बरेली (ब्यूरो)।जहां पर कभी संगीत की धुन तो कभी ज्ञान वर्धक आयोजन होते थे। अब वहां दो वर्ष से सन्नाटा है। जी हां यह बात बरेली कॉलेज के ऑडिटोरियम की है, जो आज के दौर में गिरने की कगार पर खड़ा है। यह कभी कॉलेज की शान हुआ करता था। कॉलेज के कार्यक्रम के साथ बाहर के भी लोग यहां पर प्रोग्राम करने आते थे। इसमें लोगों को बैठने के लिए लगभग दो सौ कुर्सी की व्यावस्था थी। लोगों को गर्मी का सामना न करना पड़े इसके लिए एसी भी लगाए गए थे। लेकिन आज के दौर में यह सब खराब होने लगे है। कॉलेज के प्रोग्राम के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्टूडेंट्स के भी कार्यक्रम सही से नहीं हो पाते है।

लगभग 200 हैं चेयर
बरेली कॉलेज में सभागार में बैठने के लिए लगभग 200 कुर्सी की व्यवस्था थी। नाटक करने के लिए काफी अच्छे से स्टेज भी बनी हुई थी। वहां के छात्र नेताओं ने बताया कि अब कुर्सी भी टूट गई है। प्रोफेसर ने बताया कि पूरे सभागार में आठ एसी लगे थे, जिनमें से कुछ एसी इधर-उधर लगा दिए गए। बाकी उस में ही खराब हो रहे है। कार्यक्रम करने के लिए या काई टीचर्स प्रोग्राम करने के लिए परेशान होना पड़ता है।

कब बना था
पहले यहां पर हॉल बना हुआ था, जिसका निर्माण 1906 में कराया गया था। इसके बाद 1986 में ऑडिटोरियम पूरा बन कर तैयार हुआ। आज के दौर में यह बिल्कुल खराब हो गया है। इस दौरान इसके लिंटर का सिमेंट भी टूट-टूट कर गिर रहा है। कॉलेज के स्टूडेंट्स और प्रोफेसर के अनुसार पहले सभागार में कॉलेज के साथ बाहर के भी कल्चरल प्रोग्राम किए जाते थे। कार्यक्रम करने वाले बाहर के लोग कुछ रुपए भी दिया करते थे। ऑडिटोरियम में उल्लास का माहौल रहता था। लेकिन अब बंद होने के वजह से कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पाते हैं। कॉलेज के प्रोफेसर ने बताया कि कुछ महीने पहले सही होने के लिए सभागार में काम शुरू किया गया, लेकिन कुछ परिस्थिति के कारण बीच में ही काम को रोक दिया गया था। अब इसमें ताला लटक रहा है।

होते थे कार्यक्रम
स्टूडेंट रुचि गंगवार ने बताया कि पहले बरेली कॉलेज का प्रत्येक स्टूडेंट वर्ष भर युवा महोत्सव में प्रतिभाग करने के लिए उत्सुक रहता था। अब ऑडिटोरियम बंद होने की वजह से छात्रों के अंदर का यह उत्साह खत्म हो रहा है, जो बहुत ही निराशाजनक है। बरेली कॉलेज का ऑडिटोरियम बंद होने की वजह से वार्षिक कार्यक्रम जैसे युवा महोत्सव, विशेष अवसरों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम अब नहीं हो रहे है।

मैं पूरा प्रयास करूंगा कि फिर से यह सही हो और पहले की तरह काम हो सकें। कॉलेज मेें टीचर्स या अदर कोई प्रोग्राम के लिए कॉलेज में मीटिंग हॉल या किसी ओर जगह अरजेस्ट करना पड़ता है.कॉलेज के स्टूडेंट्स और बाहर के भी कार्यक्रम हो सकें।
प्रोफेसर ओपी राय, बरेली कॉलेज

ब्रिटिश शासनकाल में बना बरेली कॉलेज का ऑडिटोरियम महाविद्यालय का महत्तवपूर्ण हिस्सा है, लेकिन बीते दो वर्षों से बंद पड़ा है, इसलिए कॉलेज में बड़े कार्यक्रम करने में असुविधा होती है। कॉलेज प्रशासन को तत्काल ऑडिटोरियम में रिपेयर वर्क करके पुना चालू करना चाहिए।
इमरान खान, छात्र नेता

पहले बरेली कॉलेज के स्टूडेंट्स वर्ष भर युवा महोत्सव में प्रतिभाग करने के लिए उत्सुक रहते थे। अब ऑडिटोरियम बंद होने की वजह से छात्रों के अंदर का यह उत्साह खत्म हो रहा है, जो बहुत ही निराशाजनक है।
वारणी शुक्ला, शोधार्थी,

कॉलेज का ऑडिटोरियम बंद होने से कॉलेज में होने वाले एनुअल प्रोग्राम और कल्चरल एक्टिविटी पूरी तरह से थम गई है, जिससे होनहार कला, नाटक, संगीत और उर्दू पोएट्री आदि के स्टूडेंट्स में निराशा है। इसको अगर फिर से सही किया जाए तो प्रोग्राम होने लगेंगे।
आलिया नूरी, एमए उर्दू