बरेली (ब्यूरो)। घर के बाहर से लापता हुई तीन साल की मासूम माही पटेल 11वें दिन 27 अप्रैल की रात कालीबाड़ी मंदिर के पास सुरक्षित मिल गई। सीसीटीवी से पता चला कि उसे कोई महिला छोडक़र गई है। इससे साफ हो गया कि महिला ही उसे लेकर गई थी। मासूम के मिलने के बाद परिवार के जहन में कई सवाल हैं कि आखिर उनकी बेटी का कौन अपहरण कर सकता है। वहीं मासूम को जल्द बरामद करने का आश्वासन देने वाली पुलिस के दावे फेल हो गए। अब पुलिस अपनी लाज बचाने के लिए उस महिला की तलाश में जुटी है जो बच्ची को छोडक़र गई है।
खेलते समय हुई थी लापता
सुभाषनगर स्थित ललिता देवी मंदिर के पास रहने वाले मुकेश पटेल की तीन वर्षीय बेटी माही पटेल खेलते-खेलते 17 अप्रैल की शाम अचानक से लापता हो गई थी। थाना पुलिस ने गुमशुदगी लिखी। उसकी काफी तलाश की गई लेकिन, कोई सुराग हाथ नहीं लगा। 27 अप्रैल रात अचानक से कालीबाड़ी मंदिर के पास मासूम भटकते मिली। उसकी पहचान माही पटेल के रूप में हुई। वह काफी घबराई हुई थी। परिजनों ने बताया कि घटना वाले दिन एक महिला हाथ पकडक़र ले गई थी। फिलहाल, बेटी के सकुशल मिलने पर घरवालों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। सुभाषनगर पुलिस से महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पिता करते हैं प्राइवेट जॉब
मुकेश पटेल ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं। इसमें बड़ी बेटी कुमकुम नौ वर्षीय और माही उससे छोटी तीन वर्षीय है। पत्नी पिंकी देवी हाउस वाइफ हैं, जबकि मुकेश सीएनजी पंप पर काम करते हैं। बताया कि माही शाम को पड़ोसी बच्चों के साथ ललिता देवी मंदिर के पास खेल रही थी। शाम को साढ़े सात बजे तक घर नहीं पहुंची तो परिवार ने तलाशना शुरू किया लेकिन आसपास के बच्चों से भी कोई जानकारी नहीं मिली। परिवार वालों ने रात दस बजे तक तलाश किया उसके बाद 11 बजे थाना में तहरीर दी। सुभाषनगर पुलिस ने 18 अप्रैल को इस मामले में गुमशुदगी दर्ज कर छानबीन शुरू की।
20 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
परिवार वालों ने बताया कि पुलिस ने आसपास के 20 से अधिक सीसीटीवी खंगाले, लेकिन सीसीटीवी से भी कोई सुराग नहीं लगा। ललिता देवी मंदिर पर भी सीसीटीवी की रिकार्डिंग से भी कोई सपोर्ट नहीं मिली। अचानक अब कालीबाड़ी मंदिर के पास बच्ची के मिलने पर भी पुलिस ने वहां के सीसीटीवी निकलवाई है तो वहां पर एक महिला के साथ दिखाई दी। मंदिर के पुजारी ने आसपास के बच्चों से माही के गुमशुदगी के लगे पोस्टर पहचान कराई और दिए नम्बर पर कॉल करके परिवार वालों को सूचना दी। इसके बाद बच्ची को श्यामगंज पुलिस चौकी के सुपुर्द कर दिया। परिवार वाले रात करीब 11 बजे चौकी पर पहुंचे उसके बाद बच्ची को उनके सुपुर्द कर दिया गया। हालांकि बच्ची का सुबह को मेडिकल भी कराया गया।
अंजान कॉल ने बढ़ाई थी टेंशन
माही के गुम होने के बाद अनजान नंबरों से फोन आना शुरू हो गए। एक व्यक्ति ने फोन कर कहा कि वह मथुरा से बोल रहा है। उनकी बेटी उन्हें मिल गई है। ट्रेन में एक युवक उसे लेकर जा रहा था। मुकेश ने कहा कि वह अपनी बेटी को लेने आ रहे हैं। तब फोन करने वाले ने मना कर दिया। कहा कि, वह स्वयं आएंगे लेकिन उसका खर्चा देना होगा। पांच हजार रुपये मांगे। फिर दिल्ली से दूसरा फोन आ गया। उसने 12 हजार रुपये मांगे। इससे परिवार की टेंशन और बढ़ गई। हालांकि सुभाषनगर इंस्पेक्टर सतीश कुमार राय ने बताया कि जिन नंबरों से फोन आ रहे हैं, वह साइबर ठगों के हैं।
अब परिवार में खुशियां
माही के वापस घर लौटने के बाद परिवार के लोगों में खुशी का महौल है। लेकिन मन में सवाल भी हैं। परिवार के लोगों के साथ रिलेटिव का भी दिन भर आना जाना लगा रहा। वहीं परिवार के लोग खुशियां मना रहे हैं।
जवाब मांगते सवाल
माही मंदिर के पास से कालीबाड़ी एरिया तक कैसे पहुंची
आखिर कौन थी वह महिला जो कालीबाड़ी मंदिर के पास माही के साथ दिखी
पुलिस क्या उस महिला को तलाश पाएगी
इंटरनेट से कॉल करने वाले साइबर ठगों को बच्ची के गायब होने की जानकारी कैसे मिली
बच्ची को ले जाने वाली महिला ने इतने दिन आखिर उसे रखा कहां
माही अब कालीबाड़ी मंदिर के पास से मिल गई है। इस संबंध में पुलिस जांच कर ही है। जांच में जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घुले सुशील चन्द्रभान, एसएसपी