बरेली (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में लगी फेंसी लाइट पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन मुख्य चौराहों, तिराहों और फुटपाथ पर निकलने वालों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्हें अंधेरे से होकर ही गुजरना पड़ता है। हालांकि जिम्मेदार इस बात का दावा करते है कि प्रोजेक्ट के तहत लोगों को सुविधा मिल रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब पड़ताल की तो इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही निकली पीलीभीत बाईपास, तीन सौ बेड हॉस्पिटल के पास समेत कुछ स्थानों पर अधिकतर लाइटें बंद मिली।
ढकी हुई हैं लाइटें
शहर के खुर्रम गौटिया मार्ग पर पेड़ों के पत्तों और जंगली बेल ने फेंसी लाइटों को पूरी तरह ढक लिया है। इससे लाइटों की रोशनी तो दूर की बात है लाइटों के पोल भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। यहां पेड़ और बेल ने लाइटों को चारों तरफ से जकड़ लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति काफी समय से है। अभी तक इस ओर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं दिया है। रात में अंधेरा हो जाने पर यहां से गुजरने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना होता है।
हादसा होने का खतरा
300 बेड अस्पताल के पास ज्यादातर लाइटें बंद पड़ी हैं। इसके अलावा जो लाईटें जल रही होती हैं वह अधिकतर तिरछी हैं। उनकी रोशनी रोड पर न आकर दीवारों और अन्य दिशाओं की ओर है। इसके कारण पूरे रास्ते पर अंधेरा रहता है। यहां से आने जाने वाले लोगों अंधेरे के कारण काफी दिक्कत होती है। इसके अलावा इस रोड से भारी वाहन ज्यादा संख्या में गुजरतें हैं। दो पहिया वाहन वालों की दुर्घटना का खतरा बना रहता है। यदि जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी काई बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
फेंसी लाइट के पोल खोल रहे पोल
पीलीभीत बाईपास रोड पर सीएनजी पंप से लेकर काफी दूरी तक पोल नहीं लगे हैं। वहीं इस पूरे रास्ते पर ज्यादातर लाइटें बंद पड़ी रहती हैं। इसके अलावा पोल्स पर लगी लाइटें बदहाल स्थिति में हैं। खुर्रम गौटिया से कैंट पावर हाउस जाने वाले रोड रोड पर भी यही हाल है। जिम्मेदारों ने यहां पोल तो लगा दिए पर इन पर लाइट लगाना भूल गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि साल भर से ज्यादा गुजर चुका है पर इन पोल पर लाइटें नहीं लगी है।