अगर ये सुविधाएं होतीं तो सफर होता सुहाना

रेल किराए में बढ़ोतरी के बाद डीजल का रेट बढ़ गया। यह इंडिकेट कर रहा है कि रेल किराए में फिर इजाफा होगा। इस पर भी पैसेंजर्स की परेशानी फेयर बढऩा नहीं बल्कि फैसिलिटीज घटना है। आई नेक्स्ट ने मंगलवार को पेश होने वाले रेल बजट से पहले इंडियन रेलवे की सुविधाओं पर नजर डाली। जंक्शन पर एसी 2 और 3 टायर बोगीज में हुए रियलिटी चेक में जो तस्वीर सामने आई है वो अच्छी नहीं है। पैसेंजर्स को फिर भी उम्मीद है कि कल के रेल बजट में ट्रेन में सुविधाओं के नाम पर कुछ तो मंगल घोषणाएं होंगी।

गंदे तकियों से पैसेंजर्स परेशान

ट्रेन : काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस (सुपरफास्ट)।

टाइम : शाम 4:55 बजे।

बोगी : एसी 3 टायर।

बरेली जंक्शन पर उतरे बनारस के दिनेश कुमार ने साफ-सफाई संबंधी शिकायत की। बताया कि टॉयलेट गंदा था और बेसिन में पानी नहीं आ रहा था।

ट्रेन : श्रमजीवी (सुपरफास्ट)।

टाइम : शाम 5:36 बजे।

बोगी : एसी 2 टायर।

पैसेंजर एके सिंह ने बताया कि खाना ठंडा और बासी लग रहा है। साथ में सफर कर रहे पैसेंजर ने इसका समर्थन किया। शाम की चाय भी अच्छी नहीं थी। वहीं दूसरी बोगी के पैसेंजर ने गंदे तकिए और चादर की शिकायत की। उनका कहना था कि एडमिनिस्ट्रेशन से शिकायत की मगर सुनवाई नहीं हुई।

बोगी में टॉयलेट के बगल में पड़ा सामान

ट्रेन : श्रमजीवी (सुपरफास्ट)

टाइम : 5:30 बजे।

एसी बोगी में सीट्स और टॉयलेट के बीच में सामान लावारिस पड़ा था। नियमत: बोगी में इस प्लेस पर सामान नहीं रखा जाता है।

वॉशरूम में गंदगी

ट्रेन : हावड़ा देहरादून एक्सप्रेस।

टाइम : सुबह 11:20 बजे।

प्लेटफॉर्म नंबर : 2.

ट्रेन के टॉयलेट में बोतलें पड़ी थीं। पैसेंजर्स की शिकायत थी कि पानी की सप्लाई ठीक नहीं है। पूरी बोगी में गंदगी थी। बोतल, चिप्स के रैपर, और प्लास्टिक के ग्लास बोगी में पड़े थे।

प्लेटफॉर्म नंबर 3-4 है गड्ढों के हवाले

टाइम : दोपहर 2:30 बजे।

जगह : प्लेटफॉर्म नंबर 3 और 4.

चूहों ने बिल बना कर पूरे प्लेटफॉर्म को खोखला कर दिया है। यहां चलने की जगह कम और गड्ढे ज्यादा हैं। पैसेंजर्स का ट्रेन से उतरते ही पहला कदम गड्ढों में पड़ता है और आए दिन गिरकर वह इंजर्ड होते रहते हैं। प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर बने फस्र्ट एड काउंटर पर सबसे ज्यादा पैसेंजर्स इलाज के लिए आते हैं।

रिजर्वेशन काउंटर दबाव में  

टाइम : सुबह 10:05 बजे।

जगह : बरेली जंक्शन का रिजर्वेशन काउंटर।

रिजर्वेशन काउंटर नंबर 4 और 5 पर पैसेंजर्स रिजर्वेशन के लिए परेशान थे। सुबह 8 बजे से रिजर्वेशन शुरू होता है। ओवरलोड काउंटर्स पर पैसेंजर्स 7 बजे से ही जुटने लगते हैं। यहां इन काउंटर्स पर हर दिन औसतन 1,400 रिजर्वेशन होते हैं। वहीं पीक सीजन में रिजर्वेशन की संख्या 3,000 का आंकड़ा पार करती है। काफी समय से बरेलियंस एक एक्स्ट्रा रिजर्वेशन काउंटर की डिमांड कर रहे हैं, ताकि रिजर्वेशन काउंटर का बोझ कम हो सके।

