बरेली (ब्यूरो)। कहावत है कि लालच बुरी बला है और यह कहावत चोरी के मोबाइल फोन खरीदने वालों पर सटीक साबित हो रही है। लोगों का चोरी हुआ और मिस हुआ मोबाइल फोन खरीदने के मामले में 500 से ज्यादा लोग पुलिस के चंगुल में फंस चुके है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस थाने और चौकियों के चक्कर काटने पड़ रहे है।
बना रहे बहाना
सस्ते के लालच में सेकेंड हैंड फोन खरीदने वाले लोग जैसे ही फोन में अपना सिम डालकर चलाते हैं। उन्हें सर्विलांस के जरिए पुलिस ट्रेस कर लेती है। शुरुआत में पुलिस ऐसे लोगों से संपर्क कर खूब हडक़ाती है और फोन की जानकारी जुटाने की कोशिश करती है। ऐसे में कई बार लोग डर कर फोन बंद कर लेते है। कई बार फोन खरीदने की सच्चाई बताने पर पुलिस युवक से दूसरे व्यक्ति की पूरी डिटेल मांगती है। इसी को लेकर युवक को कई बार थाने और पुलिस चौकियों के चक्कर लगाने पड़ते है। यहीं वजह है कि मौजूदा समय में लोग फोन पड़ा होने की बात कह कर पूरी कहानी से पल्ला झाड़ कर फोन पुलिस के पास जमा करा देते है। जबकि 500 से ज्यादा लोग ऐसे है जो इस मामले में फंस चुके है।
बरामद हुए 734 मोबाइल
मौजूदा समय में हर व्यक्ति के पास एक या एक से अधिक एंड्रॉयड मोबाइल फोन रहता है। ऐसे में मोबाइल चोरी और मिसिंग की घटनाएं भी खूब होती है। यह बात और है कि पुलिस मोबाइल फोन चोरी की रिपोर्ट दर्ज न कर के सिर्फ फोन मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज करती है। इसके बाद मोबाइल स्वामी अधिकारियों के ऑफिस में पहुंच कर अपने फोन को सर्विलांस पर लगवाते है। यही वजह है कि वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक पुलिस 734 एंड्रॉयड फोन बरामद लोगों को वापस पहुंचा चुकी है।
केस वन
चनेहटी के रहने वाले एक युवक ने सैकेंड हैंड फोन खरीद कर अपनी बहन को दिया था। बाद में पता चला कि वह फोन चोरी है। इसको जमा करने के लिए इज्जतनगर पुलिस ने युवक पर दबाव बनाया। अंत में युवक को फोन जमा करना पड़ा।
केस टू
लाल फाटक के रहने वाले मोहित प्रजापति ने जंक्शन पर एक युवक से फोन खरीदा था। युवक ने किसी दूसरे फोन का फर्जी बिल दे दिया। जैसे ही फोन चला। सर्विलांस टीम ने युवक तक पहुंच गई। इसके बाद युवक को फोन जीआरपी में जमा करना पड़ा।
केस थ्री
मढ़ीनाथ के रहने राजू राजपूत ने एक पुराना फोन खरीद कर अपनी पत्नी को दिया था। जिसको पुलिस ने ट्रेक कर लिया। पुलिस ने युवक से संपर्क किया। उसने बताया कि फोन पड़ा मिला था। इसके बाद युवक ने फोन एसपी सिटी कार्यलय में बने सर्विलांस ऑफिस में जमा किया था।
लोगों के गुम हुए फोन को सर्विलांस की मदद से ढूंढ कर उन्हे सौंपा जाता है। लगातार काफी मात्रा में फोन खोजकर लोगों तक पहुंचा रही है। जिससे लोगों में पुलिस पर भरोसा बड़ रहा है।
मुकेश प्रताप सिंह, एसपी क्राइम