बरेली (ब्यूरो)। जिले में कुत्तों को आतंक लगातार बढ़ रहा है। रोजाना आवारा कुत्ते लोगों को काटकर घायल घर रहे। वेडनेसडे की सुबह मीरगंज में आवारा कुत्तों ने एक मासूम बच्ची पर हमला कर दिया। चार कुत्तों ने बच्ची को बुरी तरह से नोचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मौक पर पहुंचे लोगों ने बच्ची को बचाया। इसके बाद बच्ची को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्ची की हालत गंभीर बताकर उसे जिला अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है।
खेलने जा रही थी छात्रा
मीरगंज थाना क्षेत्र के नाथुपुरा के रहने वाले भगवान दास मजदूरी करते हैं। उनकी छह वर्षीय बेटी प्रिया गांव के ही प्राथमिक विद्यायल में पढ़ाई करती है। सुबह करीब नौ बजे बच्ची की मां सुनीता देवी किसी काम से पड़ोस के घर गई थी। उनकी बेटी प्रिया घर के पास बने एक पार्क में खेलने जा रही थी। इसी बीच कुछ ही दूर पर उसे आवारा कुत्तों ने घेर लिया। डरी सहमी बच्ची ने मौके से भागकर कर खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन चार कुत्तों ने बच्ची पर हमला कर उसे जमीन पर गिरा लिया। इस दौरान कुत्तों ने बच्ची को कई जगह से बुरी तरह से नोच डाला। बच्ची की खीच-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने कुत्तों को भगाकर बच्ची की जान बचाई।
बेहोश हो गई मां
घटना की जानकारी होने पर बच्ची की मां सुनीता मौके पर पहुंच गई। बच्ची की हालत देखकर मौके पर बेहोश हो गई। कुछ क्षण बाद ही मां के होश में आ गई। इस दौरान आनन-फानन में बच्ची को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां बच्ची को प्राथमिक उपचार देने के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताकर जिला अस्पताल में रेफर कर दिया। इसके बाद बच्ची को जिला अस्पातल में भर्ती कराया गया। जहां उसका उपचार चल रहा है। डॉक्टरों ने बच्ची की हालत स्थिर बताई है।
शहर में हजारों आवारा कुत्ते
बता दें कि शहर में 25 हजार से ज्यादा आवारा कुत्तों है। तेजी से आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है। नगर निगम के पास कुत्तों को पकडऩे और उनको बधिया करने का पूरा सिस्टम है। लेकिन लापरवाही की वजह से कुत्तों को बधिया नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि कुत्तों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, और वह लोगों पर खूब हमला कर रहे है।
मांसाहार होने से हमलावर
बता दें कि लंबे समय तक भूखे की वजह से कुत्तों को मानसिक रूप से लकलीफ में पहुंच जाते है। जिस वजह से वह लोगों पर हमला करने लगते है। यही नहीं मांस खाने के बाद भी कुत्ते हमलावर हो जाते है। यहीं वजह है कि ज्यादातर मामले कुत्तों ने जहां लोगों पर हमला किया है। उसके आसपास मांस की दुकाने है।
सिर्फ 120 कुत्ते
शहर में हजारों की संख्या में लोग अलग-अलग ब्रीड के कुत्तों को पाल रहे है। लेकिन नगर निगम में नाम मात्र को ही सिर्फ 120 कुत्ते रिकॉर्ड में दर्ज है। बता दें कि सिर्फ 10 रुपए में कुत्तों का रजिस्ट्रेशन होता है। जो एक साल तक मान्य रहता है। इसके बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है। बावजूद इसके लोग कुत्तों को रजिस्ट्रेशन नहीं करते है। कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जिम्मेदार विभाग भी आपनी ओर से अभियान नहीं चलाते है।
300 को लग रही एआरवी
कुत्तों के काटने की घटना को जिला प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है। मगर इसके आंकड़े काफी भयानक है। बता दें कि 300 बेड अस्पातल में करीब 300 कुत्ते काटे की लोग पहुंच रहे है। जिनको एंटी रैबीज लगाई जा रही है।