- ऑनलाइन ट्रैक से भटक रहे हैं शहर के लोग

- ऑफलाइन ही करा रहे है अपने काम

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- ऑफलाइन ही करा रहे है अपने काम

BAREILLY:

BAREILLY:

टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग के साथ कमोबेश सभी विभाग अपडेट हुए। ताकि, पब्लिक को कामकाज में सहूलियतें मिल सकें। बरेली की पब्लिक है कि हाईटेक सिस्टम से अपने आप को जोड़ ही नहीं पा रही है। उसे आज भी लम्बी लाइन में लग कर काम कराना मंजूर है, जिसे वह घर बैठे एक क्लिक पर कर सकते हैं। बात आरटीओ ऑफिस की करें या फिर बिजली विभाग और इम्प्लायमेंट डिपार्टमेंट की हर जगह आनलाइन सर्विस शुरू की गई हैं।

तीन हजार ही आनलाइन बिल करते हैं पे

बिजली विभाग में ऑनलाइन सर्विस शुरू हुए करीब एक साल बीत चुका है। ऑनलाइन बिल जमा करने वालों की संख्या नाममात्र है। बरेली से कही खराब स्थिति बरेली के आस-पास के डिस्ट्रिक्ट की बनी हुई है। बरेली शहर में विभाग के कंज्यूमर्स की संख्या 1,70,000 है। इनमें से जनवरी तक मात्र 3,477 लोगों ने अपना बिजली बिल ऑनलाइन जमा किया। वहीं बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में और भी खराब स्थिति है। बदायूं में 32,400 कंज्यूमर में से 608, पीलीभीत में 24,500 कंज्यूमर में से 293 और शाहजहांपुर में 69,000 कंज्यूमर में से मात्र 732 लोगों ने ही अपना बिजली बिल ऑनलाइन जमा किया है। जबकि, तहसील में तो ऑनलाइन बिल जमा करने का और खस्ता हाल बना हुआ है। आंवला में 13, बहेड़ी में 2 और नवाबगंज जैसे जगहों पर 10 लोगों ने ही घर बैठे ऑनलाइन बिल जमा किए है। आंकड़ों पर गौर फरमाए तो, अधिकतर लोगों को बिलिंग सेंटर पर ही बिल जमा करना भा रहा है। भले ही बिलिंग सेंटर पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़े। रामपुर गार्डेन, स्टेडियम रोड, चौपुला सहित विभाग के 6 से अधिक बिलिंग सेंटर बने हुए है। यहीं नहीं तीनों डिविजन में बने काउंटर पर बिल जमा किए जाते है। हर रोज बिल जमा करने वाले की संख्या सैकड़ों में होती है। कई बार तो, सर्वर डाउन होने से भी लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। बावजूद इसके ऑनलाइन बिल जमा करने से पीछे भाग रहे है। जबकि ऑनलाइन बिल जमा करने के लिए विभाग की वेबसाइट 'यूपीपीसीएल' पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इसके बाद बिल, कंप्लेन, बिलिंग हिस्ट्री, डुप्लीकेट बिल सहित अन्य सुविधा पाया जा सकता है।

जिस सुविधा के लिए ऑनलाइन सर्विस शुरू की गयी है। उसका लाभ कंज्यूमर नहीं उठा रहे है। शहर ही नहीं पूरे बरेली रीजन में की एक जैसी ही स्थिति है।

एनसी अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग

आरटीेओ विभाग

आरटीओ विभाग में भी ऑनलाइन की सिचुएशन कुछ ठीक नहीं है। कॉमर्शियल वाहन ओनर्स की सुविधा के चलते आरटीओ विभाग ने ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा शुरू की थी। लेकिन, इसके बाद भी विभाग को इससे काई खास फायदा नहीं है। टैक्स जमा करने के लिए वाहन ओनर्स आरटीओ विभाग के ही चक्कर लगाते फिर रहे है। इससे न सिर्फ समय का बल्कि किराए के रूप में लोगों को एक्स्ट्रा पैसे भी वहन करने पड़ते है। वाहन ओनर्स की नासमझी की वजह से अधिकारियों को मजबूरन कॉमर्शियल वाहनों के टैक्स जमा करने के लिए एक अलग से काउंटर बनाया गया है। जबकि, वाहन ओनर्स टैक्स जमा कर सके इसके लिए पिछले साल विभाग ने ऑनलाइन सर्विस शुरू की थी। देश के किसी भी कोने से <टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग के साथ कमोबेश सभी विभाग अपडेट हुए। ताकि, पब्लिक को कामकाज में सहूलियतें मिल सकें। बरेली की पब्लिक है कि हाईटेक सिस्टम से अपने आप को जोड़ ही नहीं पा रही है। उसे आज भी लम्बी लाइन में लग कर काम कराना मंजूर है, जिसे वह घर बैठे एक क्लिक पर कर सकते हैं। बात आरटीओ ऑफिस की करें या फिर बिजली विभाग और इम्प्लायमेंट डिपार्टमेंट की हर जगह आनलाइन सर्विस शुरू की गई हैं।

