वर्ष 2014 में मर्डर के ज्यादातर मामलों में नहीं था कोई रीजन
मार्टिडो हार्मोस की वजह से आवेश में आकर करते हैं वारदात
सिर्फ 17 केसेस में हत्या का रीजन निकलकर आया सामने
BAREILLY: बरेली में लोग बात-बात में एक-दूसरे की जान ले रहे हैं। मर्डर जैसी वारदात तात्कालिक गुस्सा में की जा रही है। ये हकीकत बरेली पुलिस के चौंकाने वाले आंकड़े बयां कर रहे हैं। वर्ष ख्0क्ब् में क्क्ख् लोगों के मर्डर में कोई खास रीजन जांच में सामने नहीं आया। हालांकि, इस तरह की वारदात को अंजाम देने वालों को डॉक्टर बीमार करार दे रहें हैं। जो मार्टिडो हार्मोस के शिकार हैं, जिसके चलते ये लोग फ्यूचर के बारे में नहीं सोचते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि बरेली में पिछले साल के मुकाबले ऐसे मर्डर की संख्या में इजाफा हुआ है।
ख्0म् हुए मर्डर
पुलिस रिकार्ड के अनुसार वर्ष ख्0क्ब् में कुल ख्0म् लोगों की जान ली गई। इनमें क्ब्क् केस मर्डर के रजिस्टर किए गए हैं। जिसमें से क्ख् केस फर्जी पाए गए। कुल क्ख्9 लोगों की हत्या की गई। इनमें से सिर्फ क्7 केसेस में ही हत्या की कोई असली वजह सामने निकलकर आयी लेकिन क्क्ख् लोगों की जान बिना किसी रीजन के लिए ही ले ली गई। इन सभी को मामूली बात पर गुस्से में आकर मार दिया गया। किसी को राह चलते मार दिया गया तो किसी ने शराब के नशे में गुस्से में आकर अपनों की ही बलि चढ़ा दी। किसी की झगड़े के दौरान जान ले ली गई।
क्7 केसेस में ही िनकला रीजन
किसी की हत्या के लिए कोई न कोई रीजन होता ही है। किसी की जान प्रेम संबंध में ली जाती है तो किसी की संपत्ति विवाद में हत्या कर दी जाती है। इसके अलावा पुरानी रंजिश में भी लोगों को मार दिया जाता है। बरेली में पूरे एक साल में क्7 केसेस में ही इन रीजन की वजह से हत्या की गई। इनमें फ् लोगों की हत्या प्रेम संबंध, 9 लोगों की संपत्ति विवाद और भ् लोगों की पुरानी रंजिश यानि शत्रुता वजह रही। लास्ट ईयर क्क्भ् लोगों की हत्या की गई थी जो आंकड़ा इस साल बढ़कर क्ख्9 हो गया है।
दहेज के लिए बलि चढ़ी 7ब् महिलाएं
दहेज का दंश भी बरेली में लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। वर्ष ख्0क्ब् में 7ब् महिलाओं की दहेज के लिए बलि चढ़ा दी गई। किसी को जिंदा जला दिया गया, तो किसी को जहर देकर तो किसी का गला घोंट दिया गया। दहेज हत्याओं की संख्या को जोड़ दें तो एक साल में ख्0म् लोगों की जान ले ली गई।
क्ख् मामले पाए गए झूठे
यही नहीं मर्डर के क्ख् मामले झूठे भी पाए गए हैं। इन मामलों को खारिज कर दिया गया है। इन केसेस में लोगों ने हत्या की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी थी। जब पुलिस ने केसेस की जांच की सच्चाई सामने आ गई। इसमें देवरनियां का एक चर्चित मामला भी है जिसमें बीमारी से मरने के बाद बुजुर्ग के सीने में गोली मारकर हत्या का रूप देने का मामला भी शामिल है।
अलग-अलग हथियारों का हुआ यूज
हत्या के मामलों में अलग-अलग हथियारों का भी यूज किया गया लेकिन ज्यादातर मामलों में मौके पर जो भी मिला उसे हथियार के रूप में यूज कर लिया गया। किसी की गोली मारकर हत्या की गई तो किसी की चाकू से। लेकिन बिना रीजन के मामलों ईट, लाठी, डंडा या अन्य वस्तु का इस्तेमाल जान लेने में किया गया।
बिना सोच समझकर उठाते हैं कदम
बिना वजह की किसी की जान लेने के पीछे की कई वजह हैं। साइकलोजिस्ट सुविधा शर्मा इन सबके लिए मेन जिम्मेदार मार्टिडो हार्मोस को जिम्मेदार बताती हैं। इस हार्मोस के शिकार लोग डेट आफ स्टिंक्ट होते हैं। इनकी बॉडी विध्वसंक कार्यो को तुंरत अंजाम देती है। ऐसे लेाग निगेटिव सोच से भरे होते हैं जो मानसिक और शारीरिक रूप से उत्तेजित होकर बिना भविष्य के परिणाम सोचकर वारदात को अंजाम दे देते हैं। लोग अपने बिहेवियर पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और क्विक रिस्पांस करते हैं। एग्रेशन यानि एक्शन वाली फिल्में भी इसके लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। ये लोग इगो स्टिक भी होते हैं। इनमें इंस्क्योरिटी का कांफिल्क्ट भी हाेता है।
सोशल वेल्यूज हो रही खत्म
सोसियोलॉजिस्ट भी इसे क्षणिक आवेस में लिया गया निर्णय ही जिम्मेदार बताते हैं। सोसियोलॉजिस्ट नवनीत अहूजा ने बताया कि ऐसे लोगों का गुस्से पर कोई काबू नहीं होता है। लोगों की लाइफ स्टाइल और सोच बदल रही है इसलिए उनके जीने का तरीका भी बदल रहा है। ऐसे लोगों की सोशल वेल्यूज खत्म हो रही हैं। ऐसे लोग भविष्य के परिणाम के बारे में नहीं सोचते हैं।
मर्डर के आंकड़े
प्रेम प्रसंग - फ्
संपत्ति विवाद- 9
शत्रुता - भ्
नो रीजन- क्क्ख्
टोटल मर्डर- क्ख्9