बरेली (ब्यूरो)। जिले में नेपाल और झारखंड से ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। शहर से लेकर देहात तक करोड़ों की ड्रग्स सप्लाई हो रही है। यहीं वजह है कि अब तक पुलिस करोड़ों रुपए की ड्रग्स बरामद कर करीब 2 सौ से ज्यादा तस्करों को जेल भेज चुकी है। बड़े तस्कर नेपाल बॉर्डर क्रास कर भारत में ड्रग्स लाते है। इसके बाद वह अलग-अलग प्रदेश और जनपदों में सप्लाई करते है। नेपाल के रास्ते ही बड़ी मात्रा में ड्रग्स बिहार में पहुंचाई जाती है। यहां से तस्कर झारखंड के रास्ते आसानी से जिले में सप्लाई करते है। यहीं वजह है कि जिले में नेपाल और झारखंड से ड्रग्स की सप्लाई करने वाले लगातार पकड़े जाते है।

कार और लोडिंग वाहन से तस्करी
नेपाल, झारखंड और बिहार के रास्ते जिले में तस्करी करने वाले बड़े तस्कर करोड़ों रुपए की ड्रग्स कार और लोडिंग वाहन के जरिए जिले में लाते है। करोड़ों की ड्रग्स की तस्करी करने वाले तस्कर बहुत ही हाई प्रोफाइल तरीके से ड्रग्स लाते है, ताकि आम आदमी और पुलिस शक न कर सके। कई बार तो तस्करी के मामले में बड़े-बड़े नेता लग्जरी कारों के साथ गिरफ्तार हुए है। तो कई बार तस्कर ऑटो और ई-रिक्शा में कई-कई लाख की ड्रग्स के साथ पकड़े गए है। यही नहीं इसके साथ ही कई बार तस्कर लोडिंग वाहनों के जरिए ड्रग्स की तस्करी करते है, ताकि पुलिस को किसी तरह कोई शक न हो। बावजूद इसके पुलिस कई बार लोडिंग वाहनों से भी ड्रग्स बरामद कर तस्करों पर कार्रवाई कर चुकी है।

सफेदपोश भी तस्करी में गिरफ्तार
ड्रग्स तस्करी के मामले में पुलिस ने तस्करों को गिरफ्तार कर काईवाई की ही, इसके साथ कई सफेदपोश नेताओं को भी रंगे हाथ गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा। पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी में नगर पंचायत के सपा सभासद शाहिद उर्फ कल्लू को स्मैक के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपित के पास से पुलिस ने 25 लाख की स्मैक बरामद की थी। इसके साथ फरीदपुर के पढेरा गांव का रहने वाले ग्राम प्रधान को छोटे खां को पुलिस ने कई लाख रुपए की स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित पर पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद पिट एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई भी की थी। जो उत्तर प्रदेश में पहली कार्रवाई किसी तस्कर पर हुई थी।

केस वन

कैंट पुलिस ने झारखंड के रहने वाले दिलीप कुमार मेहता पुत्र हेमराज मेहता निवासी झारखंड के जिला चतरा के गांव रामटुंडा को 400 ग्राम ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। जिसकी कीमत 40 लाख रुपए बताई गई थी। आरोपित ने पुलिस को पूछताछ में बतया था कि वह ड्रग्स सप्लाई का काम करता है। वह बरेली, पीलीभीत और बदायूं समेत अन्य जिलों में ड्रग्स के कई बार सप्लाई कर चुका था। कैंट पुलिस ने सेटेलाइट के पास से आरोपित को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित ने दो लोगों को नाम कबूल कर बताया था कि उससे ऑन डिमांड ड्रग्स मंगाई गई थी।

केस टू

फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के मोहल्ला सराय के रहने वाले नदीम और मोहसिन को पुलिस पुलिस ने चार किलो स्मैक, 14 किलो कट व पावर पाउडर के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों ही आरोपितों ने पुलिस को बताया था कि वह झारखंड से सस्ती अफीम लाकर महंगे रेट पर बेचते थे। इसके साथ ही झारखंड से लाई गई अफीम में केमिकल मिलाकर उससे स्मैक बनाते थे, और उसकी दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में सप्लाई करते थे। इससे पहले भी आरोपित जेल जा चुके थे।

केस थ्री

एसटीएफ ने पकड़ा था
एसटीएफ ने तीन किलो अफीम के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही आरोपितों के पास से 82 हजार की नकदी भी बरामद की थी। जिसमें एक युवक झारखंड का रहने वाला था। गिरफ्तार हुए तस्करों में झारखंड के चतरा जिले का परतापुर थाना क्षेत्र के रहने वाला संजय पासवान और दूसरा बदायूं के वजीरगंज के ग्राम लहरालापुर का रहने वाला रामचन्द्र गिरफ्तार हुए थे। दोनों को रामगंगा के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि वह आदिवासी संजयदास से अफीम लेकर बरेली, बदायूं, पीलीभीत और उत्तराखंड में सप्लाई करता था।

ड्रग्स तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जाती रही है। मौजूदा समय में भी अभियान चलाकर तस्करों पर कार्रवाई होती है। तस्करों पर कमरतोड़ कार्रवाई के लिए उनकी संपत्ति भी जब्त करने के साथ बुलडोजर तक चलाया जाता है।
मुकेश चन्द्र मिश्र, एसपी नार्थ