बरेली (ब्यूरो)। भीषण गर्मी से लोग काफी परेशान है। ऐसे में घर से निकलते ही लोगों का गला जल्दी सूख जाता है। प्यासे आम लोग गला तर करने के लिए अपने आसपास हैंडपम्प से प्यास बुझाते है। लेकिन शहर के ज्यादातर हैंड पंप के पहले से ही हलक सूखे हुए हैं। ऐसे में लोगों को प्यासा ही वहां से गुजरना पड़ता है। कई बार लोगों को दुकानों से पानी खरीद कर पीना पड़ता है। मौजूदा समय में भी शहर भर में सरकारी हैंड पंप खराब पड़े है। जिनसे पानी नहीं आ रहा है। तो वहीं कई हैंड पंप ऐसे भी है जिनका पानी पीने योग नहीं है। इसको लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ग्राउंड पर जाकर हकीकत को जाना। इसको लेकर पेश है एक रिपोर्ट
पहुंच रही शिकायतें
नगर निगम की पानी की सप्लाई कभी भी खराबी की वजह से बंद हो जाती है। इसके साथ ही कई बार लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई होने लगता है। ऐसे में पुराने इंडिया मार्का हैंडपंप शहर वासियों के लिए बड़ी राहत पहुंचाने का काम करते है। अफसरों की लापरवाही की वजह से यह विकल्प भी खत्म होता जा रहा है। हैंडपंपों की असल स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। शहर में तमाम जगह हैंड पंप खराब पड़े हुए है। नगर निगम पर शहर के 80 वार्डों में पानी की सप्लाई पहुंचाने की जिम्मेदारी है। इसके लिए शहरी क्षेत्र में 42 ओवर हेड टैंक बने हुए है। ओवर हेड टैंक की संख्या कम होने की वजह से ही आधे वार्डों में लोगों को कम प्रेशर से पानी मिल रहा है। इसको लेकर नगर निगम में तमाम इलाकों से तरह तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं।
कागजों में दे रहे पानी
शहर भर में स्मार्ट सिटी के तहत कई तरह के काम हुए। इसके में रोड का चौड़ीकरण और सीवर लाइन बिछाने का कार्य काफी लंबे समय तक चला। ऐसे में कई हैंडपंप सीवर लाइन बिछाने के दौरान उखाडक़र फेंक दिए गए। वहीं सडक़ चौड़ीकरण के दौरान कई हैंडपंप हटा दिए गए। लेकिन यह हैंडपंप जलकल विभाग के दस्तावेजों में अब भी लोगों को पानी दे रहे हैं। बता दें कि आजमनगर में सीवर लाइन और पाइप लाइन बिछाने के दौरान क्षेत्र के तीन हैंड पंप उखाड़ लिए गए थे। इसके साथ ही शहर भर के तमाम क्षेत्र से हैंड पंप गायब हो गए। जिसके बारे में विभाग को भी जानकारी नहीं है।
बढ़ी पेयजल की डिमांड
नगर निगम लंबे समय बाद भी शहरवासियों को जरूरत के मुताबिक पीने के पानी की पूरी सप्लाई पहुंचाने में सक्षम नहीं हो पा रहा है। शहर में 142 एमएलडी यानी 14 हजार 200 लाख लीटर पानी की सप्लाई लोगों तक पहुंच रही है। जबकि नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक ही शहर वासियों को 175 एमएलडी यानी 17 हजार 500 लाख लीटर पानी की जरूरत है। जिसकी डिमांड गर्मी के मौसम में और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
डीएम के निर्देश दर किनार
बता दें कि डीएम रविन्द्र कुमार ने गर्मी की शुरूआत में ही जिले भर के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वह जिले भर में खराब पड़े हैंड पंप को सही करा दें। इसके साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया था। ताकि आम लोग खराब हैंड पंप की शिकायत कर सकें।