बरेली (ब्यूरो)। प्राण दंड पाकर भी मानवता का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को गुड फ्राइडे पर याद किया गया। इस विशेष अवसर पर शहर के सभी चर्चेज मेें प्रेयर हुई और प्रभू का गुणगान हुआ। शहर के बिशप कॉनरेड स्कूल स्थित चर्च में क्रूस रास्ता की परंपरा निभाई गई। इसमें क्रूस यात्रा के जरिए प्रभू के प्राण दंड के मंजर को जीवंत किया गया। इस यात्रा के 14 स्थानों पर प्रभू यीशु के कष्टों को याद कर श्रद्धालुओं की आंखें तक तक नम हो गई। इसके बाद गुड फ्राइडे सर्विस हुई।
हर स्थान के दर्द को किया महसूस
बिशप कॉनरेड स्कूल परिसर में गुड फ्राइडे पर्व के अवसर पर निकाली गई क्रूस यात्रा में रास्ते के 14 स्थानों का मार्मिक मंचन हुआ। इस यात्रा के पहले स्थान पर
फोटो : जोशी जी
गुुुड फ्राइडे पर शहर के चर्चेज में हुईं प्रेयर, निकाली गई क्रूस यात्रा
बरेली। प्राण दंड पाकर भी मानवता का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को गुड फ्राइडे पर याद किया गया। इस विशेष अवसर पर शहर के सभी चर्चेज मेें प्रेयर हुई और प्रभु का गुणगान हुआ। शहर के बिशप कॉनरेड स्कूल स्थित चर्च में क्रूस रास्ता की परंपरा निभाई गई। इसमें क्रूस यात्रा के जरिए प्रभु के प्राण दंड के मंजर को जीवंत किया गया। इस यात्रा के 14 स्थानों पर प्रभू यीशु के कष्टों को याद कर श्रद्धालुओं की आंखें तक तक नम हो गई। इसके बाद गुड फ्राइडे सर्विस हुई।
हर स्थान के दर्द को किया महसूस
बिशप कॉनरेड स्कूल परिसर में गुड फ्राइडे पर्व के अवसर पर निकाली गई क्रूस यात्रा में रास्ते के 14 स्थानों का मार्मिक मंचन हुआ। इस यात्रा के पहले स्थान पर प्रभु यीशु को प्राण दंड देने का आदेश दिया गया तो दूसरे स्थान पर प्राण दंड के लिए उनके कंधे पर क्रूस लादा गया। तीसरे स्थान पर यीशु क्रूस के नीचे गिर जाते हैं तो चौथे स्थान पर प्रभु अपनी मां से मिलते हैं। पांचवे स्थान पर यीशु के सेवक सीमोन क्रूस ढोने में उनका सहायता करते हैं। छठे स्थान पर वेरोनिका यीशु के लहूलुहान चेहरे को पोंछती हैं। सातवे स्थान पर यीशु दूसरी बार क्रूस के नीचे गिर जाते हैं तो आठवें स्थान पर येरुसालेम की महिलाएं यीशु के लिए आंसू बहाती हैं। नौवें स्थान पर यीशु तीसरी बार क्रूस के नीचे गिर जाते हैं और दसवें स्थान पर यीशु को दंड देने वाले सिपाही उनके वस्त्रों को उतार देते हैं। यात्रा के 11 वें स्थान पर यीशु प्राण दंड के लिए क्रूस पर ढोक दिए जाते हैं। इसके बाद के तीन स्थानों पर उनकी मृत्यु से लेकर उनको दफनाने तक की प्रक्रिया होती है। यात्रा के इन सभी स्थानों पर प्रेयर हुई और श्रद्धालुओं ने मानवता के लिए प्रभु द्वारा उठाए गए कष्टों को याद उनके दर्द को महसूस किया।
पुरोहितों ने बताए यीशु के संदेश
क्रूस यात्रा बिशप इग्नीशियस डिसूजा की अगुवाई में निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग शामिल हुए। यात्रा शुरू करने से पहले बिशप ने उन्हें इस यात्रा में प्रभु की ओर से दिए गए संदेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रभु ने हमेशा ही प्रेम का पाठ पढ़ाया। उन्होंने प्राण दंड देने वालों को क्षमा किया। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने जीवन में पाप करते हैं, पर इसका पश्चाताप नहीं करते। हमें प्रभु से पश्चाताप करने की शक्ति प्रदान करने का वरदान मांगना चाहिए। जाने-अंजाने किए गए पापों से मुक्ति पाने का पश्चाताप ही एकमात्र रास्ता है। इस यात्रा में पुरोहित फादर फ्रांसिस पिंटो, स्कूल के प्रिंसिपल रायल एंटनी, फादर आलोक सहित दूसरे पुरोहित और बड़ी संख्या में दूसरे श्रद्धालु मौजूद रहे।