तीन हजार ही आनलाइन बिल करते हैं पे

बिजली विभाग में ऑनलाइन सर्विस शुरू हुए करीब एक साल बीत चुका है। ऑनलाइन बिल जमा करने वालों की संख्या नाममात्र है। बरेली से कही खराब स्थिति बरेली के आस-पास के डिस्ट्रिक्ट की बनी हुई है। बरेली शहर में विभाग के कंज्यूमर्स की संख्या क्,70,000 है। इनमें से जनवरी तक मात्र फ्,ब्77 लोगों ने अपना बिजली बिल ऑनलाइन जमा किया। वहीं बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर में और भी खराब स्थिति है। बदायूं में फ्ख्,ब्00 कंज्यूमर में से म्08, पीलीभीत में ख्ब्,भ्00 कंज्यूमर में से ख्9फ् और शाहजहांपुर में म्9,000 कंज्यूमर में से मात्र 7फ्ख् लोगों ने ही अपना बिजली बिल ऑनलाइन जमा किया है। जबकि, तहसील में तो ऑनलाइन बिल जमा करने का और खस्ता हाल बना हुआ है। आंवला में क्फ्, बहेड़ी में ख् और नवाबगंज जैसे जगहों पर क्0 लोगों ने ही घर बैठे ऑनलाइन बिल जमा किए है। आंकड़ों पर गौर फरमाए तो, अधिकतर लोगों को बिलिंग सेंटर पर ही बिल जमा करना भा रहा है। भले ही बिलिंग सेंटर पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़े। रामपुर गार्डेन, स्टेडियम रोड, चौपुला सहित विभाग के म् से अधिक बिलिंग सेंटर बने हुए है। यहीं नहीं तीनों डिविजन में बने काउंटर पर बिल जमा किए जाते है। हर रोज बिल जमा करने वाले की संख्या सैकड़ों में होती है। कई बार तो, सर्वर डाउन होने से भी लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। बावजूद इसके ऑनलाइन बिल जमा करने से पीछे भाग रहे है। जबकि ऑनलाइन बिल जमा करने के लिए विभाग की वेबसाइट 'यूपीपीसीएल' पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इसके बाद बिल, कंप्लेन, बिलिंग हिस्ट्री, डुप्लीकेट बिल सहित अन्य सुविधा पाया जा सकता है।

जिस सुविधा के लिए ऑनलाइन सर्विस शुरू की गयी है। उसका लाभ कंज्यूमर नहीं उठा रहे है। शहर ही नहीं पूरे बरेली रीजन में की एक जैसी ही स्थिति है।

एनसी अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग

आरटीेओ विभाग

आरटीओ विभाग में भी ऑनलाइन की सिचुएशन कुछ ठीक नहीं है। कॉमर्शियल वाहन ओनर्स की सुविधा के चलते आरटीओ विभाग ने ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा शुरू की थी। लेकिन, इसके बाद भी विभाग को इससे काई खास फायदा नहीं है। टैक्स जमा करने के लिए वाहन ओनर्स आरटीओ विभाग के ही चक्कर लगाते फिर रहे है। इससे न सिर्फ समय का बल्कि किराए के रूप में लोगों को एक्स्ट्रा पैसे भी वहन करने पड़ते है। वाहन ओनर्स की नासमझी की वजह से अधिकारियों को मजबूरन कॉमर्शियल वाहनों के टैक्स जमा करने के लिए एक अलग से काउंटर बनाया गया है। जबकि, वाहन ओनर्स टैक्स जमा कर सके इसके लिए पिछले साल विभाग ने ऑनलाइन सर्विस शुरू की थी। देश के किसी भी कोने से https://vahan.up.nic.in/up/ https://vahan.up.nic.in/up/ पर लॉग इन कर वाहनों के टैक्स जमा किए जा सकते है। इसके बाद भी हर महीने औसतन मात्र 60 से 70 लोग ही ऑनलाइन लाइन टैक्स जमा कर रहे है। जबकि मैनुअली टैक्स जमा करने वालों की संख्या हर महीने एक हजार से अधिक है। आरटीओ विभाग के आंकड़ों के मुताबिक हर महीने करीब दो करोड़ रूपए टैक्स जमा होते है। लेकिन ऑनलाइन टैक्स मात्र 30 से 40 लाख ही जमा होते है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, ऑनलाइन सर्विस के बारे में लोगों को बताने पर भी मैनुअल ही टैक्स जमा कर रहे है। कॉमर्शियल वाहनों का टैक्स ही नहीं शोरूम से आ रही नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी वही हाल है। जबकि, डीलर्स के यहां से ही रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने की सहूलियत लोगों को दी जा रही है।

