बरेली (ब्यूरो)। हादसा कैसे हुआ, हादसा होते ही कार में इतनी भीषण आग कैसे लग गई, उसमें सवार आठ लोगों में से किसी को भी इतना मौका क्यूं नहीं मिला कि वह बाहर निकल सके, किन हालात में कार डिवाइर के दूसरी लेन में पहुंची, जांच में ऐसे ही सवाल पुलिस के लिए भी पहली बने हुए हैं। हादसे दूसरे दिन भी पुलिस इन्हीं सवालों में उलझी रही। पुलिस टीमें सभी पहलुओं की जांच पड़ताल कर रहीं है, पर अभी तक हादसे की वजह का कोई ठोस कारण उन्हें पता नहीं चल सका है। शुरुआती पड़ताल में माना जा रहा था कि हादसा कार का टायर फाटने की वजह से हुआ होगा, पर जांच में इसका भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है। यह भीषण हादसा किसी टेक्निकल फॉल्ट या नींद की झपकी आने से हुआ होगा, इसकी भी आशंका है। फिलहाल पुलिस इस जांच में उलझी हुई सी है।
दोस्त की शादी में आए थे मृतक
बहेड़ी के गांव जाम के उवैश पुत्र अब्दुल वारिस की बारात सैटरडे की रात पीलीभीत रोड पर फहाम लॉन में आई हुई थी। शादी समारोह में मोहम्मद अय्यूब पुत्र यूनिस मंसूरी, बाबू मंसूरी पुत्र प्यारे मंसूरी, मोहम्मद आलिम पुत्र जाहिद अली मंसूरी, मोहम्मद आसिफ पुत्र छोटे, मुन्ने उर्फ मो। यूसुफ, मोहम्मद आरिफ पुत्र मन्नी, मोहम्मद शादाब पुत्र अब्दुल माजिद भी दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए कार से आए थे। शादी समारोह से देर रात वापस घर जाते समय कार नैनीताल हाईवे पर भोजीपुरा के डभौरा खंजनपुर के पास आनियंत्रित हो गई। इसके बाद अनियंत्रित कार डिवाइडर पार करते हुए हाईवे की दूसरी लेन में पहुंच गई थी। इसी दौरान सामने से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मार दी।
धड़ से अलग हुईं खोपड़ी
डंपर के आगे हिस्से में कार फंसकर करीब 60 मीटर तक घिसटती रही। इस दौरान टायर रोड पर रघडऩे से उसमें आग लग गई और चंद मिनटों में ही कार आग का गोला बन गई। हादसे में कार सवार के साथ ही चालक मोहम्मद फुरकान की जिंदा जल गए। वह बहेड़ी के मितापुर निवासी थे। हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को आग पर काबू पाने में करीब एक घंटा लग गया। इस बीच आईजी डॉ। राकेश सिंह, डीएम रविन्द्र कुमार, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान समेत कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। कार में आग की वजह से उसमें सवार सभी जलकर राख हो गए थे। स्थित इतनी भयावह थी कि उनके शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े हो गए और खोपड़ी भी धड़ से अलग हो गईं। पुलिस ने शरीर के जले हुए अंगों को एकत्र कर पोस्टमार्टम को भेजा।
डंपर चालक का टूटा पैर
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि डंपर बाजपुर से रेता बजरी लेकर बरेली आ रहा था। इसी दौरान खंजनपुर में हादसा हो गया। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने चालक की तलाश शुरू की तो पता चला कि वह रामपुर के शाहदाबाद गंाव सूपा का रहने वाला विनोद कुमार है। हादसे में उसका भी पैर टूट गया। हेल्पर मौसूक उसे डंपर से निकाल कर ले गया था।
नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
भोजीपुरा थाना प्रभारी जगत सिंह ने बताया कि मृतकों के परिजनों की ओर से फिलहाल तहरीर नहीं दी गई है। शवों की शिनाख्त करने के लिए परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर दिन भर लगे रहे। उन्होने बताया कि तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
मौके से हटाया गया डंपर
रात में हुए हादसे के बाद सुबह तक कार और डंपर रोड पर खड़ा रहा। सुबह पुलिस ने जेसीबी की मदद से पहले डंपर में फंसी कार को निकाल कर हटाया और फिर डंपर को रोड से हटाकर साइड कराया। इसके बाद ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू कराया।
शव को निकालने में छूटे पसीने
हादसे के बाद किसी तहर से पुलिस ने घंटो मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसके बाद कार से शवों को निकालने में भी पुलिस के पसीने छूट गए। हादसे के बाद किसी तरह कार का गेट काटकर शवों को बाहर निकाला गया। शव को उठाते समय शरीर के टूकड़े गिर रहे थे।
गांव में पसरा सन्नाटा
मृतकों में कार सवार सात लाग एक ही गांव जाम सांवत सुमाली के रहने वाले थे। जबकि चालक फुरकान मितापुर का रहने वाले थे। गांव में सात लोगों की मौत के बाद गांव में मातम छा गया। इस हादसे की चर्चा आस-पास के गांवों में भी रही और सभी ने इस हादसे को दुखद बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया। मृतकों के घर पर सुबह से ही लोगों को तांता लग गया।
मातम में तब्दील हुई खुशियां
हादसे में जिनकी मौत हुए, उनमें से एक उवैस की शादी को लेकर गांव में खुशी को माहौल था। देर रात हुए हादसे के बाद उवैस की शादी की खुशी भी मामत में बदल गईं। उवैस के दादा रहीस अहमद रात से ही घटना स्थल और फिर पोस्टमार्टम पर बैठे रहे।
डंपर भी हुआ राख
हादसे में कार के साथ डंपर भी जलकर पूरी तरह से बर्बाद हो गया। पुलिस का कहना है कि अगर डंपर चालक समय से डंपर छोडक़र नहीं निकलता, तो उसकी भी हादसे में जान चली जाती। क्योंकि कार में लगी आग ने कुछ देर में ही डंपर को भी अपनी चपेट में ले लिया। डंपर के सारे टायर आग से जल गए और उसकी बॉडी भी बर्बाद हो गई।
जांच कमेटी गठित, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
घटना की जानकारी पर डीएम रविन्द्र कुमार रात में ही मौके पर पहुंच गए। उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इसमें लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड नामित सहायक अभियंता द्वितीय सीताराम, परिवहन विभाग के सहायक संभागीय निरीक्षक मानवेन्द्र प्रताप सिंह और यातायात निरीक्षक मनीष शर्मा को शामिल किया गया है।