- बरेली के 38 बैंकों के 360 से अधिक बैंकों कर्मी रहे स्ट्राइक पर
- स्ट्राइक पर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्राइवेट बैंकों को भी कराया बंद
- बैंक कर्मचारियों की कोतवाल के साथ भी हुई झड़प
BAREILLY:
यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आवाहृन पर बरेली के समस्त बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने वेडनसडे को प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर बरेली डिस्ट्रिक्ट के सभी बैंक्स कर्मी स्ट्राइक पर रहे। प्राइवेट बैंकों के खुले होने पर गवर्नमेंट के कर्मचारियों ने बैंकों के भी शटर गिरवा दिए। इस बीच बैंक कर्मियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। सभी बैंकों के बंद होने से चेक क्लियरेंस व लेन-देन सहित करोड़ों रुपए का करोबार प्रभावित रहा। बैंकों से जुड़े काम करवाने के लिए पब्लिक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मांगे नहीं मानी तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
बैंक कर्मियों की प्रमुख मांगों में क्0 वें वेतन समझौता को तुरंत लागू करने, बड़े उद्योगपतियों के बैंक लोन को वापस न करना, वर्तमान सरकार की श्रम विरोधी नीतियां रहीं। पीलीभीत रोड स्थित पीएनबी मेन ब्रांच पर मार्निग क्0 बजे प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों की संख्या में बैंककर्मी मौजूद रहे। प्रदर्शन में मुख्य रूप से शामिल मुकेश पठानियां, दिनेश सक्सेना, संजीव मेहरोत्रा, आकांक्षा, वंदना सहित अन्य बैंक कर्मचारियों का कहना था कि, फाइनेंस मिनिस्ट्री और भारतीय बैंक संघ हमारे वेतन वृद्धि को लेकर कोई रुचि नहीं ले रही है। अगर यही स्थिति रही तो, बैंक कर्मी जल्दी ही अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर जाने को मजबूर होंगे।
पुलिस के साथ हुई झड़प
स्ट्राइक में प्राइवेट बैंक शामिल नहीं हुइ थे, लेकिन स्ट्राइक पर रहे कर्मियों ने सिविल लाइन, कलेक्ट्रेट, डीडीपुरम सहित शहर के अन्य एरिया में वर्क कर रहे सभी प्राइवेट बैंकों को बंद करा दिया। इसी बीच प्रभा टॉकिज के सामने प्राइवेट बैंक बंद कराने के दौरान पुलिस और बैंक कर्मचारियों के बीच झड़प हुई। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे कोतवाल अनिल समानियां के साथ भी कहासुनी हुई। किसी तरह से मामला शांत हुआ।
फ्म्0 ब्रांच रही बंद
स्ट्राइक में बरेली डिस्ट्रिक्ट के फ्8 बैकों के करीब फ्म्0 ब्रांचेज के कर्मचारी शामिल रहे। यूनियन बैंक स्टॉफ एसोएिशन उप महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने बताया कि, सरकारी और प्राइवेट बैंकों को मिलाकर करीब क्भ्0 करोड़ काम प्रभावित हुआ। इनमें म्0 करोड़ का चेक क्लियरेंस फंस गया। जबकि 90 करोड़ का बैंक ड्रॉफ्ट, पैसों का लेन-देन सहित अन्य काम प्रभावित हुआ।