बरेली (ब्यूरो)। शासन के निर्देश पर गुरुवार को डीएम रङ्क्षवद्र कुमार ने आरटीओ कार्यालय पर अचानक छापा मारा। उन्होंने कार्यालय का मुख्य गेट बंद करवाकर सभी की परेड कराई। छापेमारी से वहां दलालों में भगदड़ मच गई। वहां मौजूद लोगों से डीएम ने पूछताछ की। उपस्थित रजिस्टर से कर्मचारियों का मिलान भी किया। मौके से 11 संदिग्ध लोगों को पकडक़र पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में दो के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी लिखाई गई।
जिलाधिकारी रङ्क्षवद्र कुमार दोपहर करीब एक बजे अचानक से आरटीओ कार्यालय पहुंचे। कार्यालय का मुख्य गेट बंद करवा दिया और सीधे परमिट कक्ष में विभिन्न काउंटरों पर तैनात कर्मचारी और मौजूद लोगों से बात पूछताछ शुरू कर दी। सूचना फैलते ही कर्मचारी परमिट रूम की ओर से और संदिग्ध पीछे कैंटीन के पास बाउंड्री की ओर भागने लगे। जिलाधिकारी ने स्टाफ की मदद से भाग रहे संदिग्धों को परमिट रूम के बाहर बैठा लिया, दूसरी तरफ विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को खड़ा किया। उपस्थिति रजिस्टर मंगाकर नाम और हाजिरी से एक-एक कर्मचारी का मिलान किया। परिसर में आने का कारण स्पष्ट न करने पर नौ संदिग्ध को स्टाफ कर्मचारी और अधिकारियों की मदद से पकड़ लिया। लोगों के बाहर भागने की सूचना पर जिलाधिकारी के दल में शामिल अधिकारी और स्टाफ कर्मचारियों से गेट खुलवाया, कार्यालय के दूसरे गेट की तरफ दौड़ाकर दो लोगों पकड़ लिया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे। पुलिस ने पूछताछ के आधार देर शाम वाहन विक्रेता सुनील कुमार और स्टांप वेंडर अफजाल हैदर के विरुद्ध प्राथमिकी लिखाई गई, जबकि अन्य के जवाब से संतुष्ट होकर छोड़ दिया गया।
कार्रवाई के बाद कार्यालय के बाहर चर्चा
आरटीओ कार्यालय में करीब 20 की कार्रवाई के बाद जिलाधिकारी के जाते ही बाहर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। आसपास के दुकानदार और स्टांप विक्रेताओं ने शटर गिरा दिए। खोमचे वाले और दुकानदार आपस में बतियाते नजर आए, कि मुख्य लोग तो भाग निकले। अब स्टांप विक्रेताओं और वाहन विक्रेताओं को पकडक़र परेशान किया जा रहा है। इनमें भी जो ऊंची पहुंच वाले हैं, उनको छोड़ा जा रहा है।
एक घंंटे बाद कार्यालय में शुरू हुआ काम
छापेमारी से मची खलबली के कारण पूरे कार्यालय में कामकाज ठप हो गया। सभी कर्मचारी करीब घंटे भर परिसर में खड़े रहे। जिला प्रशासन की टीम जाने के बाद करीब ढ़ाई बजे कार्यालय में दोबारा काम काज शुरू हुआ।