-सछास और एनएसयूआई के स्टूडेंट्स लीडर्स ने प्रिंसिपल का घेराव किया
-कॉलेज ने दोबारा कमेटी गठित कर माहौल को टटोलने का निर्देश जारी किया है
BAREILLY: बरेली कॉलेज में एक बार फिर स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अधिकांश मेन सब्जेक्ट्स के रिजल्ट डिक्लेयर हो चुके हैं। स्टूडेंट्स लीडर्स एक बार फिर इलेक्शन के लिए अधिसूचना जारी करने को लेकर दबाव बनाने लगे हैं। भारी दबाव के चलते कॉलेज ने दोबारा कमेटी गठित कर माहौल को टटोलने का निर्देश जारी किया है। खास बात यह है कि शिक्षकों की कमेटी के साथ इस बार डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की भी माहौल और सभी नियमों को लेकर राय ली जाएगी। उसके बाद ही मौके को भांपते हुए अधिसूचना जारी की जाएगी। ट्यूजडे को इलेक्शन की डेट डिक्लेयर करने की मांग को लेकर सछास और एनएसयूआई के स्टूडेंट्स लीडर्स ने प्रिंसिपल का घेराव भ्ाी किया।
7 मेंबर्स की कमेटी गठित
इससे पहले भी कॉलेज ने कमेटी गठित कर अधिसूचना जारी करने का मन बना लिया था। लेकिन कुछ स्टूडेंट्स लीडर्स ने रिजल्ट डिक्लेयर ना होने को लेकर विरोध जताया था। अब कॉलेज दोबारा 7 टीचर्स की कमेटी गठित कर पूरे माहौल का परीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसमें डॉ। आरबी सिंह, डॉ। एसके शर्मा, डॉ। एमके शर्मा, डॉ। दीपक आनंद, डॉ। डीके गुप्ता शामिल हैं। कमेटी इस बात का परीक्षण करेगी कि क्या वर्तमान समय में इलेक्शन कराया जा सकता है, इसमें वैधानिक अड़चनें तो नहीं आएंगी, किस विधि से इलेक्शन करया जा सकता है।
इन बातों का खास होगा परीक्षण
लिंगदोह समिति के अनुसार सेशन स्टार्ट होने के भ्म् दिनों के अंदर इलेक्शन की प्रक्रिया खत्म हो जानी चाहिए। कमेटी इस प्वाइंट को वैधानिक आधार पर परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। अगर इलेक्शन कराने का मन हुआ तो रेगुलर स्टूडेंट्स को वोटर बनाया जाएगा। इसके लिए हर स्टूडेंट से यूनियन फंड वसूला जाएगा। इस दौरान यदि कोई कोर्ट के आदेश के आधार पर स्टे ले आया तो किन-किन परिस्थितियों से निपटना होगा। इन सभी प्वाइंट का परीक्षण कर कमेटी को रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस बार कमेटी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से भी राय लेगी। प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने बताया कि अधिसूचना जारी होने से पहले वे हर पहलुओं को अच्छी तरह से परीक्षण कर लेना चाहते हैं।
आरयू ने नहीं दिया था जवाब
लिंगदोह कमेटी में एक प्वाइंट साफ तौर पर दिया गया है कि हर यूनिवर्सिटी अपने आकार के आधार पर यह डिसाइड करे कि वह किस प्रारूप में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराएगी। आरयू के पास ऐसा अपना कोई ऑर्डिनेंस नहीं है। इस पर बीसीबी ने जवाब मांगा था तो आरयू ने चुप्पी साध ली। प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने बताया कि आरयू ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। इसी के चलते उन्हें कमेटी बनानी पड़ रही है।
स्टूडेंट्स लीडर्स ने मांगी डेट
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन की डेट डिक्लेयर करते हुए अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर ट्यूजडे को एनएसयूआई और सछास के स्टूडेंट्स लीडर्स ने प्रिंसिपल का घेराव किया। सछास के रोहित यादव, राघव गुप्ता, सचिन शर्मा, विक्रांत, जितेंद्र, अभिनव, एनएसयूआई के धूपेंद्र जायसवाल, अमित जायसवाल, सलमान समेत कई स्टूडेंट्स की प्रिंसिपल के साथ तीखी बहस हुई। वे इलेक्शन की डेट डिक्लेयर करने को लेकर अड़ गए। जिसके बाद प्रिंसिपल को कमेटी गठित करनी पड़ी।