यदि, विभाग द्वारा सुविधा दी जा रही है तो, लोगों को उसका लाभ उठाना चाहिए। भीड़ से बचने के लिए विभाग ने ऑनलाइन सर्विस शुरू किया है। फिर भी अधिकतर लोग मैनुअली ही टैक्स जमा कर रहे है।

संजय सिंह, आरटीओ, इंफोर्समेंट

इम्प्लायमेंट ऑफिस

जॉब की तलाश में भटक रहे युवा ब्रिगेड भी स्मार्ट होने के बजाय भीड़ की जमात में खड़ा होना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हर रोज इंम्प्लायमेंट ऑफिस में लगने वाली बेरोजगार युवाओं की भीड़ से इस बात का अंदाजा अच्छी तरह लगाया जा सकता है। ऑनलाइन सुविधा होने के बाद भी इंम्प्लायमेंट ऑफिस में अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए चक्कर लगाते फिर रहे है। जबकि, सारी सुविधाएं अभ्यर्थियों को मात्र एक क्लिक पर प्राप्त हो सकती है। इम्प्लायमेंट ऑफिस में हर महीने औसतन 500 से अधिक अभ्यर्थी जॉब पाने के उद्देश्य से अपना रजिस्ट्रेशन कराते है। लेकिन, इनमें से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या हर महीने मात्र 10 से 15 अभ्यथिर्यों की होती है। जबकि, <पर लॉग इन कर वाहनों के टैक्स जमा किए जा सकते है। इसके बाद भी हर महीने औसतन मात्र म्0 से 70 लोग ही ऑनलाइन लाइन टैक्स जमा कर रहे है। जबकि मैनुअली टैक्स जमा करने वालों की संख्या हर महीने एक हजार से अधिक है। आरटीओ विभाग के आंकड़ों के मुताबिक हर महीने करीब दो करोड़ रूपए टैक्स जमा होते है। लेकिन ऑनलाइन टैक्स मात्र फ्0 से ब्0 लाख ही जमा होते है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, ऑनलाइन सर्विस के बारे में लोगों को बताने पर भी मैनुअल ही टैक्स जमा कर रहे है। कॉमर्शियल वाहनों का टैक्स ही नहीं शोरूम से आ रही नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी वही हाल है। जबकि, डीलर्स के यहां से ही रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने की सहूलियत लोगों को दी जा रही है।

यदि, विभाग द्वारा सुविधा दी जा रही है तो, लोगों को उसका लाभ उठाना चाहिए। भीड़ से बचने के लिए विभाग ने ऑनलाइन सर्विस शुरू किया है। फिर भी अधिकतर लोग मैनुअली ही टैक्स जमा कर रहे है।

संजय सिंह, आरटीओ, इंफोर्समेंट

इम्प्लायमेंट ऑफिस

जॉब की तलाश में भटक रहे युवा ब्रिगेड भी स्मार्ट होने के बजाय भीड़ की जमात में खड़ा होना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हर रोज इंम्प्लायमेंट ऑफिस में लगने वाली बेरोजगार युवाओं की भीड़ से इस बात का अंदाजा अच्छी तरह लगाया जा सकता है। ऑनलाइन सुविधा होने के बाद भी इंम्प्लायमेंट ऑफिस में अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए चक्कर लगाते फिर रहे है। जबकि, सारी सुविधाएं अभ्यर्थियों को मात्र एक क्लिक पर प्राप्त हो सकती है। इम्प्लायमेंट ऑफिस में हर महीने औसतन भ्00 से अधिक अभ्यर्थी जॉब पाने के उद्देश्य से अपना रजिस्ट्रेशन कराते है। लेकिन, इनमें से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या हर महीने मात्र क्0 से क्भ् अभ्यथिर्यों की होती है। जबकि, www.up.online.up.nic.in www.up.online.up.nic.in पर लॉग इन कर प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते है। यही नहीं सिर्फ प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए एक और वेबासाइट की शुरुआत की जा रही है। अधिकारियों की मानें तो<पर लॉग इन कर प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते है। यही नहीं सिर्फ प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए एक और वेबासाइट की शुरुआत की जा रही है। अधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में <आने वाले दिनों में www.sewayojana.com www.sewayojana.com पर जाकर अभ्यर्थी जॉब के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। अभी यह वेबसाइट प्रॉपर रूप से शुरू नहीं की गयी है। लेकिन पहले से वर्क कर रही वेबसाइट पर एमबीए, बीएड, ग्रेजुएशन, एमए कर चुके अभ्यर्थियों को ऑनलाइन ज्यादा पसंद आ रहा है।

