बरेली (ब्यूरो)। सर्दी का मौसम आ गया है। इस मौसम में अक्सर सडक़ दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिनमें से कई तो इस कदर भयानक रूप से होती हैं कि कई लागों की जिंदगियां इनकी भेंट चढ़ जाती हैं। ऐसे एक्सीडेंट्स में पैसेंजर्स की जान बचाने के उद्देश्य से परिवहन निगम द्वारा बसों में ऑल वेदर बल्व लगाने की पहल की जा रही है ताकि कोहरे में बस को दूर से ही देखा जा सके। रोडवेज बस में फॉग लाइट लगाने पर प्रतिबंध है। यह ही कारण है कि ऑल वेदर बल्व लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही बसों में वाइपर, शीशे और रिफ्लेक्टर टेप भी लगाने का काम लगभग पूरा हो गया है। आरएम ने बताया कि ठंड के मौसम को लेकर शासन से मिले सभी दिशा निर्देशों का पालन कराया जा रहा है।

दूर से दिखता है वाहन
ऑल वेदर बल्ब की वजह से काफी हद तक हादसे टल जाते हैं। वेदर बल्ब की रोशनी हल्की येलो होती है। रात के समय कोहरा और धुंध होने के कारण दृश्यता कम हो जाती है। इस कारण चालक बहुत धीमी स्पीड में बस को चलाते हैं। ऐसे में सबसे अधिक प्रॉब्लम लॉन्ग रूटस पर होती है। ऑल वेदर बल्व वाहन में लगाने के बाद यह प्रॉब्लम कम हो जाती है, क्योंकि यह बल्व कोहरा और धुंध को काट देता है। इससे वाहन चलाते समय दृश्यता भी बढ़ जाती है। इनके लगने के बाद ड्राइवर को कोहरे में बस को चलाने में सुगमता होती है। यह बल्व लगाने के बाद घने कोहरे में भी बस दूर से आती हुई दिखाई दे जाती है, जिस वजह से सामने वाले वाहन का चालक बस को साइड दे देता है। इसके साथ ही बस से शीशे पर जमी धुंध को साफ करने के लिए लगभग सभी बसों में वाइपर भी लगवाए जा रहे हैं। जिन बसों में वाइपर खराब हैं, उन्हें ठीक करवाया जा रहा है। सर्दी में कोहरे की वजह से बस के शीशे पर ओस जम जाती है, जिस वजह से सामने कुछ दिखाई नहीं देता है। ऐसे में वाइपर न होने पर चालक को काफी दिक्कत आती है।

लगाए व्हाइट, येलो और रेड टेप
रुहेलखंड डिपो के एआरएम एके वाजपेई ने बताया कि सर्दी के मौसम में हादसे होने की आंशका ज्यादा बढ़ जाती है। हादसे न हो इस लिए कई कई तरह की सावधानियां बरती जाती हैं। इसी को लेकर बस के चारों ओर अलग-अलग रिफ्लेक्टर लगाए जाते हैं। बस के सामने व्हाइट, दोनों साइड में येलो और बस के पीछे रेड कलर का रिफ्लेक्टर टेप लगाया जाता है। रिफ्लेक्टर की वजह से भी बस सामने वाले को दूर से आती दिख जाती है। बसों में लगे शीशों को भी दुरुस्त किया जा रहा है। वर्तमान में अधिकांश बसों की स्थिति ऐसी है कि उनके शीशे लूज हैं, जिन्हें बंद भी करो तो झटकों में खुल जाते हैं, वहीं कई बसों में शीशे हैं ही नहीं। ऐसी बसों में शीशों को भी ठीक करवाया या नया लगवाया जा रहा है।

फस्र्ट एड बॉक्स हुए गायब
बता दें कि बरेली डिपो में 115 और रुहेलखंड डिपो में 118 बसें हैं। इससे पहले रुहेलखंड डिपो में बसों की संख्या 113 थी। हाल में ही पांच बसें शासन की ओर से मिली थीं, जिन्हें दिल्ली रूट पर लगा दिया गया है। कई बसों में से फस्र्ट एड बॉक्स ही गायब हो चुके हैं। ऐसे में यदि कहीं कोई दुर्घटना होती है तो उस कंडीशन में घायलों को प्राथमिक उपचार दे पाना संभव नहीं हो सकेगा। इसको लेकर आरएम दीपक चौधरी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि सभी परिचालकों को फस्र्ट एड बॉक्स दिए गए है। अगर किसी ने फस्र्ट एड बॉक्स गायब किया है तो वह बचेगा नहीं, जल्द ही बसों में इसकी चेकिंग की जाएगी।


लगभग सभी बसों में ऑल वेदर बल्ब लगवा दिए गए हैं ताकि सामने वाले वाहन चालक को बस दूर से दिखाई दे सके। इसके साथ बस के चारों ओर रिफ्लेक्टर भी लगवा दिए गए हैं। बसों के शीशे भी ठीक हो चुके हैं। जैसे ही शीशे को लेकर कोई कंप्लेंट आती है तो उसे तत्काल ठीक करवा दिया जाता है।
-दीपक चौधरी, आरएम