मेथोडिस्ट चर्च में हुई प्रेयर
गुड फ्राइड के अवसर पर मेथोडिस्ट चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रेयर के दौरान पुरोहितों ने प्रभु यीशु को दिए गए क्रूस दंड और इस दौरान उनकी ओर से दिए गए संदेशों को बताया। मानवता के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर करने वाले प्रभु यीशु के बताए गए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाने का भी संदेश दिया गया। प्रेयर के दौरान प्रभु के भजन भी गाए गए., यीशु को प्राण दंड देने का आदेश दिया गया तो दूसरे स्थान पर प्राण दंड के लिए उनके कंधे पर क्रूस लादा गया। तीसरे स्थान पर यीशु क्रूस के नीचे गिर जाते हैं तो चौथे स्थान पर प्रभु अपनी मां से मिलते हैं। पांचवे स्थान पर यीशु के सेवक सीमोन क्रूस ढोने में उनका सहायता करते हैं। छठे स्थान पर वेरोनिका यीशु के लहूलुहान चेहरे को पोंछती हैं। सातवे स्थान पर यीशु दूसरी बार क्रूस के नीचे गिर जाते हैं तो आठवें स्थान पर येरुसालेम की महिलाएं यीशु के लिए आंसू बहाती हैं। नौवें स्थान पर यीशु तीसरी बार क्रूस के नीचे गिर जाते हैं और दसवें स्थान पर यीशु को दंड देने वाले सिपाही उनके वस्त्रों को उतार देते हैं। यात्रा के 11 वें स्थान पर यीशु प्राण दंड के लिए क्रूस पर ढोक दिए जाते हैं। इसके बाद के तीन स्थानों पर उनकी मृत्यु से लेकर उनको दफनाने तक की प्रक्रिया होती है। यात्रा के इन सभी स्थानों पर प्रेयर हुई और श्रद्धालुओं ने मानवता के लिए प्रभु द्वारा उठाए गए कष्टों को याद उनके दर्द को महसूस किया।
पुरोहितों ने बताए यीशु के संदेश
क्रूस यात्रा बिशप इग्नीशियस डिसूजा की अगुवाई में निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग शामिल हुए। यात्रा शुरू करने से पहले बिशप ने उन्हें इस यात्रा में प्रभु की ओर से दिए गए संदेश के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रभु ने हमेशा ही प्रेम का पाठ पढ़ाया। उन्होंने प्राण दंड देने वालों को क्षमा किया। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने जीवन में पाप करते हैं, पर इसका पश्चाताप नहीं करते। हमें प्रभु से पश्चाताप करने की शक्ति प्रदान करने का वरदान मांगना चाहिए। जाने-अंजाने किए गए पापों से मुक्ति पाने का पश्चाताप ही एकमात्र रास्ता है। इस यात्रा में पुरोहित फादर फ्रांसिस पिंटो, स्कूल के प्रिंसिपल रायल एंटनी, फादर आलोक सहित दूसरे पुरोहित और बड़ी संख्या में दूसरे श्रद्धालु मौजूद रहे।
मेथोडिस्ट चर्च में हुई प्रेयर
गुड फ्राइड के अवसर पर मेथोडिस्ट चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रेयर के दौरान पुरोहितों ने प्रभु यीशु को दिए गए क्रूस दंड और इस दौरान उनकी ओर से दिए गए संदेशों को बताया। मानवता के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर करने वाले प्रभु यीशु के बताए गए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाने का भी संदेश दिया गया। प्रेयर के दौरान प्रभु के भजन भी गाए गए.,