BAREILLY: बरेली कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। उनके कार्यकाल के दौरान कॉलेज में हुए वित्तिय अनियमितताओं में उनको दोषी पाया गया है। ट्यूजडे को हुए कमीश्नर विपिन कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में हुए बोर्ड ऑफ कंट्रोल की मीटिंग में यह डिसिजन लिया गया। मीटिंग में डीएम और बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय कुमार भी मौजूद थे। डॉ। आरपी सिंह के मामले में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट की संस्तुति पर उन्होंने भी कार्रवाई करने की मुहर लगाई। सेक्रेट्री डॉ। रजनी अग्रवाल ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट पर सभी की सहमति के अनुसार कमिश्नर ने कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डॉ। आरपी सिंह करीब क्ख् वर्षो से भी ज्यादा समय तक कॉलेज के प्रिंसिपल रहे। वे इसी वर्ष फ्क् जून को ही रिटायर हुए थे। उनके कार्यकाल के दौरान घोर वित्तिय अनियमितताएं हुई। इस मुद्दे को आई नेक्स्ट ने क्म् जुलाई को पब्लिश की गई न्यूज संकट में सिंह साहब के जरिए प्रमुखता से उजागर किया था।

पांच मेंबर्स की कमेटी ने पेश की रिपोर्ट

गत क्भ् जुलाई को तत्कालीन कमीश्नर के रवींद्र नायक की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में डॉ। आरपी सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तिय गड़बडि़यों की ऑडिट रिपोर्ट को रखा गया था। तब कमिश्नर ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर रिपोर्ट जांच करने के आदेश दिए थे। साथ ही पूर्व प्रिंसिपल के पेंशन समेत अन्य फंड को निर्गत करने पर भी रोक लगा दी थी। ट्यूजडे को उसी समिति की जांच रिपोर्ट को सबके समक्ष रखा। समिति ने पूर्व प्रिंसिपल से रिकवरी और एफआईआर दर्ज करनी की संस्तुति की।

करीब एक करोड़ का था घोटाला

डॉ। आरपी सिंह के कार्यकाल में करीब एक करोड़ रुपए का घोटाले को अंजाम दिया गया। दरअसल पूर्व प्रिंसिपल ने कई ऐसे खर्चे किए जिसका कोई लेखा जोखा नहीं था, कई बिल रेट से ज्यादा के पास किए गए थे। करीब फ्ब् लाख रुपए गोपनीय मदों के नाम पर खर्च किए गए थे। करीब ख्.ख्7 लाख रुपए प्रॉस्पेक्टस की प्रिंटिंग में खर्च हुए थे। जिसमें रेट को लेकर काफी गोलमाल था। ब्ब् हजार रुपए का बिजली के बिल समेत कई ऐसे बिल पे किए गए जिनका कोई अता-पता नहीं। इसके अलावा उन्होंने एडवांस पेमेंट के रूप में जमकर रेवडि़यां बांटी थीं।

स्टूडेंट्स की अटेंडेंस म्0 परसेंट जरूरी

यूनिवर्सिटी और कॉलेज में स्टूडेंट्स की 7भ् परसेंट अटेंडेंस जरूरी है। लेकिन बीसीबी इस मामले पर काफी बिछड़ा हुआ है। डीएम संजय कुमार ने स्टूडेंट्स की कम से कम म्0 परसेंट अटेंडेंस को जरूरी कर दिया है। अटेंडेंस पूरी ना करने वाले स्टूडेंट्स पर आर्थिक दंड भी लगाने के निर्देश दिए। इसके अलावा फिजिक्स डिपार्टमेंट के पीछे वाली खाली जमीन पर परीक्षा भवन बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। यूजीसी की ग्रांट से इसको बनाया जाएगा। वहीं कैंपस में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देश दिए गए। वाटर टैंक के निर्माण के लिए नगर निगम को भूमि आवंटन का प्रस्ताव भी पारित हुआ।