ा सवाल है। यहां शराबियों का भी जमावड़ा रहता है।
मैंने अभी चार्ज लिया है। सेटेलाइट बस स्टैंड की स्थितियों के बारे में जानकारी नहीं है। अगर वहां से डग्गामार वाहन चल रहे हैं तो अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हालत में जाम नहीं लगने दिया जाएगा।
शिवराज, एसपी टै्रफिक
हम अपने स्तर से लगातार कार्रवाई करते रहते हैं। यहां की स्थिति को लेकर एसपी ट्रैफिक से भी पत्राचार किया जाता है। ऑटो और ई-रिक्शा समेत अन्य वाहनों की वजह से जाम लगाता है। प्राइवेट बसों पर भी कार्रवाई हुई है।
एके बाजपेई, एआरएम रुहेलखंड डिपो