बरेली (ब्यूरो)। कैंट बोर्ड डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाता है। यहां सॉलिड वेस्ट प्लांट के जरिए कूड़े को जैविक खाद्य बनाया जा रहा है। इससे कैंट बोर्ड खुद खाद्य खरीदने का पैसा तो बचा ही रहा है। इसके अलावा लोगों को बेहद कम दाम में जैविक खाद्य बेचकर कमाई भी कर रहा है।

निकलता है 22 टन कूड़ा
कैंट बोर्ड क्षेत्र में रोजाना 22 टन कूड़ा निकला है। यह कूड़ा उठाने वाले 16 इलेक्ट्रिक वाहनों से कलेक्शन किया जाता है। इलेक्ट्रिक रिक्शा के जरिए कूड़े को टे्रचिंग ग्राउंड पहुंचा जाता है। यहां सॉलिड वेस्ट प्लांट के जरिए कूड़े से खाद्य बनाई जाती है। इसके लिए बोर्ड ने सॉलिड वेस्ट प्लांट पर एक सुपरवाइजर के साथ ही 29 सफाई कर्मियों को तैनात किया है। जो कूड़े की गाडिय़ों से सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग स्थान पर उतारते है।

लाखों की कमाई
कैंट बोर्ड के सफाई निरीक्षक मनोज तिवारी ने बताया कि पहले कैंट बोर्ड को पूरे साल में पांच से छह लाख रुपए की खाद्य खरीदना पड़ती थी। लेकिन सॉलिड वेस्ट प्लांट लगाने के बाद अब बोर्ड को खाद्य नहीं खरीदनी पड़ती है। इसके साथ ही मौजूदा समय में कैंट बोर्ड पांच से छह लाख रुपए प्रति वर्ष खुद की खाद्य बेच रहा है। कैंट बोर्ड जैविक खाद्य मात्र दो रुपए प्रति किलो ग्राम के हिसाब से बेच रहा है। काफी कम दाम पर खाद्य मिलने की वजह से लोग बोर्ड से खूब खाद्य खरीद रहे है। मनोज तिवारी ने बताया कि ऑफिस सीजन के अलावा सीजन के मौके पर काफी मात्रा में खाद्य बिक जाती है।

ऐसे बनाते हैं खाद्य
जैविक खाद्य बनाने के लिए सबसे पहले कर्मचारी सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग करते हैं। इसके बाद ट्रेचिंग ग्राउंड में मिट्टी पर बने हुए अलग-अलग खानों में उसे मिट्टी में मिला दिया जाता है। इस दौरान इसमें गोबर, बेकार सड़े फल और सब्जियां के साथ अन्य समाग्री सही तरह से मिलाई जाती है। इसके बाद इसमें थोड़ी मात्रा में पानी डाल कर इसे 20 से 25 दिनों तक के लिए ढक कर रख दिया जाता है।

कूड़े से निकल रहा खर्च
कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि सॉलिड वेस्ट प्लांट में कुल 30 लोगों को स्टाफ काम करता है। जिसकी 70 प्रतिशत सैलरी कूड़े में मिलने वाले प्लास्टिक और लोहे के साथ अन्य सामान के मिलने से ही निकल जाती है।

क्षेत्र में हो रही सफाई
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के अलावा कैंट बोर्ड क्षेत्र में भी सफाई पर काफी ध्यान दे रहा है। बोर्ड रोड से निकले वाले कूड़े को भी एकत्र का सॉलिड वेस्ट प्लांट में पहुंचाता है। इसके अलावा क्षेत्र में पेड़ों के पत्तों को भी प्लांट में एकत्र कर खाद्य बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिस वजह से क्षेत्र में काफी सफाई रहती है।

किचन गार्डन वालों की डिमांड ज्यादा
कैंट क्षेत्र में काफी संख्या में ऐसे लोग है जिन्हें गार्डन का काफी शौक है। वह तरह-तरह की प्रजाति के प्लांट लगाते है। ऐसे में उन्हें भी कैंट बोर्ड से फायदा हो रहा है। उन्हें आसानी से जैविक खाद्य उपलब्ध हो रही है।


पहले कैंट बोर्ड को खाद्य खरीदना पड़ती थी। लेकिन अब नहीं खरीदनी पड़ती। कैंट बोर्ड जैविक खाद्य मात्र दो रुपए प्रति किलो ग्राम के हिसाब से बेच रहा है। ऑफिस सीजन के अलावा सीजन के मौके पर काफी मात्रा में खाद्य बिक जाती है।

- मनोज तिवारी, सफाई निरीक्षक कैंट बोर्ड