बरेली (ब्यूरो)। सरकार की ओर से जन औषधि केंद्र लोगों की मदद करने के लिए खोले गए थे, लेकिन ये जन औषधि केंद्र अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गये हैं। लोगों को सही से इनका लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। कुछ जन औषधि केंद्र लोगों को जेनरिक दवाएं बता कर महंगी और कंपनी की दवाएं बेच रहे हैैं। यह काम खुले आम चल रहा है। इसको लेकर जिम्मेदार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वेडनेसडे को हमारे रिपोर्टर ने जब एक जन औषधि केंद्र पर कॉल की तो केंद्र संचालक ने कुछ इस तरह जवाब दिया।
कुछ शॉप रख रहीं ब्रांडेड मेडिसिन
कुछ केंद्र संचालकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भारतीय जन औषधि के केंद्र में सिर्फ जेनरिक वाली दवाएं ही दी जाएंगी। इसके अलावा कोई और दवाएं नहीं दी जा सकती हैं। इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन हकीकत इस से परे हैै। आज भी कई दुकानों पर बेबाकी से नॉन जेनरिक मेडिसिन रखी जा रही हैं। ऐसे कर रहे लोगों को किसी का डर ही नहीं मालूम पड़ता है। वहीं कुछ शॉप पर तो आपको जन औषधि केंद्र और अंग्रेजी दवाखाने का बोर्ड एक साथ तक लगा दिख जाएगा।
ऐसे करें पहचान
भारतीय जन औषधि की दवाओं पर वाईएमपी डब्लूएचओ का लोगो दिख जाएगा। इसके साथ ही भारतीय जन औषधि भी लिखा हुआ होगा। अगर यह लोगों या सिंबल न लिखा दिखे तो इसका मतलब यह है कि वे दवाएं जन औषधि की नहीं हैं, बल्कि प्राइवेट दवाएंं है। केंद्रों पर जेनरिक दवाएं मार्केट में बिकने वाली दवाओं से आधे से कम दाम में मिलती हैैं।
लोगों को बनाते हैैं बेवकूफ
आम जनता को बीमारी तो पता होती है, लेकिन उस बीमारी में कौन सा सॉल्ट लें यह पता नहीं होता है। ऐसे में वे फार्मासिस्ट के भरोसे हो जाते हैैं। एसिडिटी की जेनरिक दवा 22 रुपए की स्ट्रिप आती है। हमारे रिपोर्टर ने एक जन औषधि केंद्र पर जब एसिडिटी की जेनरिक दवा मांगी तो केंद्र संचालक ने 12 रुपए की तीन गोली दीं, वह भी जेनरिक नहीं थीं। इसी का फायदा मेडिकल स्टोर वाले ले लेते हैैं। वे जो भी मेडिसिन दे वे वहीं भरोसा करके ले लेते हैैं। वहीं एक स्टोर संचालक ने बताया कि डॉक्टर्स भी सॉल्ट न लिख ब्रांड का नाम लिख देते हैैं। जो सिर्फ लोगों को सही से पता नहीं होता है सिर्फ डॉक्टर और उनके कैमिस्ट को पता होता है। वहीं अब को हर हॉस्पिटल में ही मेडिकल स्टोर खुल गए हैैं। समस्या को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर को कॉल किया तो उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।
वर्जन
जेनरिक दवाओं का उपयोग लोगों की मदद करने के लिए किया जाता है, लेकिन अब सब कुछ उल्टा ही दिखाई दे रहा है। वहां भी अव्यवस्थों का बोलबाला दिखाई दे रहा है।
-देवदास सिंह
हर जगह पर लोग सिर्फ मुनाफा ही देख रहे हैैं। आम जनता को खुलेआम बेवकूफ बनाया जा रहा है। लेने जाओ तो जन औषधि की दवा और मिलता कुछ और ही है।
-करन शर्मा