बरेली (ब्यूरो)। जुलूस-ए-मोहम्मदी के आयोजन में शामिल होने जा रही अंजुमन (टोली) के रूट को लेकर रविवार रात विवाद हो गया। जोगी नवादा के दर्जनों मुस्लिम युवक चक महमूद मुहल्ला होकर सैलानी जाना चाहते थे मगर, रास्ते में मौर्य वाली गली में दर्जनों ङ्क्षहदू महिलाएं सडक़ पर बैठ गईं। उन्होंने नई परंपरा बताते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष परंपरागत रूट बताकर उसी रास्ते से गुजरने बात कहता रहा। दोनों पक्षों में घंटों तनातनी होती रही। नारेबाजी और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई। देर रात तक अधिकारी दोनों पक्षों को शांत करने के प्रयास में जुटे थे।
सोमवार को जुलूस-ए-मोहम्मदी का मुख्य जुलूस निकलता है। इससे एक दिन पहले पुराना शहर में भी आयोजन होता है, जिसमें कई मुहल्लों के अंजुमन शामिल होने आती हैं। जोगी नवादा की अंजुमन को भी सैलानी मुहल्ला पहुंचकर इसी अंजुमन में शामिल होना था। इसके लिए दर्जनों युवक साउंड सिस्टम लेकर जोगी नवादा में एकत्र हो गए थे। रात आठ बजे वे जुलूस के रूप में चक महमूद की ओर बढ़े, तभी मौर्य वाली गली से ङ्क्षहदू पक्ष के लोग सडक़ पर आ गए। उनका आरोप था कि सावन में हमारे मुहल्ले की कांवड़ यात्रा को शाह नूरी मस्जिद के सामने से नहीं निकलने दिया गया था। अब इस मुस्लिम पक्ष गैर परंपरागत तरीके से जुलूस लेकर निकलना चाहता है, इसलिए विरोध किया जा रहा। तनावपूर्ण स्थिति देखकर पुलिस बल बुलाया गया मगर, गली में अंधेरा कर महिलाएं सडक़ पर धरना देकर बैठ गईं। दर्जनों युवक जुलूस नहीं निकलने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। इस बीच फोर्स को दूसरे छोर पर भी लगाया। जुलूस लेकर आ रहे मुस्लिम पक्ष को वहां से 50 मीटर रोकने के बाद अधिकारी दोनों पक्षों से अलग-अलग बात करने लगे। समाधान का प्रयास किया जा रहा था मगर, दोनों ओर धार्मिक नारेबाजी शुरू हो गई। माहौल बिगड़ता देखकर फोर्स बढ़ाई गई परंतु, कोई भी पक्ष दबाव में आने को तैयार नहीं था। रात 11 बजे जुलूस में शामिल लोग जबरन आगे बढऩे लगे। ऐसे में दोनों संप्रदाय के लोगों में सीधा टकराव हो जाता, इसलिए पुलिस ने सख्ती की। नारेबाजी कर आगे बढ़ रहे लोगों को पीछे हटाने पर पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई। 15 मिनट तक अफरातफरी के बाद उन युवकों को पीछे धकेल दिया गया।