बरेली (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी के जिन चौराहों और तिराहों पर ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक कंट्रोल हो रहा है, उनमें से कई जगहों पर स्टॉप लाइन और जेब्रा लाइन धूमिल हो गई हैं। इनका गायब होना वाहन चालकों को बहुत भारी पड़ रहा है। कभी इने दिखाई न देने तो कभी जानबूझ कर इन्हें इग्नोर कर आगे बढ़ जाना वाहन चालकों के लिए भारी पड़ रहा है। ऐसे लोगों के धड़ाधड़ चालान काटे जा रहे हैं।
लड़खड़ा रही व्यवस्था
दरअसल ट्रैफिक सिग्नल वाले चौराहों और तिराहों पर जब सिग्नल रेड होता है तो वाहन चालकों को स्टॉप लाइन से पहले ही रुकना होता है। जहां यह स्टॉप लाइन मिट गई है, वहां पर वाहन चालक इस लाइन को क्रॉस कर आगे जेब्रा लाइन तक भी पहुंच जाते हैं। इस दौरान कई वाहन चालक तो सिग्नल की अनदेखी आगे निकल जाते हैं। इस गलती पर उनका ऑनलाइन चालान हो जाता है। इसकी जानकारी भी उन्हें तब होती है जब उनके मोबाइल पर इसका मैसेज आता है। ऐसे चालान की संख्या हर दिन सैकड़ों तक पहुंच रही है। ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम को फॉलो कराने के लिए बरती जा रही लापरवाही से चौराहों और तिराहों पर यातायात व्यवस्था लड़खड़ा रही है।
खाली हो रही जेब
स्मार्ट सिटी के अफसरों की लापरवाही की वजह से वाहन चालकों की जेब खाली हो रही है। चौराहों और तिराहों से स्टॉप लाइन गायब होने की वजह से वाहन चालकों को अंजादा नहीं हो पा रहा है कि वाहन कितनी दूरी पर रोकना है। ऐसे में वह स्टॉप लाइन क्रॉस कर जेब्रा लाइन तक पहुंच रहे है। स्टॉप लाइन क्रास होते ही वाहनों का ऑटो चालान हो जाता है। इसकी जानकारी जिसकी जानकारी वाहन चालकों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से मैसेज आने पर हो होती हे। चालान होने के बाद वाहन स्वामी के पास जुर्माना भरने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता।
डीएल निरस्त होने का डर
बता दें कि शासन सडक़ हादसों में मौत का आकड़ा शून्य करने की कवायद में जुटा हुआ है। इसके लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने से पहले वाहन चालक का टेस्ट भी कराया जा रहा है। ताकि वह सभी नियमों का जानकार बने और उसका पालन करे। ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने के बाद अधिकांश वाहन चालक यातायता नियमों की अनदेखी ही करते हैं। ऐसे लोगों पर अब शासन की ओर से ही सख्ती बरती जा रही है। इसको लेकर अब जो व्यवस्था बनाई गई उसके तहत महीने में तीन बार चालान होने पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह के लिए निरस्त हो रहा है। यातायात जागरूकता माह नवंबर तक चलाए गए अभियान में 62 वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त किए गए थे। यातायात नियमों के उल्लंघन पर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने या निलंबित करने की कार्रवाई परिवाहन विभाग करता है। हर माह कम से कम 25 से 30 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त हो रहे हैं। ऐसे में चौराहों से स्टॉप लाइन और जेब्रा लाइन गायब होने पर वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त होने का डर सता रहा है।
पहुंच रहा मैसेज
बता दें कि शहर के भर के प्रमुख चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, ताकि नियमों तोडऩे वालों का ई-चालान किया जा सके। चौराहों और तिराहों पर लगे कैमरों की निगरानी नगर-निगम में बने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से हो रही है। शुरुआत में तो स्टॉप लाइन क्रॉस करने और बिना हेलमेट के वाहन चालकों का चालन कट रहा था और उनके पास इसका मैसेज भी तुरंत ही पहुंच रहा था, पर अब कई-कई दिनों के बाद मैसेज पहुंचता है।
4 जून को शुरू हुआ ई-चालान
बता दें कि वर्ष 2022 में चार जून को पहली बार शहर में ई-चालान की व्यवस्था शुरू की गई थी। शुरुआत में शहर के दो प्रमुख तिराहों से ई-चालान कटना शुरू हुआ। इनमेंं इज्जतनगर रेलवे स्टेशन के पास का तिराहा और सौ फुटा रोड तिराहा शामिल था। इसके बाद धीरे-धीरे यह व्यवस्था शहर भर के चौराहों और तिराहों पर लागू कर दी गई।
नवंबर में चालान का आंकड़ा
14000: चालान हुए यातायात माह में
1.78 :करोड़ का लगाया जुर्माना
62 : वाहन चालकों के लाइसेंस हुए निरस्त