विलेज पोस्टिंग तो ठीक लेकिन
 डॉक्टर्स की डिग्री लेने के बाद युवाओं की पोस्टिंग सबसे पहले गांव में की जाएगी। कुछ समय पहले तक इस तरह की खबरें सुर्खियों में थीं। श्रीराम मूर्ति स्मारक में सैटरडे को हुए कॉन्वोकेशन डे पर जब इस बारे में नए जोश और उमंग से भरे डॉक्टर्स से बात की तो ज्यादातर ने गांव में होने वाली पहली पोस्टिंग को न कहा। कुछ ही ऐसे थे जिन्होंने इस बात के लिए हांमी भरी। वहीं जब ये पूछा गया कि इतनी बड़ी संख्या में पास आउट होने के बाद भी डिस्ट्रिक हॉस्पिटल में क्यों कमी है डॉक्टर्स की। तो इस बारे में भी उनके जवाब कम दिलचस्प नहीं रहे।


गांव में काम करने में कोई हर्ज तो नहीं है लेकिन ज्यादा समय गांव में बिताना संभव नहीं है क्योंकि गांव में संसाधनों का अभाव है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पोस्टिंग लेने में कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन जॉब के मुताबिक पैसे सही नहीं मिलते।
  - डॉ। रिदम


गांव में पोस्टिंग मिलने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसे एमबीबीएस के पांच साल के ही कोर्स में शमिल किया जाना चाहिए। जहां तक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पोस्टिंग की बात है, तो वहां का पे स्ट्रक्चर सही नहीं है।
- डॉ। ईशा गर्ग

गांव में काम करने में हमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में यदि पे सही मिले तो वहां काम करने में कोई बुराई नहीं है। गवर्नमेंट को भी मेडिकल कॉलेजेज में सीटें बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, ताकि देश को और अच्छे डॉक्टर्स मिल सकें।
- डॉ। अभिनव


गांव में काम करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन मौजूदा संसाधनों में गांव में ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता। यदि पे सही मिले तो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मुझे काम करने में कोई आपत्ति नहीं है। गवर्नमेंट को डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजेज में एमबीबीएस की सीटों में इजाफा करना चाहिए।
- डॉ। पूजा


कुछ समय तक तो गांव में पोस्टिंग लेने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन ज्यादा समय तक वहां रहना पॉसिब्ल नहीं है।
  -डॉ। जूही


पापा का सपना किया पूरा
श्री राम मूर्ति स्मारक की डॉ। ईशा गर्ग ने 70 परसेंट माक्र्स के साथ एमबीबीएस के एग्जाम में ओवरऑल टॉप किया। उन्हें एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल ईयर एग्जाम में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने पर आर यू के वीसी प्रो। सत्यपाल गौतम ने श्री राम मूर्ति गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। डॉ। ईशा ने बताया कि एम्स के एग्जाम में उनकी 83 रैंक आई है। इसके कारण वे अपनी आगे की पैथो ट्रांस फ्यूजन मैडिसिन की एजुकेशन दिल्ली के एम्स से पूरी करेंगी। डॉ। ईशा ने बताया कि जहां उनका एक ओर डॉक्टर बनना उनके पिता डॉ राकेश गर्ग का सपना था, वहीं उन्हें भी इस फील्ड में इंट्रेस्ट था। इसकी वजह से ही उन्होंने इस फील्ड का सेलेक्शन किया। डॉ। ईशा ने बताया कि सीपीएमटी में उनकी 1000 रैंक थी। रैंक अच्छी होने के बाद भी उन्होंने इस कॉलेज को चुना इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यहां का एडमिनिस्ट्रेशन था। वे अपनी सफलता का श्रेय भगवान, पैरेंट्स, अपने फूफा केएल बंसल, टीचर और अपने फ्रेंडस को देती हैं।
सपने हुए सच
श्री राम मूर्ति स्मारक से एमबीबीएस की स्टूडेंट डॉ। पूजा गर्ग ने 75 परसेंट अंकों के साथ एमबीबीएस में टॉप किया। उन्हें एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल एग्जाम में सेकेंड हाईएस्ट माक्र्स अचिव करने पर आरयू के वीसी प्रो। सत्यपाल गौतम ने सिल्वर मेडल से सम्मनित किया। वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी फैमिली को देती हैं। उन्होंने बताया कि वे आगे आने वाले समय में केजीएमसी लखनऊ से गायनी में स्पेशलिस्ट बनना चाहती हैं। कुछ दिनों पहले आरयू में हुए दीक्षांत समारोह में डॉ। पूजा को एमबीबीएस के फाइनल एग्जाम में टॉप करने पर गवर्नर से मिले गोल्ड मेडल को अपनी जिंदगी का एक यादगार पल मानती हैं। उन्होंने बताया कि मैंने मॉर्निंग और ईवनिंग में केवल 1 घंटे ध्यान से स्टडी करके इस सफलता को प्राप्त किया है। डॉ। पूजा ने बताया कि इस फील्ड में आने का मुझे तो इंट्रेस्ट था ही साथ ही मेरे पैरेंट्स का भी सपना था। जिसे मैने पूरा किया है.   

