बरेली (ब्यूरो)। जिले में नशे का बड़ा गोरख धंधा चल रहा है। शहर से लेकर देहात तक लोकल स्तर पर तो सप्लाई हो ही रही है। इसके साथ ही उत्तराखंड, दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, हरियाणा तक में शहर से ही ड्रग्स की सप्लाई होती है। नशा हर किसी को अपनी जद में तेजी से जकड़ रहा है। जिसमें युवा, बच्चे और महिलाएं भी इसकी जद में रहे है। पुलिस की कार्रवाई पर गौर की जाए तो हर एक व्यक्ति प्रतिदिन तस्करी के मामले में जेल जा रहा है। पुलिस ज्यादातर उन्हें जेल भेर रही है जो इस धंधे में शामिल होकर तस्करी कर रहे है। जबकि नशा करने वालों की संख्या का अंदाजा लगाया जाना काफी मुश्किल है। इस धंधा में शामिल बीते पांच वर्षाे में पुलिस 1394 तस्करों को जेल भेज चुकी है।

कार्रवाई में प्रदेश का पहला जिला

पुलिस भी ड्रग्स तस्करों की कमर तोडऩे में कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। बड़े तस्करों पर पुलिस ने सख्त कराई की है। 2022 में फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने पढेरा गांव के रहने वाले तस्कर छोटे खां पर पिट एनडीपीएस की जिले में पहली कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई एनएसए जैसी कार्रवाई मानी जाती है। यह कार्रवाई गृह सचिव की मुहर लगने के बाद ही होती है। आरोपित शाहिद खां उर्फ छोटे, भतीजे सौफ उर्फ राजू के साथ 2021 में 20 किलो स्मैक के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद हाल में ही पिट एनडीपीएस की कार्रवाई फतेहगंज पश्चिमी के स्मैक तस्कर नन्हे लंगड़ा उर्फ रियासत पर की गई है। नन्हे लंगड़ा पर के खिलाफ डीएम रविन्द्र कुमार और तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चन्द्रभान ने एस पर पिट एनडीपीएस एक्ट लगाने की संस्तुति कर शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी थी। एडवायजरी बोर्ड ने इस पर मुहर लगाने के बाद नन्हे लंगड़ा पर यह कार्रवाई हुई थी। जिले में पिट एनडीपीएस एक्ट की करीब चार कार्रवाई हुई है। इसके साथ ही पुलिस 50 से ज्यादा तस्करों की हिस्ट्रीशीट खोल चुकी है। 30 से ज्यादा तस्करी करने वाले गैंग रजिस्टर्ड किए जा चुके है।

महिलाएं भी शामिल

ड्रग तस्करी के धंधे में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं। कई ऐसे इलाके हैं जहां महिलाओं ने भी धंधा संभाल रखा है। महिलाओं पर लोग आसानी से शक भी नहीं करते हैं। तस्करी में कई बार महिलाएं पकड़ी भी जा चुकी हैं। खासकर शहर के गंगापुर में महिलाएं यह धंधा खुलेआम करती है। इसके साथ ही देहात में फतेहगंज पूर्वी, फतेहगंज पश्चिमी और फरीदपुर में यह धंधा होता है। यहां पर स्मैक, चरस की छोटी-छोटी पुडिय़ा बनाकर बेचा जाता है। जिस वजह से छोटे तस्करों को पकडऩा मुश्किल हो जाता है।

पुलिस की मिलीभगत

नशे के इस धंधे में कहीं न कहीं पुलिस की भी बड़ी मिलीभगत होती है। यही वजह है कि गली, मोहल्ले में लंबे समय तक ड्रग्स की बिक्री होती है। लेकिन कोई एक्शन नहीं लेता है। बारादरी के गंगापुर में खुलेआम मादक पदार्थ की बिक्री होती है। जिसमें पुलिस की मिली भगत रहती है। इसके साथ ही फतेगंज पश्चिमी में तैनात रहे एक इंस्पेक्टर को तस्कर से दोस्ती निभाने के मामले में सस्पेंड किया गया था।

तस्करों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बरेेली प्रदेश का पहला जिला है। जिसमें सबसे पहले 2022 में पिट एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई की गई थी। - मुकेश चन्द्र मिश्र, एसपी नार्थ