बरेली (ब्यूरो)। टेप्रेचर का &टॉर्चर&य लगातार बढ़ता जा रहा है। कई दिन से चल रही हीटवेव से हयूमन बॉडी ऑर्गन्स पर भी इफेक्ट पड़ रहा है। यह कहना है डॉक्टर्स का। डॉक्टर्स का कहना है कि तेज धूप में अधिक समय तक रहने से हयूमन बाड़ी के अलग अलग पाट्र्स पर कई तरह के इफेक्ट पड़ते हैं। इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए ताकि खुद को सेफ रख सकें। हीटवेव के दौरान कोशिश करें घर से बाहर न निकलें और निकले भी तो सावधानी बरतें ताकि समस्या से बचा जा सके।

बढ़ सकता है ब्लड प्रेशर
गर्मी में अधिक टेंप्रेचर हार्ट पर भी असर डालता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है। दिल की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है। बढ़ते तापमान में आपके दिल पर प्रेशर बढ़ सकता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ सकता है इसलिए अधिक टेंप्रेचर में सावधानी बरतना भी जरूरी है।

मैमोरी भी हो सकती वीक
अधिक गर्मी आपके ब्रेन को भी अफेक्ट करती है। लम्बे समय तक धूप में रहने के कारण आपकी मैमोरी और सीखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। हीट स्ट्रेस, सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी पर असर डालता है। इससे नई चीजें सीखने, नई यादें बनाने और जानकारी को याद रखने में मुश्किल हो सकती है। डिहाइडेशन की वजह से ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसीलिए अधिक समय तक धूप में रहने से बचें।

किडनी पर होता है अफेक्ट
लगातार बढ़ते टेप्रेचर में आपकी किडनी प्रभावित हो सकती है। 104 डिग्री फारेनहाइट से अधिक टेप्रेचर किडनी के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। कम पानी पीने से निम्न रक्तचाप और किडनी की कार्य करने की क्षमता कम हो जाएगी। इससे भी किडनी की समस्या बढ़ सकती है और आपको समस्याएं बढऩे की संभावना बढ़ जाती है।

स्किन को होती प्रॉब्लम
जब भी अधिक टेंप्रेचर हो तो ऐसे मौसम में फेस और स्किन को ढककर निकलें। अगर ऐसे मौसम में स्किन को ढंक कर नहीं निकलेंगे तो खुजली और एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है। अगर आपको डर्मेटाइटिस या एक्जिमा जैसी दिक्कतें हैं तो इस मौसम में वह और ज्यादा ट्रिगर हो सकती हैं। इसके चलते खुजली और रैशेज हो सकते हैं।

लंग्स की भी समस्या
तापमान में हो रहे लगातार बढ़ोतरी के कारण सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। इसके लिए सिर्फ गर्मी और उमस के अलावा ओर भी बहुत कुछ जिम्मेदार हो सकता है। गर्मियों के साथ दिन की रोशनी बढ़ जाती है और वातावरण में स्थिरता आ जाती है। इससे जिस हवा में हम सांस लेते है वह और और अधिक दूषित हो जाती है।


गर्मी में सबसे बड़ी समस्या हिडहाइडे्रशन की होती है। इससे मिनरल की मात्रा कम हो जाती है। गर्मी में पसीना अधिक आता है तो बॉडी के अंदर से नमक भी निकल जाता है। इससे ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है। चक्कर आना या फिर बेहोशी आना की भी समस्या हो सकती है इसलिए गर्मी में अधिक समय तक न रहें। ऐसे मौसम में लिक्वड और फ्रूट्स आदि लेते रहें।
-डॉ। सौरभ अग्रवाल, फिजीशियन