बरेली (ब्यूरो)। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रही है। इस क्रम में हेल्थ वेलनेस सेंटर्स का नाम बदलकर अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर रख दिया गया है। इसे कुछ नई फैसिलिटीज के साथ लोगों के लिए स्टार्ट किया गया है। इसमें एनसीडी-स्क्रीनिंग और इ-संजीवनी पर फोकस किया जा रहा है।

14 तरह की होंगी जांचें
आरोग्य मंदिर में पहले 12 तरह की बीमारियों का ट्रीटमेंट किया जाता था, लेकिन अब अपगे्रडेशन के बाद से इसमें दो तरह की जांचों को और बढ़ा कर शामिल किया गया है, जिससे पेशेंट्स को कहीं भटकना न पड़े। जो नई सुविधाएं एड की गई हैैं, उनमें सर्वाइकल और कैंसर की जांच एड शामिल हैैं। इससे पहले मेटरनल और चाइड केयर, ईएनटी, ओरल, आई केयर, पैलिएटिव और रिहेबिलेटिव केयर आदि की सुविधा ही दी जाती थी।

क्या है गोल
डीसीपीएम जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसका मोटिव यह है कि पेशेंट को 15 से 20 मिनट के अंदर ही सारी सुविधाएं प्रोवाइड करा दी जाएं। पहले जहां पेशेंट को पीएचसी और सीएचसी लेवल पर भटकना पड़ता था वो प्रॉब्लम अब उन्हें न फेस करनी पड़े।

रेफर भी होंगे पेशेंट्स
रूरल एरिया में 368 सब सेंटर और 50 पीएचसी हैैं। वहीं अर्बन एरिया में पीएचसी लेवल पर 21 सेंटर हैैं और 36 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं। ये सभी सेंटर नई सुविधाओं के साथ संचालित हो रहे हैैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मरीजों को सिम्टम्स के आधार पर दवा दी जाएगी। इसमें ब्लड प्रेशर, डाइबटीज आदि की जांच की जाएगी। मरीज को दिक्कत अधिक होने पर वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर से बातचीत कराकर ट्रीटमेंट भी दिया जाएगा। वहीं इसके बाद मरीज को जिला अस्पताल के लिए रेफर भी किया जाएगा, जिससे मरीज को परेशानी ज्यादा न हो। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में नई स्वरूप और सुविधाओं के साथ पेशेंट्स को ट्रीट किया जा रहा है। हर दिन लगभग चार हजार से लेकर पांच हजार लोगों को यहां ट्रीट किया जा रहा है।

क्या है एनसीडी
नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज यानी की एनसीडी एक नॉन ट्रांसफरेबल डिसीज होती है, लेकिन ज्यादा बढ़ जाने पर प्रॉब्लमेटिक हो जाते हैैं। एनसीडी के मरीज लगातार बढ़ रहे हैैं। इसे कंट्रोल करने के लिए हर स्क्रीनिंग जरूरी है। इसके लिए हर आरोग्य केंद्रों पर सीएचओ किए गए हैैं, जो पेशेंट्स की स्क्रीनिंग करेंगे और उस के ही अकॉडिंग उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। सीएमओ ने कहा कि एनसीडी चेकअप 30 प्लस एज ग्रुप लोगों के होते हैैं।

ये है एनसीडी बीमारी
एनसीडी में रतौंधी, डाइबटीज, हायपरटेंशन, कैंसर, शुगर, बीपी, लकवा और सांस-दमा आदि जैसी बीमारी शामिल होती हैैं। इस बीमारियों सेे रिलेटिड पेशेंट्स का ट्रीटमेंट सभी आरोग्य मंदिरों में चल रहा है।


ई-संजीवनी की सुविधा
ई-संजीवनी ओपीडी के जरिए लोगों को कई सुविधाएं प्रोवाइड की जाएंगी। इस ओपीडी में सीएचओ होते हैं, जो पहले बीमारियों को ट्रीट करते हैं। उनके लेवल के उपर की अगर कोई बात होती है तो उस केस में वीडियो कॉल के जरिए हाई लेवल डॉक्टर से ट्रीटमेंट दिलवाने की व्यवस्था उनके द्वारा की जाती है। ई-संजीवनी में डिजिटलीकरण की मदद से उस पर्सन को हेल्थ एडवाइजरी प्रोवाइड कराई जाती है। कई बार पेशेंट्स के लिए अस्पताल जाना मुश्किल होता है। ऐसे में ई-संजीवनी एक रामवाण की तरह काम करेगी। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा के तहत लाभार्थियों को वीडियो कॉल के जरिए अच्छे से अच्छे डॉक्टर का ट्रीटमेंट उपलब्ध करवाया जाएगा।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नाम बदल कर आरोग्य मंदिर रख दिया गया हैैं। इसमें एनसीडी, ई-सनजीवनी आदि की सुविधाएं है। यहां पर पेशेंट्स को काफी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
डॉ। विश्राम सिंह, सीएमओ

आयुष्मान आरोग्य मंदिर का मेन फोकस लोगों को जल्द से जल्द हर तरह का ट्रीटमेंट पहुंचाना है। इसके साथ ही लोगों को जगह-जगह भटकना न पड़े, इसका ध्यान यहां रखा जाता है।
जितेंद्र सिंह, डीसीपीएम