बरेली (ब्यूरो)। पीलीभीत बाइपास रोड पर 850 वर्गगज प्लाट कब्जे को लेकर हुए गैंगवार में एक और नाटकीय घटनाक्रम हुआ। गैंगवार के लिए बदमाश कंपनी एकत्र करने वाला आरोपित संजय राना जैसे ही 25 हजार का इनामी हुआ, उसे एनकाउंटर का खौफ ऐसा सताया कि घुटने टेक दिये। एसएसपी आफिस पहुंचकर सरेंडर कर दिया। पहुंचते ही गेट पर पहरा ड्यूटी में खड़े पुलिसकर्मी से कहा कि मैं गोलीकांड वाले राजीव राना का भाई हूं, मुझे गिरफ्तार कर लो, जिससे खलबली मच गई।
लखनऊ तक मची थी खलबली
22 जून को पीलीभीत बाइपास रोड पर प्लाट कब्जे को लेकर हुए गैंगवार में 100 राउंड गोलियां चलीं जिससे लखनऊ तक खलबली मच गई। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो ने खौफनाक मंजर की कहानी बयां की। इसी के बाद आरोपितों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। एक पक्ष के आदित्य उपाध्याय, उसके बेटे अभिराज, राना पक्ष के शिवओम कुमार, रङ्क्षवद्र, सनोज, संदेश, पंकज, ओमकार राठौर, हिस्ट्रीशीटर ललित सक्सेना, अर्जुन कश्यप, शैलेश प्रताप, अनिल उर्फ सनी, संजीव, विशाल, मुनाजिर अली उर्फ मुन्ना लभेड़ा, नमन गोस्वामी, हर्ष शर्मा, रोहित ङ्क्षसह, संजय ङ्क्षसह, होटल सीके वैली का मैनेजर मनोज कटियार, सरगना राजीव राना, उसका भाई हरिओम ङ्क्षसह, राधेश्याम, बेटे आशीष, राजन राना, ड्राइवर दिनेश, कृष्णपाल यादव उर्फ केपी, सुभाष लोधी, धनुष यादव उर्फ गुर्गा उर्फ सनोजित, मो। हुसैन उर्फ गोला समेत 30 आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। 31वां आरोपित रोहित ठाकुर अस्पताल में है।
होटल सिटी स्टार हुआ था ध्वस्त
घटनाक्रम में सरगना राजीव राना ने अपने होटल सिटी स्टार के ध्वस्तीकरण के दिन नाटकीय ढंग से आन कैमरा सरेंडर किया। ललित सक्सेना, कृष्णपाल यादव उर्फ केपी, सुभाष लोधी, धनुष यादव उर्फ गुर्गा उर्फ सनोजित व मो। हुसैन उर्फ गोला को मुठभेड़ में पकड़ा गया। बावजूद बदमाश कंपनी एकत्र करने वाला राजीव का भाई संजय राना, बदमाशों को होटल में ठहराने वाला होटल सीके वैली का मालिक चांद मियां हत्थे नहीं चढ़े। लिहाजा, आरोपितों के विरुद्ध एसएसपी ने 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। इनाम होते ही बुधवार को संजय राना वेश बदल गमछा लपेटकर एवं छाता लगाकर एसएसपी आफिस पहुंचा और सरेंडर कर दिया। तत्काल ही सीओ तृतीय अनीता चौहान को बुलाया गया। आनन-फानन में वह आरोपित को लेकर इज्जतनगर थाने पहुंची। पूछताछ में उसने चौकाने वाले राजफाश किये। आरोपित को मिलाकर प्रकरण में अब तक कुल 32 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
25 लाख में था ठेका, छह माह पहले ही दिये तीन लाख एडवांस
पूरे घटनाक्रम में अब तक सामने आई कहानी पर राजीव राना के भाई संजय राना ने मुहर लगा दी। हैरानी वाला यह तथ्य सामने आया कि कब्जे की पूरी पटकथा छह माह पहले ही तैयार कर ली गई थी जिसमें एडवांस के तौर पर हिस्ट्रीशीटर केपी यादव को तीन लाख रुपये दे दिये गए थे।
सीके वैली में असलहे बांटे गए
इज्जतनगर पुलिस के अनुसार, संजय राना ने बताया कि भाई राजीव राना ने कहा था कि पीलीभीत बाइपास रोड पर एक बड़ा प्लाटच्है। अच्छा काम है। उस पर कब्जा करना है। कुछ दिक्कत आ सकती है, इसलिए पूरी तैयारी रखनी होगी। कहा कि हिस्ट्रीशीटर केपी यादव तुम्हारा परिचित है। उससे बात कर बदमाशों का प्रबंध कर लो। छह माह पूर्व ही केपी से बातचीत की। पांच लाख रुपये में बदमाशों के इंतजाम की बात तय हो गई। तीन लाख एडवांस दे दिये। कुछ दिनों बाद केपी ने कहा कि बड़ा काम है, इतने हल्के में नहीं हो पाएगा और 25 लाख रुपये की मांग की। राजीव को यह बात बताई तो उसने कहा कि हां कर लो। इसी के बाद केपी यादव के जरिये संजय ने जिले के बदमाशों की कंपनी तैयार की। घटना से ठीक पहले फिर केपी ने बदमाशों में बांटने के लिए ढाई लाख रुपये लिये। पार्टी के बीच ही सिटी स्टार होटल व सीके वैली में बदमाशों को रुपये व असलहे बांटे गए। पूरी योजना बताई गई और घटना को अंजाम दिया गया। काम के बाद शेष रकम केपी को देना तय था लेकिन, कहानी बिगड़ गई। काम के बाद घटना में शामिल प्रत्येक बदमाश को 20-20 हजार रुपये और मिलने थे।
रुद्रपुर व खटीमा में काटी फरारी
इज्जतनगर पुलिस के अनुसार, आरोपित ने रुद्रपुर व खटीमा में फरारी काटी। यहां भी उसके रहने का प्रबंध राजीव राना ने कराया था। इसके बाद राजीव ने ही संजय के हरिद्वार व लखनऊ में रहने का प्रबंध कराया लेकिन, राजीव के सरेंडर के बाद संजय छिप-छिपकर रहने लगा। खुद को चौतरफा घिरता देखकर सरेंडर कर दिया।