बरेली (ब्यूरो)। समाज की दिशा सुधारनी है तो पहले अपनी दिशा सुधारिए। अपने जीवन में भगवान को प्रथम स्थान पर रखिए और सभी को उसके बाद। माता-पिता, भाई-बहन का चयन करना आपके हाथ में नहीं था लेकिन संगति चुनने का अधिकार परमात्मा ने आपको दिया है, जीवन में संगति का चयन सोच समझकर कीजिए। यह बात विश्व जागृति मिशन के संस्थापक सुधांशु महाराज ने हरिमंदिर में आयोजित एक दिवसीय सनातन सत्संग में कही।

की महाआरती
उन्होंने कहा कि जैसा व्यवहार आप अपने साथ चाहते हैं वैसा सबके साथ करना प्रारंभ कर दीजिए, आपके जीवन में धर्म का प्रारंभ यहीं से होने लगेगा। आप अपने घर को सजाते हैं, अपनी गाड़ी सजाते है, दुकान सजाते हैं, वस्त्र सजाते हैं, शरीर सजाते हैं लेकिन जीवन सजाना भूल जाते हैं अब जीवन को सजाना प्रारंभ कर दीजिए सब कुछ स्वयं सजता हुआ चला जाएगा। कहा कि परमात्मा के दर से जुड़े रहिए और उनसे डरते भी रहिए, उनसे प्रार्थना कीजिए कि हमारे जीवन से अविनय, उद्दंडता जैसे सभी दोषों को दूर कीजिए। हमारी मृगतृष्णा को शांत कीजिए मन पर नियंत्रण करने की शक्ति दीजिए और संसार-सागर से हमें पार कीजिए। ऐसा करने से आप पापों से दूर रहेंगे और जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर उनके ही चरणों में लीन हो जाएंगे। महाराज के प्रवचन के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों मौजूद रहे। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, मयंक साधु, रवि छाबड़ा, संदीप मेहरा, पवन अरोड़ा, राकेश अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, रीना अग्रवाल, वेद अग्रवाल,अनिल रेलन, सुमित्रा गंगवार, महेंद्र गंगवार, मोहनलाल कालरा, रामबाबू अग्रवाल, मनोरमा सक्सेना, महेंद्र पाठक, इंदिरा खंडेलवाल ने स्वागत किया।