बरेली (ब्यूरो)। प्रेम-प्रसंग के मामले पुलिस के लिए सिर दर्द बनते जा रहे है। लड़कियों के घर से फरार होने के मामलों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे मामलों में शिकायत पर पुलिस मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू करती है। ज्यादातर मामलों में पुलिस को लड़कियों को बरामद करने के लिए गैर जनपद के साथ ही दूसरे प्रदेशों में भी जाना पड़ता है, जिससे विवेचक की अन्य जांचें लटक जाती हैं।
फंसती है पुलिस की गर्दन
घर छोडक़र फरार होने वाली लड़कियों की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अगर पुलिस उन्हे जल्द बरामद नहीं करती है तो पुलिस पर उल्टा आरोप लगने लगता है। कई मामलों में लडक़ी के घर वाले संबंधित थाने की पुलिस पर ही दूसरे पक्ष से मिलीभगत करने का आरोप लगाकर अधिकारियों से शिकायत कर देती है। इसको लेकर संबंधित दरोगा को अधिकारियों को शिकायत पर अपना स्पटिकरण देना पड़ता है।
सबसे ज्यादा सुभाषनगर में केस
बता दें कि लड़कियों के घर छोड़ कर प्रेमी के साथ जाने के मामले सबसे ज्यादा सुभाषनगर थाने में दर्ज होते है। हालत यह है कि इस तरह के मामले महीने में करीब 10 तक दर्ज हो जाते है। ऐसी लड़कियों को बरामद करने में पुलिस को काफी दिक्कते सामने आती हैं। यह ही नहीं लड़कियों की लोकेशन ट्रेस होने पर पुलिस को उनके बरामद करने के लिए उत्तराखंड, दिल्ली और प्रयागराज के अलावा अन्य जगह पर जाना पड़ता है।
800 लड़कियां फरार
बता दें कि बीते साल इस तरह के जिले भर के थानों के करीब 800 मामले दर्ज हुए थे। इस साल अब तक ऐसे ही मामले की करीब 288 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ज्यादातर मामलों में पुलिस लड़कियों को बरामद कर कोर्ट में पेश कर देती है। जबकि कुछ मामलों में प्रेमी जोड़े कोर्ट मैरिज कर खुद ही थाने में पेश हो जाते है।
घर वालों से खतरा
प्यार में अपने माता पिता को छोडक़र प्रेमी के साथ फरार होने के साथ ही ऐसी लड़कियां घर वालों की दिक्कतें भी बढ़ा देती है। कई मामलों लकडिय़ां अपने घर वालों के खिलाफ ही वीडियो वायरल कर देते हैं। वायरल वीडियो में फरार होने वाली लड़कियां अपने माता पिता और रिश्तेदारों से ही जान का खतरा बताकर पुलिस से मदद की गुहार लगाती है। इसी तरह का एक मामला 2019 में खूब चर्चाओं में रहा था। एक सत्तधारी नेता की बेटी अपने प्रेमी के साथ चली गई थी, जिसने अपने नेता पिता और परिजनों से घर का खतरा बताया था। इसके साथ युवती को पुलिस सुरक्षा दी गई थी।
प्रेमी को जेल
कई मामले ऐसे भी दर्ज किए जाते है, जिसमें लडक़ी नाबालिग होती है, और कई मामलों में प्रेमी जोड़ा ही नाबालिक होता है। दोनेां ही स्थिति में प्रेमी को ही जेल जाना पड़ता है। क्योंकि नाबालिग लडक़ी का ब्यान कोर्ट में मान्य नहीं होता है। यहीं वजह है कि प्रेमी को ही जेल जाना पड़ता है। चाहे वह बालिग हो या फिर नाबालिग हो।