बरेली (ब्यूरो)। बारिश का मौसम भले ही 15 जून से शुरू हो जाता हो, पर यहां मानसून की बारिश शुरू होते-होते ही जुलाई का महीना आधा बीत जाता था। इस बार मानसून जल्दी सक्रिय होने से बारिश जून लास्ट से ही होने लगी। इसके बाद जुलाई में भी बादल लगातार बरस रहे हैं। महीने का फस्र्ट वीक तो पूरी तरह बारिश में ही गुजर गया है। पूरे दिन बारिश होने से लोगों को अपने काम पर जाना तक मुश्किल हो रहा है। बारिश सबसे ज्यादा मुसीबत स्टूडेंट्स के लिए बन रही है। सुबह बारिश होने कई पेरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते हैं। इससे स्कूलों में बच्चों की प्रजेंस भी सामान्य दिनों की अपेक्षा बहुत कम हो रही है। मानसून की इस सक्रियता से भले ही भीषण गर्मी से राहत मिल गई हो, पर बारिश में कहीं आना-जाना भी मुश्किल हो रहा है। इस मुश्किल से पार पाने के लिए सभी को अंब्रेला और रेन कोट की जरूरत पड़ रही है। इसी जरूरत को पूरा करने में अब मार्केट भी बेबस सा साबित हो रहा है।
पुराना स्टॉक सब साफ
बीते कुछ वर्षो में मानसून की सक्रियता कम रही। इससे सीजन में भी बरसात कम हुई। इसका सीधा असर मार्केट में अंब्रेला और रेन कोट की सेल पर पड़ा। सेल कम होने से दुकानों में इन चीजों का स्टॉक बना रहा। इस बार मानसून की झमाझम बारिश अन्य सालों की अपेक्षा जल्दी शुरू होने से अंब्रेला और रेन कोट आदि चीजों की सेल खूब हो रही है। इससे दुकानों में डंप पुराना स्टॉक सब साफ हो गया है। इससे कारोबारी भी खुश हैं।
खूब हो रही है सेल
बारिश लगातार होने से कहीं आने-जाने में परेशानी न हो, इसलिए सभी को अंब्रेला और रेन कोट की जरूरत महसूस हो रही है। यही वजह है कि इस बार मार्केट में इन चीजों की सेल पहले ही अपने पीक पर है। मार्केट में जिन दुकानों पर अंब्रेला और रेन कोट उपलब्ध हैं, वहां पूरे दिन इन चीजों की अच्छी सेल हो रही है। सेल बढऩे से इन चीजों का स्टॉक भी शॉर्ट हो रहा रहा। लोग अपनी पॉकेट के अनुसार ही रेन कोट खरीद रहे हैं।
पेरेंट्स ज्यादा खरीदार
इस बार रेन कोट के खरीदारों में सबसे ज्यादा पेरेंट्स है। यह वह पेरेंट्स हैं जिनके बच्चे बेसिक या जूनियर क्लासेस में पढ़ रहे हैं। पेरेंट्स के लिए ऐसे बच्चों को बारिश में भीगने से बचाना भी जरूरी होता है और स्कूल भेजना भी। इसके लिए रेन कोट ही सबसे ज्यादा कारगार है। मार्केट में दुकानदारों का भी कहना है कि इन दिनों सबसे अधिक छोटे बच्चों के ही रेन कोट बिक रहे हैं।
ट्रांसपेरेंट रेन ड्रेस की डिमांड हाई
इन दिनों यूं तो बरसात से बचाव करने वाली चीजें खूब बिक रही हैं, पर सबसे ज्यादा ट्रांसपेरेंट रेन ड्रेस बिक रही हैं। इनमें में भी छोटे साइज के रेन कोट आदि। यह ट्रांसपेरेंट रेन ड्रेस गल्र्स और ब्वॉयज के लिए हर साइज में उपलब्ध भी हैं। इनकी कॉस्ट ब्रांडेड रेन कोट से काफी कम होने के साथ ही यह कलरफुल भी हैं। इससे बच्चों को यह काफी पंसद आते हैं। दुकानदारों का कहना है कि ट्रांसपेरेंट रेन डे्रसेस की डिमांड अन्य सालों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। डिमांड अधिक होने से सप्लाई तक शॉर्ट हो रही है।
अंब्रेला की डिमांड भी खूब
बरसात से बचने के लिए अंब्रेला तो हर किसी की जरूरत है। इस बार मई और जून में आसमान से बरस रही आग से बचने के लिए भी लोगों को अंब्रेला की जरूरत पड़ी थी। इससे गर्मी में भी अंब्रेला खूब बिकी थीं। अब बरसात अधिक होने से भी अंब्रेला की डिमांड हाई है। मार्केट में फोल्डिंग अंब्रेला से लेकर बड़ी अंब्रेला तक खूब बिक रही हैं। बड़ी अंब्रेला पहले सिर्फ ब्लैक कलर में ही मिलती थीं, पर अब कई कलर के साथ ही मिक्स कलर में भी उपलब्ध हैं। ऐसी अंब्रेलाज को लोगू खूब पसंद भी करे हैं। मार्केट में इस बार रेन कोट और अंब्रेला की डिमांड अन्य सालों से ज्यादा है। बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश होने से अचानक डिमांड बढ़ी है। इससे सप्लाई तक शॉर्ट हो रही है। इन चीजों की अधिकांश सप्लाई कानपुर से होती है। वहां भी डिमांड अधिक होने से फैक्ट्रीज मेें माल उस तेजी से नहीं बन पा रहा है। सप्लाई समय से नहीं मिलने पर हम रिटेलर्स के ऑर्डर भी समय से नहीं दे पा रहे हैं।
राजेश छाबरा, होलसेल कारोबारी, प्रेसीडेंट शास्त्री मार्केट एसोसिएशन
इन दिनों बारिश पूरे दिन हो रही है। इससे बच्चों को स्कूल भेजना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे मौसम में बच्चों को स्कूल भेजना है तो पेरेंट्स के लिए उन्हेें रेन कोट दिलाना मजबूरी है। ट्रांसपेरेंट रेन कोट ही बच्चों की पसंद हैं।
उमा, पेरेंट