बरेली (ब्यूरो)।भले ही सिटी में डेंगू के डंक से लोगों ने इस साल राहत की सांस ली हो। लेकिन, पिछले सालों के अनुभवों को देखकर ये नहीं कहा जा सकता है कि डेंगू का प्रकोप दोबारा नहीं आ सकता। डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है, जिससे किसी को भी डेंगू के डंक का सामना न करना पड़े। वर्तमान समय में डेंगू काफी हद तक बरेली व आसपास के इलाकों में नियंत्रण में है। लेकिन, ऐसे ही सरकारी विभाग, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आम लोग डेंगू के प्रति अवेयर और सतर्क रहें तो आने वाले दिनों में भी डेंगू पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है। हालांकि, पीक सीजन में इस वर्ष भी डेंगू के कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन समय रहते प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने फॉगिंग, जागरूगता अभियान और घर-घर सर्वे पूरा कर इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया।
डेंगू का डंक
=हर साल जान ले रहा डेंगू
9-मौतें हुई वर्ष 2021 में डेंगू से
5-मौतें हुई वर्ष 2022 में डेंगू से
नोट वर्ष 2023-24 में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई
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ऐसे समझे
डेंगू के आए पिछले वर्षो में केसेस
595-केसेस डेंगू के आए वर्ष 2021
479-केसेस डेंगू के आए वर्ष 2022
1079-केसेस डेंगू के आए वर्ष 2023
64-केसेस डेंगू के आए 15 नवम्बर तक वर्ष 2024 में
डेंगू के केसेस अर्बन और रूरल
वर्ष अर्बन रूरल
2021 379 216
2022 145 328
2023 383 696
2024 24 40
डेंगू प्रभावित एरिया
इज्जतनगर: लिंक कॉलोनी, मठकमल नयनपुर, नगरिया परीक्षित, परतापुर चौधरी, राजाराम कॉलोनी, रहपुरा चौधरी, सिद्धार्थ नगर
बानखाना: बड़ा बाजार, बजरिया पूरनमल, बानखाना, बानखाना बगिया, भूड़, चाहवाई, चौधरी तालाब, गंगा मंदिर, गुदडबाग, गुलाबनगर और जकाती मोहल्ला।
गंगापुरम: अवध धाम कॉलोनी, आजादपुरम, गांधी पुरम, गंगवार इन्कलेव, गोकुलधाम कॉलोनी, कर्मचारी नगर, करिश्मा इन्कलेव, नार्थसिटी और साईंधाम कॉलोनी।
सुभाषनगर:अनुपम नगर, अटलपुरम, ब्रह्मपुरा, गणेश नगर, जागृति नगर, करगैना, नेकपुर, पाल कालोनी, पुलिस लाइंस और राजीव कॉलोनी।
सिविल लाइंस: एडीएम कंपाउंड, बिहारीपुर, कैंट, चौपुला, सिविल लाइंस, कालीबाड़ी, खुर्रमनगर और ला अपार्टमेंट।
इतनी टीम जुटी रही इस साल
डेंगू की जंग जीतने के लिए जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल्स में तैयारी की गई तो वहीं सर्वे के लिए भी टीम आशा वर्कर समेत वॉलिंटियर्स को नियुक्त किया गया। इन्होंने वार्डों में जाकर घरों का सर्वे किया और सर्च अभियान चलाया। इसी के साथ ही एक ही सीजन में कई-कई बार घरों का सर्वे कर लोगों को अवेयर किया गया, जहां कहीं भी पानी जमा मिला उसे गिराकर वहां पर दवा का छिड़काव किया गया। इसके साथ ही नगर निगम की टीम ने भी लगातार सर्वे कर डेंगू फॉगिंग कर लार्विसाइड का छिड़काव किया।
कैसे होता है डेंगू
डेंगू वायरस एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। ये वही मच्छर है जो जीका और चिकनगुनिया वायरस फैलाते हैं। ये मच्छर आमतौर पर पानी रखने वाले बर्तनों में अंडे देते हैं, जैसे टब, कटोरे, जानवरों के बर्तन, फूलदान। ये मच्छर रिहायशी इलाकों के आस-पास पनपते हैैं और उनके काटने से डेंगू फैलता है।
ये अफसर जुटे रहे डेंगू कंट्रोल में
-जिला सर्विलांस अधिकारी
-मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल
-मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी
-क्षेत्रीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा
-डीएफओ
-मुख्य कृषि अधिकारी
-नगर निगम
-जिला पर्यटन विकास अधिकारी
-जिला पंचायत राज अधिकारी
-जिला उघोग केन्द्र
-आईएमए
-जिला समन्वयक आशा कार्यक्रम
-सचिव रेडक्रॉस सोसायटी
-आरटीओ
हॉस्पिटल्स में की गई व्यवस्था
-सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए बने सैपरेट वार्ड।
-प्राइवेट हॉस्पिटल्स व लैबों को निर्देश जारी कर डेंगू जांच की दरें की गई थी निर्धारित।
-ब्लड बैंकों में ब्लड की उपलब्धता पोर्र्टल पर अपलोड करने के निर्देश।
-कंट्रोल रूम तैयार होने के साथ ही टोल फ्री नंबर भी किए गए जारी।
अप्रैल माह के शुरुआत से ही लगातार डेंगू के बचाव को लेकर फॉगिंग व लार्विसाइड छिड़काव अभियान शुरू कर दिया गया था। इसके लिए बकायदा टीम बनाई गई। सभी वार्डो में फॉगिंग मशीन और बड़ी मशीन के माध्यम से लार्विसाइड का छिड़काव किया गया। यही कारण है कि इस बार डेंगू के मामलों में राहत रही।
डॉ। सतेन्द्र सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी