बरेली (ब्यूरो)। सर्दियों के बढऩे के साथ-साथ लोगों में कई सारी बीमारियां होनी शुरू हो जाती है। ठंड की वजह से सबसे कॉमन प्रॉब्लम हाथ-पैरों में सूजन की हो जाती है, जो एक टाइम के बाद बहुत ही प्रॉब्लमेटिक हो जाती हैै। ध्यान न देने पर कई बार यह इतना गंभीर रूप धारण कर लेती है कि लोगोंं को डॉक्टर के चक्कर भी काटने पड़ जाते हैैं।
क्या होता है पूरा प्रॉसेस
ठंड में बॉडी में रेनॉड सिंड्रोम हो जाता है। इसकी वजह से हाथ और पैरों की अंगुलियों में माइक्रोवेजेल में ऐंठन होने लगती है। इस वजह से वैसल सीमित हो जाता है। इस प्रॉब्लम से बचने के लिए लोग कई बार कई गलतियां भी कर देते हैैं, जैसे आग या हीटर के आगे सीधा हाथ-पैरों को हीट देना आदि। ऐसा करने से उसमें से लिमिटेड अमाउंट में ब्लड फ्लो होने लगता है और स्किन का रंग बदलने लगता है। इसके साथ-साथ जलन जैसी स्थिति हो जाती है। रेनॉड का सीधा कनेक्शन ठंडे तापमान से होता है।
लेडीज में ज्यादा प्रॉब्लम
घर का ज्यादा से ज्यादा काम महिलाओं को करना होता है। इसकी वजह से हाथ-पैर में सूजन की प्रॉब्लम ज्यादा होती हैै। ठंड की वजह से पैरा सिम्पेथेटिक और सिम्पेथेटिक नर्व स्टिमुलेट हो जाती हैैं और माइक्रोवेजेल में वैसोकांस्टिक्शन हो जाता है। इसके चलते ब्लड फ्लो अपनी रेगुलर स्पीड में नहीं फ्लो कर पाता है।
यूं बढ़ती है प्रॉब्लम
यह प्रॉब्लम पानी में ज्यादा काम करने की वजह से होती है। इसके अलावा जब वैदर एक्सट्रीम ठंडा हो जाता है तब भी यह प्रॉब्लम बढ़ जाती है। डॉक्टर के अनुसार जब भी वे पानी में काम करें तो इसके तुरंत बाद ही हाथ-पैरों को सुखा लें। ठंड की वजह से स्किन में खिंचाव आ जाता है। इससे सूजन की समस्या के साथ ही खुजली जैसी प्रॉब्लम बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए रेगुलर बेसिस पर लोशन या मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
क्या होती है प्रॉब्लम
हाथ पैरों की अंगुलियां सूज जाती है
अंगुलियां में जम जाते है खून के थक्के
अंगुलियों में होने लगती हैैं खुजली
ब्लड रेड होने पर इचिंग होने लगती है
क्या करें उपाय
डॉक्टर वीके केतन के अनुसार ठंड में यह प्रॉब्लम ज्यादा हो जाती है। इससे बचने के लिए लोगों को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। इसमें सबसे इंपॉर्टेंट यह है कि कोई भी परसन ठंड के डायरेक्ट एक्सपोजर में न आए। बाहर निकलते ही ग्लव्स और सॉक्स पहनें। इसके अलावा कई बार लोग ठंड से बचने के लिए गर्मी से ठंड और ठंड से गर्मी, बार-बार अंदर-बाहर आते-जाते रहते हैैं। इसकी वजह से यह समस्या बढ़ जाती है। बाहर निकलते टाइम बॉडी का तापमान सामान होने तक वेट करें।
यह भी रखें ध्यान
सर्दियों के मौसम में नंगे पाव जमीन पर न चलें। ऐसा करने पर ठंड सीधा बॉडी तक पहुंचती है और सूजन बढ़ जाती है।
पैरों में ऊनी मोजे पहनें, जो ठंड से बचने में हेल्प करेंगे।
बॉडी में पानी की मात्रा को कम न करें, खूब पानी पिएं।
डाइट में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डोज को शामिल करें।
सुबह उठ कर योग करें, इसकी वजह से ब्लड फ्लो मेंटेन रहता है
थोड़ा आउटडोर एक्टिविटी जरूर करना चाहिए
कुछ देर धूप में भी बैठने का प्रयास करें।
ज्यादा देर तक पानी में हाथ न भिगोएं
गुनगुने पानी में हाथ-पैर धोएं।
ठंड में लोगों को कुछ प्रिकॉशन लेकर ही काम करना चाहिए। कई बार लोगों की लापरवाही की वजह से यह समस्या बढ़ जाती है। ठंड के डॉयरेक्ट एक्सपोजर में नहीं आना चाहिए।
-डॉ। वीके केतन, सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन