- हृदेश यादव को नहीं मिलेगी माफी
- ऐसी घटना की पुनरावृत्ति पर स्टूडेंट के खिलाफ तुरंत दर्ज कराई जाएगी एफआईआर
BAREILLY: आखिरकार बीसीबी टीचर्स के आंदोलन के आगे प्रिंसिपल को झुकना ही पड़ा। उन्होंने टीचर्स एसोसिएशन की मांगों को मानते हुए टीचर्स को छात्रनेताओं की उदंडता से निजात दिलाने का कार्रवाई करने का भरोसा दिया। जिसके बाद एसोसिएशन ने अपना परीक्षा कार्यो का बहिष्कार वापस ले लिया। हालांकि सुबह की पाली में टीचर्स ने अपने आप को परीक्षा कार्यो से बाहर रखा। जिसके बाद एसोसिएशन की आम सभा हुई, जिसमें प्रिंसिपल भी मौजूद रहे। काफी देर तक चली वार्ता के बाद दोनों तरफ से सहमति बनी। शाम की पाली में सभी टीचर्स ने परीक्षा को सुनिश्चित ढंग से निपटाया। सुबह की पाली में थोड़ी अव्यवस्था भी देखने को मिली।
बैठे रहे नहीं कराई परीक्षा
सुबह की पाली की परीक्षा 7 बजे से शुरू हुई। बड़ी परीक्षा होने की वजह से करीब क्,800 स्टूडेंट्स अपीयर हुए। एग्जाम शुरू होने से पहले ही सभी टीचर्स कॉलेज पहुंचे लेकिन कंट्रोल रूम में जाने के बजाय वे बाहर ही बैठे रहे। प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव उनके पास पहुंचे और कहा कि जिन्हें काम करना है वे आएं बाकी जा सकते हैं। इतना कहने पर केवल ब् टीचर ही परीक्षा कराने कंट्रोल रूम में पहुंचे। बाकी टीचर्स बाहर ही बैठे रहे।
तत्काल दर्ज होगी एफआईआर
सुबह की पाली में हुए कार्यबहिष्कार के बाद सभी टीचर्स एसोसिएशन आम सभा बुलाई। जिसमें डॉ। वीपी सिंह गुट के सभी समर्थक टीचर्स उपस्थित रहे। आम सभा में प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव भी उपस्थित रहे। एसोसिएशन ने फिर से अपनी मांग दोहराई। काफी देर तक वार्ता चली। इसके बाद प्रिंसिपल ने टीचर्स को यह भरोसा दिलाया कि भविष्य में यदि इस तरह की घटना हुई तो आरोपी स्टूडेंट के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इस एलान के बाद टीचर्स एसोसिएशन के रुख में थोड़ी नरमी आई। हृदेश यादव को माफी देने की भी बात उठी। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि यदि डॉ। क्षमा द्विवेदी चाहें तो उन्हें माफी दे सकती हैं। इस पर डॉ। क्षमा ने कहा कि यदि सभी टीचर्स कहें तो वे माफी देने को तैयार हैं। लेकिन टीचर्स इसके खिलाफ दिखे। जिसके बाद यह डिसिजन हुआ कि हृदेश के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
पहली पाली में दिखी अव्यवस्था
टीचर्स के कार्यबहिष्कार के चलते पहली पाली के एग्जाम में अव्यवस्था भी देखने को मिली। स्टूडेंट्स परीक्षा खत्म होने के एक घंटे पहले ही चलते बने। वो भी क्वेश्चन पेपर्स के साथ। जबकि नियम में ऐसा नहीं है। ऐसे में आनन-फानन में टीचर्स को बोलकर स्टूडेंट्स को रोका भी गया। लेकिन इस बीच कई स्टूडेंट्स कॉलेज के बाहर जा चुके थे। कार्यबहिष्कार के चलते कॉलेज ने अस्थाई टीचर्स के सहारे परीक्षा निपटाई।