फीर्ग्स स्पीस
- 100 स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था है ब्वॉयज हॉस्टल में
- 4,700 रुपए साल भर की फीस देना पड़ता है स्टूडेंट्स को
- 70 रुपए चार्ज है डेली दो टाइम के खाने का
- 24 घंटे बिजली देना का दावा हुआ फुस्स
BAREILLY: कूड़े से पटा ग्राउंड। जगह-जगह पड़ी शराब की खाली बोतलें। जहां नजर डालें वहीं पर कबाड़। छतों से टपकता पानी, दरवाजों व खिड़कियों पर मकड़ी के जालें, गंदें बदबूदार कमरों में उखड़े स्विच बोर्ड और बेजान से लटकते पंखे। ये सीन किसी खंडहर के नहीं बल्कि सबसे पुराने और एतिहासिक बरेली कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल का है। इन हालातों से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूर-दराज से हायर एजूकेशन गेन करने आए स्टूडेंट्स को यहां किन परिस्थितियों में रहना पड़ता है। स्टूडेंट्स भी क्या करें, कंप्लेन करते हैं तो उन्हें डांट-डपटकर चुप करा दिया जाता है। बाहर रहेंगे तो उन्हें ज्यादा रुपया खर्च करना पड़ेगा। सो मजबूरी में यहां टाइम काटते हैं।
कॉलेज करता है सुविधाओं का दावा
ब्वॉयज हॉस्टल में करीब क्00 स्टूडेंट्स की रहने की व्यवस्था है। साल भर की फीस करीब ब्,700 रुपए है और डेली दो टाइम के खाने का चार्ज करीब 70 रुपए है। कॉलेज इन्हें ख्ब् घंटे बिजली, साफ पानी, बेड, स्टडी टेबल, कॉमन रूम, टीवी, समेत तमाम सुविधाएं देने का दावा करता है। अभी तो एडमिशन हो रहे हैं। फिलहाल यहां बीएड के करीब क्भ् नए और 7 पुराने स्टूडेंट्स रह रहे हैं। बीबीए और बीसीए को मिलाकर एक दर्जन स्टूडेंट्स और रह रहे हैं।
दड़बेनुमा हैं यहां के कमरे
हॉस्टल के कमरे किसी दड़बे से कम नहीं हैं। पुराने पंखे कब गिर जाए किसी को पता नहीं। स्विच बोर्ड खुले हुए हैं। कई कमरों में पंखे और लाइट की व्यवस्था नहीं है। अधिकांश दरवाजे और खिड़कियां सड़ चुके हैं। कमरों में मकड़ी के जाले लगे हुए हैं। लास्ट ईयर ही पुताई कराई गई थी, जिसकी रंगत गायब हो चुकी है। फर्नीचर और बेड इस लायक नहीं हैं कि वे स्टूडेंट्स को आराम दे सकें।
बाथरूम से अच्छा बाहर नहाना
शौचालय और बाथरूम की हालत इतनी खराब है कि स्टूडेंट्स बाहर खुले में ही नहाना पसंद करते हैं। मजबूरी में ही शौचालय यूज करते हैं। दरवाजे बुरी तरह से टूटे हुए हैं, वॉश बेसिन काम नहीं करता, बाथरूम में पानी की व्यवस्था नहीं हैं। अलबत्ता छत से पानी जरूर टपकता है। बाथरूम में पुराने टूटे हुए कबाड़ रखे हुए हैं। रात में लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। गंदगी इतनी है कि कुछ देर खड़ा रहना ही मुहाल हो जाता है।
कौन पीता है शराब
हॉस्टल कैंपस में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें पड़ी हुई हैं। नाम ना छापने की शर्त पर एक स्टूडेंट ने बताया कि कुछ स्टूडेंट्स लीडर्स और उनके शह पर कुछ स्टूडेंट्स व कर्मचारी यहां आकर शराब पीते हैं। जब कॉलेज में एग्जाम का टाइम था तो उन्होंने अपने हुड़दंग से गदर काट दिया था। गार्डन ऐसा लगता है कि जैसे कि वर्षो से कोई प्लॉट खाली पड़ा है। साल में एक बार सफाई होती है। माली कभी नजर नहीं आता।
दावें हैं सुविधाएं नहीं
कॉलेज के दावे केवल प्रॉस्पेक्टस तक ही सीमित हैं। हकीकत इससे काफी परे है। अभी कुछ स्टूडेंट्स रह रहे हैं। बावजूद इसके मेस बंद कर दिया गया है। वैसे भी वह इतना गंदा है कि खाना स्टूडेंट्स का हाजमा खराब कर देगा। कॉमन रूम उजाड़ हो गया है टीवी गायब है। सबमर्सिबल पंप कई महीनों से खराब है। एक महीने से जेनरेटर भी बंद कर दिया गया है। स्टूडेंट्स बताते हैं कि स्टूडेंट्स लीडर्स की वजह से ही जेनरेटर चलाए जाते थे। वॉटरकूलर है तो लेकिन उसमें कम ही पानी रहता है। वह भी काफी गंदा है। कई कमरों में सामान व पुराने कबाड़ का स्टोर रूम बना दिया गया है।