बरेली (ब्यूरो)। चार साल में मिलावटखोरों पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने आठ करोड़ 70 लाख से भी ज्यादा का जुर्माना लगाया है। हालत यह है कि हर दिन कोई न कोई मिलावटखोर पकड़ा जा रहा है। जिले की छह तहसीलों में छह खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात है। इसके अलावा शहर को 10 स्पेशल जोन में बांटा गया है। इन दसों जोन में अलग अलग खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात है। इनकी संख्या शून्य के बराबर है। यही वजह है कि मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं और वह लगातार मिलावट खोरी के जरिए लोगों के शरीर में मिलावटी जहर पहुंचा रहे हैं।
रक्षाबंधन पर मिलावटखोर सक्रिय
रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों को मिठाई खिलानी हैं। खुशियों के इस पर्व पर मिठाई का बहुत महत्व होता है। यही वजह है कि मिष्ठानों पर खूब मिठाई बिकती है। इसके साथ ही कुछ लोग घरों में मिठाई बनाते हैं। मिठाई बनाने के लिए दूध, खोया आदि सामान की बाजारों से खरीदारी करते हैं। इसको लेकर अब सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि रक्षाबंधन के पर्व को देखते हुए मिलावटखोर भी एक्टिव हो गए हैं। मिलावटखोर मिठाई, मावा, चॉकलेट, कॉफी, घी, दूध, खोया और पनीर में मिलावट कर बाजार में खुलेआम बेच रहे हैं। कम कीमत में मिलने वाली मिलावटी खाद्य सामग्री सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होती है। जो हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा कर देती है। इसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।
दूध में मिलावट
दूध में ठोस पदार्थ की मात्रा बढ़ाने के लिए मिलावट की जाती है। दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए दूध में बेंजोइक एसिड और सैलिसिलिक एसिड मिलाया जाता है। दूध को गाढ़ा बनाने के लिए दूध में साबुन तक मिलाया मिला दिया जाता है। जिससे पेट और किडनी से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं। मिलावट खोरी के दौर भरोसेमंद से ही दूध लें, और उसकी परख जानने के तरीकों को सिखाना बेहद जरूरी है।
त्योहारी सीजन के दौरान ही सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है। दूध, मिठाई, खोया आदि में अलग-अलग तरह से केमिकल के जरिए और अन्य पदार्थ अन्य तरीके से मिलावट करते हैं। हमारी टीम अलर्ट है। लगातार कार्यवाही कर रही है। ऐसे मिलावटखोरो को पकडक़र उनपर जुर्माना लगाया जा रहा है।
- अपूर्व श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त खंड द्वितीय