बरेली (ब्यूरो)। पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि आरोपित इंस्पेक्टर रामसेवक अपराधी की हैसियत देखकर रिश्वत मांगता था जिसकी जैसी हैसियत होती थी उससे उतनी रिश्वत की मांग की जाती थी। अगर कोई रिश्वत देने को मना करे तो उसे मुकदमा लिख जेल भेजने की धमकी देता था। अभी तक वह कितने लोगों से रिश्वत ले चुका है, इन सभी की भी जांच शुरू हो रही है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपित रामसेवक को अक्टूबर में फरीदपुर थाने में तैनाती दी गई थी। घटना के बाद इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है कि थाने में रिश्वत का खेल लंबे समय से खेला जा रहा होगा। यह बात अलग है किच् उच्चाधिकारियों को इस बारे में कोई भनक नहीं लगी। मगर अब जब सात लाख रुपये का प्रकरण सामने आया तो धीरे-धीरे परतें खुल रही हैं। पुलिसकर्मियों की माने तो पहले भी कई बार रामसेवक पर आरोप लग चुके थे। मगर कार्रवाई से हर बार वह बच जाता था। एक बार में रिश्वत के 9.96 लाख रुपये सामने आने के बाद पुलिस अब आरोपित इंस्पेक्टर के संपत्ति की भी जांच पड़ताल कराएगी। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि उसने पहले कितनी कमाई की है। उसके बैंक खातों से लेकर अन्य सभी चीजें खंगाली जाएंगी।
जिस थाने में इंस्पेक्टर थे, वहीं के बने मुल्जिम
इंस्पेक्टर राम सेवक की राजनैतिक लोगों से भी करीबी होना बताई जा रही है। वह एक भाजपा विधायक के करीबी भी बताए जा रहा है। पहले पीलीभीत में पूरनपुर माधोटांडा, गजरौला समेत कई थानों पर रहा है। बरेली में आने के बाद स्मैक तस्करों की मंडी के नाम से बदनाम फरीदपुर थाने का उसे प्रभारी बना दिया गया। इसके बाद से ही उसने लूट और वसूली शुरू कर दी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब एक साथ करीब 10 लाख रुपये रिश्वत के मिले। इसमें भी सात लाख रुपये स्पष्ट हो गए कि कहां से आए? तो पूर्व में आरोपित ने कितने रुपये की रिश्वत ली होगी। इंस्पेक्टर रामसेवक जिस थाने के प्रभारी थे, अब उसी थाने के मुल्जिम हैं। सीओ फरीदपुर गौरव ङ्क्षसह की ओर से फरीदपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में प्राथमिकी पंजीकृत कराई है।
सीसीटीवी कैमरों की भी होगी जांच
थाने में सीसीटीवी भी लगे हुए हैं। जिससे वहां का हर मूवमेंट रिकार्ड होता रहे। जांच टीम अब थाने के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच करेगी। इससे स्पष्ट होगा कि थाने में कौन कब आया और कब गया। इससे डीङ्क्षलग करने के तरीके में पुलिस को राहत मिल सकती है।
स्मैक तस्करी की है पूरी बेल्ट है फरीदपुर से फतेहगंज
फरीदपुर से लेकर फतेजगंज पूर्वी तक स्मैक तस्करी की पूरी एक बेल्ट है। पहले भी इन क्षेत्रों में पुलिस ने जमकर कार्रवाई की। यहां के लोगों पर गैंगस्टर, एनडीपीएस, संपत्ति जब्तीकरण जैसी तमाम कार्रवाई भी हो चुकी है। बावजूद इसके यहां पर तस्करी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।