अभ्यर्थियों को विभाग आने की जरूरत नहीं है। वह घर बैठे ही रोजगार के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते है। लेकिन ऑनलाइन की अपेक्षा अधिकतर अभ्यर्थी ऑफलाइन ही रजिस्ट्रेशन करा रहे है।

रत्‍‌नेश चंद्र, असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट इंम्प्लायमेंट ऑफिसर

परिवहन निगम

परिवहन निगम भले ही ऑनलाइन टै्रक पर दौड़ रहा है। लेकिन, परिवहन निगम के पैसेंजर्स ऑनलाइन ट्रैक से भटक गए है। पिछले साल परिवहन निगम ने वॉल्वो ही नहीं एसी, गोल्ड लाइन और साधारण बसों के लिए भी ऑनलाइन टिकट की बुकिंग की सुविधा शुरू की थी। बावजूद इसके पैसेंजर्स बसों में जर्नी के दौरान ही टिकट लेना पसंद कर रहे है। परिवहन निगम के नॉवेल्टी और सेटेलाइट बस स्टेशन से करीब 540 बसों का संचालन दिल्ली, आगरा, मथुरा, कानपुर, कौशाम्बी, जयपुर और शाहजहांपुर सहित विभिन्न जगहों के लिए होती है। इन बसों से रोजाना 60 हजार से अधिक पैसेंजर जर्नी करते है। लेकिन इनमें से ऑनलाइन टिकट लेकर जर्नी करने वालों की संख्या 300 से अधिक नहीं होती है। पैसेंजर या तो, बसों में कंडक्टर या फिर बस स्टेशन टिकट काउंटर पर लंबी लाइन लगाकर ही टिकट लेते है। जबकि, विभाग की वेबसाइट पर <पर जाकर अभ्यर्थी जॉब के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। अभी यह वेबसाइट प्रॉपर रूप से शुरू नहीं की गयी है। लेकिन पहले से वर्क कर रही वेबसाइट पर एमबीए, बीएड, ग्रेजुएशन, एमए कर चुके अभ्यर्थियों को ऑनलाइन ज्यादा पसंद आ रहा है।

अभ्यर्थियों को विभाग आने की जरूरत नहीं है। वह घर बैठे ही रोजगार के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते है। लेकिन ऑनलाइन की अपेक्षा अधिकतर अभ्यर्थी ऑफलाइन ही रजिस्ट्रेशन करा रहे है।

रत्‍‌नेश चंद्र, असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट इंम्प्लायमेंट ऑफिसर

परिवहन निगम

परिवहन निगम भले ही ऑनलाइन टै्रक पर दौड़ रहा है। लेकिन, परिवहन निगम के पैसेंजर्स ऑनलाइन ट्रैक से भटक गए है। पिछले साल परिवहन निगम ने वॉल्वो ही नहीं एसी, गोल्ड लाइन और साधारण बसों के लिए भी ऑनलाइन टिकट की बुकिंग की सुविधा शुरू की थी। बावजूद इसके पैसेंजर्स बसों में जर्नी के दौरान ही टिकट लेना पसंद कर रहे है। परिवहन निगम के नॉवेल्टी और सेटेलाइट बस स्टेशन से करीब भ्ब्0 बसों का संचालन दिल्ली, आगरा, मथुरा, कानपुर, कौशाम्बी, जयपुर और शाहजहांपुर सहित विभिन्न जगहों के लिए होती है। इन बसों से रोजाना म्0 हजार से अधिक पैसेंजर जर्नी करते है। लेकिन इनमें से ऑनलाइन टिकट लेकर जर्नी करने वालों की संख्या फ्00 से अधिक नहीं होती है। पैसेंजर या तो, बसों में कंडक्टर या फिर बस स्टेशन टिकट काउंटर पर लंबी लाइन लगाकर ही टिकट लेते है। जबकि, विभाग की वेबसाइट पर upsrtc.com upsrtc.com पर<पर लॉग इन कर अपने सुविधा के मुताबिक, बस के सीट की बुकिंग की जा सकती है।

पैसेंजर ऑनलाइन टिकट नहीं लेते है। थोड़ी बहुत एसी बसों का टिकट छोड़ दिया जाए तो बाकी बसों का टिकट लोग कंडक्टर से ही ले रहे है। जबकि पैसेंजर की सुविधा के लिए सभी बसों को ऑनलाइन किया गया है।

एसके शर्मा, आरएम, परिवहन निगम