(बरेली ब्यूरो)। बरेली पुलिस के बेड़े में 455 कांस्टेबल 455 और शामिल हो गए हैं। 28 जून 2021 से चल रहे महिला व पुरुष रिक्रूट की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वेडनसडे को पासिंग आउट परेड परेड समारोह का आयोजन किया गया। पीएसी व पुलिस लाइंस दोनों जगहों पर एडीजी जोन राजकुमार ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली। प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले सिपाहियों को एडीजी ने सम्मानित किया। इसके बाद नवागत सिपाहियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

दिलाई गई शपथ
पुलिस लाइंस में 195 महिला रिक्रूट आरक्षियों का प्रशिक्षण चल रहा था जिसमे से एक के अनुपस्थित रहने के बाद 194 आरक्षियों ने दीक्षा परेड में प्रतिभाग किया। परेड में काजल ने प्रथम, निधि सिवाच ने द्वितीय और रश्मि तोमर ने तृतीय कमांडर की भूमिका निभाई। तृतीय कमांडर रश्मि तोमर ने प्रथम कमांडर काजल को परेड का चार्ज सौंपा। इसके बाद तीनों कमांडरों के नेतृत्व में सभी आठ टोलियों ने परेड में एडीजी राजकुमार को सलामी दी। परेड के बाद एडीजी ने परेड कमांडर के साथ प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले सिपाहियों को सम्मानित किया। महिला आरक्षियों में बागपत की रहने वाली वर्षा सर्वांग सर्वोत्तम चुनी गईं। इसी तरह आठवीं वाहिनी पीएसी में आयोजित दीक्षा परेड समारोह में 248 में 242 आरक्षियों ने प्रतिभाग किया। एडीजी राजकुमार ने यहां भी तीनों कमांडरों रवि कुमार, अंकित कुमार व हेमंत के नेतृत्व में 11 टोलियों की परेड की सलामी ली। पुरुष आरक्षियों में बुलंदशहर के रहने वाले अरुण यादव सर्वांग सर्वोत्तम चुने गए। सर्वांग सर्वोत्तम के साथ विभिन्न विषयों में प्रथम स्थान पाने वाले 23 आरक्षियों को एडीजी ने सम्मानित किया। पुरुष व महिला वर्ग दोनों मिलाकर दीक्षा परेड में कुल 436 आरक्षियों ने प्रतिभाग किया। 194 महिला आरक्षियों में 139 महिला आरक्षी बरेली को जबकि 55 कासगंज को मिली हैं। इधर पुरुष में शामिल सभी 242 आरक्षी बरेली को मिले हैं। मुरादाबाद परेड में शामिल हुए आरक्षियों में 74 आरक्षी भी बरेली पुलिस के बेड़े में शामिल किये गए हैं। परेड के दौरान एसएसपी रोहित ङ्क्षसह सजवाण, एसपी सिटी रङ्क्षवद्र कुमार, सीओ लाइन व एएसपी साद मियां खान समेत तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।


एडीजी बोले-बेटियां बेटों पर भारी
संबोधन में एडीजी राजकुमार ने कहा कि पुरुष परेड के बाद महिला परेड की सलामी ली। दोनों में अंतर साफ दिखा। महिला सिपाहियों के परेड के प्रदर्शन की उन्होंने जमकर सराहना की। कहा आरक्षियों के प्रदर्शन की जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने कई उदाहरणों के जरिए बताया के बेटियां बेटों पर भारी हैं। महिलाएं आज हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं। ऐसे में हमें जीवन में आगे बढ़ते रहना है, रूकना नहीं है।

सपना हुआ साकार
पुरूष वर्ग में सर्वांग सर्वोत्तम चुने गए अरूण यादव मूलरूप से बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील स्थित अहमदगढ़ के नंगला जगत गांव के रहने वाले हैं। पिता वीरपाल ङ्क्षसह यादव पुलिस विभाग से ही दारोगा के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मां संतोष यादव व पत्नी कुमारी संदेश हैं। अरूण दो भाई हैं। दूसरे भाई अरङ्क्षवद यादव नगर निगम में इंजीनियर हैं। परेड को अरूण ने पुलिस सेवा में आने का सबसे यादगार पल बताया। कहा कि हर रिक्रूट का सपना होता है कि वह परेड में शामिल हो। पूरी नौकरी में यह पल दोबारा नहीं आता। अरूण ने बताया कि अब बड़ी जिम्मेदारी हैं। जिस काम के लिए विभाग में हमें नियुक्ति मिली है, पूरी ईमानदारी के साथ उसका निर्वाह किया जाएगा। बेटे की सफलता पर स्वजन ने अरूण को गले से लगा लिया। बेटे के सफलता से माता-पिता के साथ अरूण के सभी परिचित खुशी से लबरेज हैं।