वेटिंग रूम में पानी का 'वेट'

टाइम : दोपहर 1:30 बजे।

जगह : जंक्शन का जनरल वेटिंग रूम।

साफ-सफाई की कंडीशन ठीक नहीं थी। बगल के कमरे में टेबल पर 2 लोग सो रहे थे। कुछ लोग जमीन पर ही चादर बिछा कर सो रहे थे। पूछताछ में पैसेंजर्स ने बताया कि वेटिंग रूम के टॉयलेट और बाथरूम दोनों में ही वाटर सप्लाई नहीं हो रही है।

इलेक्ट्रिसिटी फिटिंग का नहीं कोई भरोसा

जगह : प्लेटफॉर्म नंबर 1.

टाइम : शाम 4:20 बजे।

पैसेंजर्स प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर आने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस का वेट कर रहे थे। अचानक छत से लाइट की फिटिंग गिर पड़ी। हालांकि किसी को चोट नहीं लगी।

इंक्वायरी पर स्वागत करती हैं खाली कुर्सियां

जगह : इंक्वायरी काउंटर।

टाइम : सुबह 10:30 बजे।

जंक्शन के इंक्वायरी काउंटर के बाहर ट्रेन के बारे में जानकारी लेने के लिए पैसेंजर्स की भीड़ इकट्ठा थी पर अंदर कुर्सियां खाली पड़ी थीं। पैसेंजर्स ट्रेन के टाइम और प्लेटफॉर्म नंबर के बारे में बराबर सवाल पूछ रहे थे। इंक्वायरी काउंटर के अंदर साइड वाले रूम में स्टाफ अपनी मस्ती में था।

मुझे सबसे ज्यादा प्रॉब्लम ट्रेन में मिलने वाले खाने की क्वालिटी से है। इतना पैसा

खर्च करके भी अगर फूड क्वालिटी

ठीक न मिले, तो पैसेंजर्स को दिक्कत तो होगी ही।

दीप्ती सिंह, पैसेंजर

ट्रेंस की टाइमिंग सही होनी चाहिए। इनकी लेटलतीफी से पैसेंजर्स पर सबसे ज्यादा फर्क पड़ता है। वहीं एसी के टिकट लेने वाले पैसेंजर बेहतर सफाई और क्वालिटी फूड चाहते हैं। अगर वह भी उन्हें न मिले तो स्लीपर क्लास और एसी के सफर में क्या फर्क बचेगा।

एके अग्रवाल, पैसेंजर

मैं अभी थर्ड एसी में सफर करके बरेली पहुंचा। ट्रेन के एक टॉयलेट में पानी नहीं आ रहा था वहीं अपोजिट साइट का टॉयलेट काफी गंदा था। इससे मुझे और मेरी फैमिली को काफी दिक्कत हुई।

दिनेश कुमार, पैसेंजर

ट्रेंस में साफ-सफाई बड़ा ईश्यू है। इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाना चाहिए। रेलवे स्टाफ की यह रिस्पॉन्सिबिलिटी होती है कि पैसेंजर्स को कोई प्रॉब्लम न हो। ट्रेन में मिले खाने में दाल बासी लग रही थी। मैंने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई।  

अमिता, पैसेंजर

प्लेटफॉर्म की कंडीशन ठीक नहीं है। अगर 1 नंबर  प्लेटफॉर्म को छोड़ दिया जाए, तो बाकि प्लेटफाम्र्स को रेनोवेट किया जाना बेहद जरूरी है। प्लेटफॉर्म नंबर 3 और 4 को तो खासकर।

मो। सजर, पैसेंजर  

कोचेज की सफाई मैकेनाइज्ड कर दी गई है। ट्रेन में केटरिंग को भी कॉन्टै्रक्ट पर दिए जाने की तैयारी है। कुछ ट्रेनों में ऐसा किया भी जा चुका है और इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है। प्लेटफॉर्म की सफाई की निगरानी हेल्थ डिपार्टमेंट खुद कर रहा है।

उमेश कुमार सिंह, डीआरएम इज्जतनगर डिवीजन

फूड और सफाई से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। सफाई मेंटेन करने की पूरी कोशिश की जा रही है। यात्रियों से भी सहयोग की उम्मीद की जाती है।

सुनील कुमार माथुर, डीआरएम मुरादाबाद