achievements
बायोकेमिस्ट्री, ऑपथैलमोलॉजी और जनरल सर्जरी में ऑनर्स के साथ एमबीबीएस 2004 में कोटा (राजस्थान) के इमेनुअल स्कूल से क्लास 12 में 75 परसेंट 2002 में मथुरा के सेंट डायनेमिक्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से क्लास 10 में 87.6 परसेंट माक्र्स हासिल किया था।
achievements

  • जनरल सर्जरी, ऑब्सटेट्रिक्स, गायनोकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स सब्जेक्ट में ऑनर्स के साथ एमबीबीएस.
  • अलीगढ़ के जाकिर हुसैन स्कूल से क्लास 12 में 80 परसेंट
  • अलीगढ़ के थ्री डाइस स्कूल से क्लास 10 में 82 परसेंट

इन्हें मिली कामयाबी
स्टार परफार्मेंस पर इन्होंने किया कब्जा-

  • डॉ। ईशा गर्ग- एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल एग्जाम में हाईएस्ट माक्र्स प्राप्त करने पर श्रीराम मूर्ति गोल्ड मेडल से सम्मानित
  • डॉ। पूजा गर्ग- एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल एग्जाम में सेकेंड हाईएस्ट माक्र्स प्राप्त करने पर श्रीराम मूर्ति सिल्वर मेडल से सम्मानित
  • डॉ स्वाती गुप्ता- एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल एग्जाम में थर्ड हाईएस्ट माक्र्स मिलने पर श्रीराम मूर्ति ब्रांज मेडल से सम्मानित
  • डॉ अंचल कुमार- एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल ईयर में बेस्ट ऑल राउंडर होने के कारण इंजीनियर सुभाष मेहरा गोल्ड मेडल से सम्मानित
  • डॉ। स्वाती गुप्ता- एमबीबीएस के 2005-10 बैच के फाइनल इयर में हाईएस्ट अटैंडेंस के लिए श्रीराम मूर्ति देवी यादव स्पेशल प्राइज से सम्मानित


इन्हें मिला ऑनर

  • डॉ। आनंद वर्धन- ऑब्सटेट्रिक्स और गायनोकोलॉजी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। दीपिका बंसल- आप्थेलमोलॉजी, आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। देविका अरोरा - आप्थेलमोलॉजी और जनरल सर्जरी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। ईशा गर्ग- बायोकेमिस्ट्री, आप्थेलमोलॉजी, आब्सटेट्रिक्स, गायनेकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। जूही गोयल - आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। पूजा गर्ग- जनरल सर्जरी,  आब्सटेट्रिक्स, गायनेकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। प्राची सिंह- जनरल सर्जरी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। शिमी पाहूजा- आप्थेलमोलॉजी, ईएनटी और जनरल सर्जरी में ऑनर के साथ एमबीबीएस
  • डॉ। स्वाती गुप्ता- बायोकेमिस्ट्री, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनोकोलॉजी में ऑनर के साथ एमबीबीएस