बरेली (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी की रोड पर वाहन पार्क न हो जिससे जाम की समस्या हो। इसके लिए शहर के अलग-अलग एरिया में चार मल्टी लेवल पार्किंग बनाई गर्ईं। ये चारों पार्किंग डेढ़ साल पहले बनकर तो तैयार हो गई हैं लेकिन इनको संचालित करने के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं। इस कारण ये चारों पार्किंग नगर निगम संचालित तो करा रहा है। लेकिन इसमें से तीन पार्किंग में खड़े होने वाले वाहन ही नहीं आते हैं। सिर्फ मोती पार्क में ही वाहन पार्किंग के लिए कुछ कारें जरूरत आती है। लेकिन तीन पार्किंग तो दिन भी खाली पड़ी रहती हैं। जबकि पाकिंग के सामने ही रोड पर अवैध पार्किग में ही पार्क हो रही हैं। यानि स्मार्ट सिटी इन पार्किंग को बनाने में तो 15.62 करोड से अधिक खर्च कर दिए लेकिन संचालित कराने के लिए सुध नहीं ली।

पार्किंग बनी शोपीस
स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में चार स्थानों पर मल्टी लेवल मैकेनिकल पार्किंग बनाई गई। इसके लिए करीब 15.62 करोड़ रुपये खर्च किए गए। शहर के चार स्थानों पर यह पार्किंग बनाई गई, जिसमें ढाई सौ कारें खड़ी हो सकती हैं। योजना के तहत कुतुबखाना स्थित मोती पार्क और गांधी उद्यान के सामने मल्टी लेवल मैकेनिकल पजल पार्किंग, संजय कम्युनिटी हाल और डीडीपुरम में पार्किंग बनाई गई हैं.ये चारों पार्किंग डेढ वर्ष पहले ही बनकर तैयार हो गई थी।

घंटाघर पार्किंग ही संचालित
स्मार्ट सिटी के तहत बनाई गई चार पार्किग में सिर्फ घंटा घर की पार्किंग की संचालित है। इस पार्किंग को नगर निगम के अफसर खुद ही संचालित करवा रहे हैं। जबकि बाकी तो तीन बंद ही पड़ी हैं। संजय कम्यूनिटी हाल पार्किंग का तो ये हाल है कि यहां पर दिन भर में कोई कार पार्क करने के लिए ही नहीं आता है। गांधी उद्यान पार्किंग में तो मल्टी लेवल पार्किंग के सामने रोड पर पार्क कारें मिल जाएंगी लेकिन पार्किंग खाली दिखेगी। यही हाल डीडीपुरम मल्टी लेवल पार्किंग का है।

निकाले गए टेंडर
अफसरों की माने तो नगर स्मार्ट सिटी के तहत तैयार हो चुके प्रोजेक्ट के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें 19 प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाले गए हैं। इसमें मल्टी लेवल पार्किंग, तांगा स्टैंड, अर्बन हॉट, हैंडीक्राफ्ट सेंटर, स्काई वॉक सहित 19 प्रोजेक्ट शामिल हैं। अफसरों की माने तो अर्बन हॉट और तांगा स्टैंड के लिए 30-30 साल के लिए टेंडर निकाले गए हैं। पटेल चौक पर बनाई गई स्काई वॉक के लिए 15 साल के लिए टेंडर निकाला गया है। पांच अगस्त तक ई टेंडर पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। टेंडर से सबंधित जानकारी के लिए भी बिड बैठक का आयोजन 22 जुलाई को होगा।

घंटाघर पर भी घटी कारें
घंटाघर मल्टी लेवल कार पार्किंग कर्मचारी अजहर ने बताया कि कुतुबखाना फ्लाईओवर के संचालन से पहले कार पार्किंग फुल रहती थी। लेकिन फ्लाईओवर के संचालन के बाद से उनके यहां पर कार पार्किंग करने वालों की संख्या घटी है। अब ऐसे में अब तो सिफ कभी पचास तो तो कभी 60 कारें ही दिन भर में आती है। कर्मचारी ने बताया कि वह दो घंटा के 50 रुपए और पूरा दिन कार पार्क करने के लिए सौ रुपए लेता है। इसी तरह गांधी उद्यान, संजय कम्युनिटी हाल और डीडीपुरम में कार पार्किंग का हाल बुरा था। वहां पर कर्मचारी ही नहीं दिख रहा था। कार पार्किंग जरूरत ओपन थी लेकिन कारें नहीं होने से कार पार्किंग करने के नाम पर कोई वाहन नहीं था।