बरेली (ब्यूरो)। पब्लिक और ट्रैफिक पुलिस के बीच किसी न किसी बात को लेकर अक्सर होने नोकझोंक होती थी। इसमें पुलिस और पब्लिक का व्यक्ति एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते थे। इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए थे। ताकि सच्चाई का पता चल सके। लाखों रुपए के कैमरों से ट्रैफिक पुलिस को लैस किया गया था। लेकिन कुछ समय बाद ही ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के कंधे से कैमरे गायब हो गए है।

इसलिए लगवाए थे कैमरे
बॉडी वार्न कैमरे इसलिए भी दिए गए ताकि कोई ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है या पुलिस गलत करती है तो इसकी तुरंत जानकारी मिल सके। खास बात है कि पुलिस पर आए दिन आरोप लगते रहते हैं व कई बार कहासुनी हो जाती है। पुलिस अधिकारियों के समक्ष इस बात की समस्या आती थी कि पुलिस और शिकायतकर्ता में कौन सच बोल रहा है। ऐसी स्थिति में अब पुलिस को बॉडी वार्न कैमरों से काफी मदद मिल सकती है। वहीं आमजन को भी राहत मिलेगी।

ड्यूटी शुरु होते ही रिकार्डिंग
बॉडी वार्न कैमरा ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों की वर्दी के ऊपर लगाने के लिए दिया था। कैमरे के जरिए पुलिस और लोगों के बीच हुई बातचीत और अन्य गतिविधियों को कैद करता है। एक तरह से यह सीसीटीवी कैमरे की तरह काम करता है। इसको पुलिस कर्मी ड्यूटी शुरू होती ही लगाकर ऑन करना होता था। इसमें स्टोरेज के लिए मैमोरी कार्ड भी लगा हुआ है। इनमें वीडियो की क्वालिटी भी बेहतर रिकार्ड होती है। माइक भी काफी अच्छा लगा हुआ होता है। यहीं वजह है कि पुलिस कर्मी के साथ ही सामने वाली की वाइस भी स्पष्ट सुनाई देगी और वीडियों भी साफ दिखाई देगी। बॉडी वार्न कैमरे देने से पहले पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। ड्यूटी शुरू होते ही कैमरे ऑन करने और ड्यूटी और चालान की कार्रवाई के दौरान खासकर इसका प्रयोग करना था। इसके साथ ही अधिकारी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की इसके जरिए लोकेशन भी जान सकते है।

50 से ज्यादा दिए कैमरे
बात दें कि ट्रैफिक पुलिस में तैनात 50 से ज्यादा ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को दो बार में बॉडी वॉर्न कैमरा दिया गया था। ताकि पुलिस और वाहन चालकों के बीच मिलने वाली शिकायतों के की सच्चाई को कैमरे के जरिए जाना जा सके। पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाने के बाद तत्काल इस कैमरे की माध्यम से सच्चाई को जानकर कार्रवाई हो सकती है। अगर अब इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो तुरंत उसकी जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई हो सके।

पुलिस कर्मियों को बॉडी वॉर्न कैमरे दिए गए थे। इस बारे में जानकारी हुई है। लेकिन कैमरे कहां हैं और ट्रैफिक पुलिस कर्मी कैमरे क्यों नहीं लगा रहे है। इस बारे में जानकारी की गई जा रही है। जानकारी के बाद से ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मो। अकमल खान, एसपी टै्रफिक