बरेली (ब्यूरो)। आरोपित इंस्पेक्टर रामसेवक के फरार होने के बाद टीम ने उसके कमरे की तलाशी ली। पुलिस को उसके बिस्तर के नीचे से सात लाख रुपये कैश के अलावा, सूटकेस के भी 2.96 लाख रुपये बरामद किए गए। रामसेवक ने अपनी तिजोरी कहीं और नहीं बल्कि बिस्तर को ही बना लिया था। देखने से लग रहा था मानों हर रिश्वत की रकम वह उसी में रखता हो। सीओ और एसपी साउथ जांच के लिए थाने पहुंचे तो वहां पर एक और युवक बैठा दिखाई दिया। उसकी कोई एंट्री नहीं थी अवैध रूप से उसे वहां पर बिठाया हुआ था। सीओ ने जब उससे वहां बैठने का कारण पूछा तो उसने बताया कि इंस्पेक्टर ने तीन लोगों को पकड़ा था। उसमें से दो ने सात लाख रुपये दे दिए तो उन्हें छोड़ दिया। जबकि वह रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाया तो बिठाए रखा। कहा कि जब तक रुपये लाकर नहीं देगा तब तक उसे नहीं छोड़ा जाएगा। तडक़े तक वह रुपये एकत्र करने की कोशिश करता रहा था, लेकिन वह इंतजाम नहीं कर पाया। इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि थाने के अंदर पूरी रात रिश्वत का खेल चलता रहा।

300 ग्राम के साथ पकड़ा
कई घंटों की डील के बाद तय हुआ था कि दोनों लोग सात लाख रुपये ही दे पाएंगे। वहीं थाने मेंं बैठे युवक से पूछताछ के बाद एक बात यह भी स्पष्ट हुई कि आरोपित रामसेवक ने सिर्फ सात लाख ही नहीं बल्कि ज्यादा रिश्वत की मांग की थी। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर ने करीब 300 ग्राम स्मैक के साथ आरोपितों को पकड़ा था। बहरहाल पुलिस अभी तमाम ङ्क्षबदुओं पर जांच कर रही है। जांच टीम ने कमरे की तलाशी ली तो शुरूआत में लगा कि ज्यादा कुछ नहीं होगा। मगर जैसे ही बिस्तर हटाकर देखा गया तो 500-500 के नोटों की गड्डी देखकर जांच टीम चौंक गई। गिनती की गई तो वह सात लाख रुपये थे। कोने में रखे सूटकेस को देखा तो उसे खुलवाया गया। जिसमें 2.96 लाख रुपये मिले। यह रुपये कहां से आए? इस बारे में अभी कोई बात स्पष्ट नहीं हो रही हैं। हालांकि, यह तय है कि यह रुपये भी उसने रिश्वत में ही लिए थे। लिए किससे इसकी जांच की जा रही है।

चार घंटे जांच, कमरा किया सील
एसपी साउथ, सीओ समेत पूरी टीम ने कमरे का कोना-कोना खंगाला। हर कपड़ा झाडक़र देखा। हर रजिस्टर किताब के पन्ने को चेक किया। यहां तक की कमरे में रखे अन्य सामान की भी जांच की। जिससे यह पुष्टि हो सके कि रुपया कहीं और तो नहीं। पुलिस ने पूरे चार-पांच घंटों तक जांच की। इसके बाद कमरे को सील कर दिया। जिससे कोई भी अन्य उसमें छेड़छाड़ न कर पाए।

सभी रडार पर
थाने के अंदर रिश्वत का लंबा खेल चल रहा था। गुरुवार को जब भांडा फोड़ च्ुआ तो सच्चाई सामने आई। सवाल यह है कि आखिर यह रिश्वत का खेल थाने के अंदर कितने दिनों से चल रहा था? थाने के अंदर रिश्वत की डील होती रही, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या थाने के अन्य पुलिसकर्मी भी रिश्वत के इस खेल में शामिल थे। ऐसे में सभी पुलिसकर्मी अब जांच टीम की रडार में आ चुके हैं। गुरुवार को भी कई पुलिसकर्मियों से काफी देर तक पूछताछ की गई। अब आगे और भी पूछताछ होना बाकी है।

सूटकेस में थे नोट
पुलिस ने जब कमरे में रखे सूटकेस को खोला तो उसमें 500, 200, 100, 50 सभी तरह के नोट मिले। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरोपित इंस्पेक्टर रिश्वत लेने के लिए किसी को भी नहीं छोड़ता था। जिससे जितनी रिश्वत मिली सभी ले ली। कुछ पुलिसकर्मियों की माने तो जब आरोपित इंस्पेक्टर घर जाता था तो उसी सूटकेस को लेकर जाता था। जिससे लोगों को लगे कि वह उसमें कपड़े लेकर जा रहा है। मगर उसमें कपड़े नहीं बल्कि, नोटों की गड्डियां हुआ करती थीं।