बरेली (ब्यूरो)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में फ्राइडे को एमजेपीआरयू का 21वां कन्वोकेशन सम्पन्न हुआ। इसमें 79 टॉपर्स को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। 148 शोध छात्रों को उपाधियां दी गईं। समस्त उपाधियों को राज्यपाल के समक्ष डिजीलॉकर पर अपलोड किया गया। समारोह में सफलता पाने वाले विद्यार्थियों की 3,01,567 मार्कशीट तथा 1,55,880 उपाधियों को डिजीलाकर पर अपलोड हो चुकी हैं।
बनाए रखें रैकिंग
एमजेपीआरयू के कन्वोकेशन में राज्यपाल ने स्टूडेंट्स में गोल्ड मेडल हासिल करने में गल्र्स की संख्या ज्यादा होने पर खुशी जताते हुए बताया कि महिला सशक्तिकरण की झलक साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि सभी डिग्री और माक्र्सशीट डिजिलॉकर पर अपलोड हो चुकी हैं। अब किसी भी प्रकार की फर्जी डिग्रियों का प्रयोग नहीं हो सकेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के सात विश्वविद्यालयों ने नैक में ए प्लस प्लस, ए प्लस एवं ए रैंङ्क्षकग हासिल की है। उन्होंने बताया कि जिन विश्वविद्यालयों ने उच्च रैंङ्क्षकग प्राप्त हुई है वे आगे भी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी कालेज में प्रवेश लेने से पहले विश्वविद्यालय का एनआईआरएफ रैंक देखते हैं।
मानव कल्याण के हों शोध
शोध कार्यों का बढ़ावा देने पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि रिसर्च काफी महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि महर्षि भारद्वाज ने विमान की खोज की। सम्राट अशोक को एनिमल हसबेंडरी का आविष्कारक बताया। कहा कि विश्वविद्यालय को शोध विषय पर ध्यान देना चाहिए और ह्रोनहार बच्चों को ऐसे शोध करने चाहिए जिसका मानव कल्याण में उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि धर्म ग्रंथों, वेद, पुराण व साहित्य में कई ऐसी चीज हैं जो हमें पढऩे और पढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने गुरु के महत्व पर बल देते हुए राम, भरत और कैकई के प्रसंग के बारे में बताया और कहा कि गुरु का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है।
युवाओं का बड़ा योगदान
कन्वोकेशन के चीफ गेस्ट अध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड एवं अध्यक्ष कार्य समिति नैक प्रो। अनिल सहस्त्रबुद्धे ने विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली गल्र्स की संख्या अधिक होने पर उन्हें बधाई दी, तथा इसके पीछे राज्यपाल की प्रेरणा को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और भविष्य में जब भारत अपना स्वर्ण महोत्सव कर रहा होगा तो उसे वक्त भारत का चित्र कैसा होना चाहिए, इसका सपना आज के युवा को देखना है। आगे आने वाले 25 सालों में उसे पूरा करके दिखाना होगा। उन्होंने स्टूडेंट्स को माता-पिता के साथ गुरु को भी हमेशा याद रखने, नई तकनीक एवं नए अविष्कार के बारे में हमेशा अवगत होते रहने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि व राज्यमंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी ने कहा कि अमृत काल में सबसे बड़ा योगदान युवाओं का है। सरकार की योजनाओं की जानकारी युवाओं को होनी चाहिए और युवा इसे लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने युवाओं से बहुत उम्मीद जताई और कहा कि देश की दिशा और दशा तय करने में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होगा।
वीसी ने पेश की एनुअल रिपोर्ट
एमजेपीआरयू वीसी प्रो केपी ङ्क्षसह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। राज्यपाल ने समारोह में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां एवं प्रगति को दर्शाती हुई वार्षिक प्रतिवेदन तथा काफी टेबल बुक का विमोचन किया। उन्होंने एशियन गेम्स-2023 में सेपक टेकरा में कांस्य पदक विजेता कुमारी खुशबू व हांगझोऊ में आयोजित एथलेटिक्स में रिकार्ड कायम करने वाली कुमारी दीक्षा को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने समारोह में आए प्राथमिक विद्यालय के 30 बच्चों को पठन-पाठन व पोषण सामग्री तथा आंगनबाड़ी केंद्रों को 100 आंगनबाड़ी किट का वितरण भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा स्पोट्र्स हॉस्टल इनॉग्रेशन किया। समारोह में विश्वविद्यालय के सभी एचओडी, सांसद संतोष गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, एमएलसी कुंवर महाराज ङ्क्षसह, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल आदि जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
लाइव हुआ प्रसारण
कन्वोकेशन का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पर भी किया गया। जिसे 500 से अधिक महाविद्यालयों ने लाइव टेलीकास्ट देखा गया। वीसी प्रो केपी सिंह ने कहा कि एमजेपीआरयू नौ संघटक महाविद्यालय, 27 राजकीय, 29 अनुदानित व 522 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के साथ उत्तर भारत के विशालतम विश्वविद्यालयों में से एक है जो अपने 06 लाख से अधिक स्टूडेंटस को क्वालिटी एजुकेशन दे रहा है। 1975 में सम्बद्ध विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होने व 1985 से आवासीय सह-सम्बद्ध विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होने के साथ अनवरत अपने दृढ़ निश्चय, दूरदृष्टि, लगन, कर्मठता एवं कार्य प्रणाली से इस विश्वविद्यालय ने देश व प्रदेश में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। आज इसके 36 विभागों एवं उत्कृष्टता केन्द्रों व 587 से अधिक महाविद्यालयों के द्वारा अध्ययन-अध्यापन व शोध की सरिता सतत् प्रवाहित हो रही है। बताया कि विश्वविद्यालय का एडु रैंकिंग में देश के टाप 100 विश्वविद्यालयों में आना तथा शेष राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करना हम सबके लिए गर्व का विषय है। सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय ने 07 गोल्ड मेडल 09 सिल्वर मेडल और 12 कांस्य मेडल इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में प्राप्त किए हैं।