-- सिटी में खालसा दिवस की तैयारियां जोरो पर
-- गुरुद्वारों से लेकर दशहरा ग्राउंड में शुरू हो गई प्रिपरेशन
BAREILLY: हर पल खुशियां मनाना और बांटना ही पंजाबियों दी शान है। वहीं जब मौका खास हो तो खुशियों का सेलीब्रेशन दोगुना हो जाता है। सिक्खों के सबसे बड़े त्यौहार खालसा दिवस यानि बैसाखी पर सिटी में कुछ ऐसा ही ग्रांड सेलीब्रेशन होने वाला है। क्ब् अप्रैल को पड़ रहे खालसा दिवस की तैयारियां फुल फोर्स में स्टार्ट हो चुकी हैं। सिक्खों की आन, बान और शान को प्रदर्शित करते इस फेस्टिवल के लिए गुरुदारों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। डेकोरेशन के लिए स्पेशली कोलकता से डेकोरेटर्स बुलाए गए हैं। वहीं दशहरा ग्राउंड में होने वाले स्पेशल प्रोग्राम के लिए देश के कोने-कोने से फेमस कवियों और ग्रंथियों को बुलाया गया है, जो बैसाखी पर अपने कविताओं और पाठ के जरिए लोगों में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी एकता का संचार करेंगे।
क्यों मनाते हैं खालसा दिवस
सिक्खों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने सन् क्म्99 में पांच प्यारों को अमृत छकाया, जिन्हें पंचप्यारे नाम से जाना गया। साथ ही केश, कुंघा, कड़ा, कृपाण व कछहिरा अनिवार्य और केशों को काटना, नशे का सेवन, गुलामी ना करना और अनैतिक कार्यो को पूरी तरह वर्जित करते हुए सिक्खों को एक नई पहचान दिलाई। इन्हीं गुरुओं की याद में बैसाख की चौदह तारीख को 'खालसा दिवस' या बैसाखी के रूप में मनाया जाता है। गुरुद्वारा ग्रंथी ने बताया कि आने वाली पीढि़यों को गुरुओं की सीख देने और परंपरा को बनाए रखने के लिए इसे विशाल रूप में सेलीब्रेट किया जाता है।
तैयारियां जोरों पर
बैसाख के शुरुआत के साथ ही खालसा दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। सिटी के करीब क्ख् गुरुद्वारों की साफ सफाई का काम शुरू हो चुका है। रंग रोगन और सफाई के साथ ही डेकोरेशन का काम भी स्टार्ट हो गया है। वहीं मॉडल टाउन स्थित मुख्य गुरुद्वारा को डैजलिंग लाइट्स से सजाया जा रहा है। क्ब् अप्रैल को सेलीब्रेट होने वाले खालसा दिवस का मेन अट्रैक्शन दशहरा ग्राउंड में होने वाला संगत और पंगत प्रोग्राम होगा। इसके लिए पंडाल का निर्माण कोलकाता के डेकोरेटर्स की ओर से किया जा रहा है। इस मौके पर करीब ख्0 हजार लोगों के लिए क्08 शामियाने बनाए जा रहे हैं। इसमें दिन भर सत्संग, कीर्तन, लंगर, वाणी, कथा होगी और लोगों को गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन कराए जाएंगे।
हर दिन सेलीब्रेशन
खालसा दिवस के सेलीब्रेशन से पहले कई प्रोग्राम ऑर्गनाइज होंगे। इसमें क्क् तारीख को क्फ्क् लोगों का सहज पाठ समाप्त होगा। वहीं शाम को स्त्री सत्संग सभा और मीरी पीरी जत्था कीर्तन करेगा। क्ख् को सुबह म् बजे बैंड बाजे और पंच प्यारों के साथ करतबों के जरिए प्रभात फेरी निकाली जाएगी, जो मॉडल टाउन गुरुद्वारा से निकलकर पूरे मॉडल टाउन में घूमकर वापस गुरुद्वारा पहुंचेगी। साथ ही रात नौ बजे कवि दरबार का आयोजन किया जाएगा। इसमें हरि सिंह जाचक, ई। कर्मजीत सिंह नूर, सुलक्खड़ सिंह निराला और जीएस निमर के साथ ही कीर्तन करने वाले रागी मौजूद रहेंगे। क्फ् को गुरुद्वारे पर कीर्तन दरबार होगा। इसमें दरबार शाह के सतनाम सिंह, पोंगटा के जगवीर सिंह, लुधियाना के कथावाचक नूरेंद्र सिंह अपने सुरीले तरानों से समां बांधेंगे। क्ब् को सुबह गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी का फूलों से स्वागत करते हुए दशहरा ग्राउंड ले जाया जाएगा, जहां दिन भर अरदास, गुरुवाणी कीर्तन, कथा और लंगर प्रोग्राम होगा।
छकेंगे अमृत
खालसा दिवस का पवित्र संस्कार 'अमृत छकना' सिक्खों के लिए अनिवार्य है। इसमें सभी सिक्ख अपने छोटे बच्चों को अमृत छकाएंगे। साथ ही गुरु साहिबान की ओर से निर्धारित मर्यादा के अनुसार जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेंगे। यह प्रोग्राम क्भ् को गुरु द्वारे में आयोजित होगा। अमृत संचार के लिए पंचप्यारों को दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी से बुलाया गया है, जो क्भ्0 लोगों को अमृत छकाऐंगे।
बैसाख के मौके पर मनाया जाने वाला खालसा दिवस लोगों को परंपरा से जोड़े रखने के लिए है। इसकी तैयारियों के लिए डेकोरेटर्स को कोलकाता से बुलाया गया है।
-- मालिक सिंह कालड़ा, अध्यक्ष, गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी
धार्मिक पाठ करने वाले रागी और कवि दिल्ली, अमृतसर और अहमदाबाद से आ रहे हैं। इस बार होने वाला कीर्तन दरबार विशेष होगा। साथ ही लोगों को लंगर का अटूट वितरण किया जाएगा।
-- गुरदीप सिंह, हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा मॉडल टाउन
गुरुद्वारे को साफ सफाई के बाद डैजलिंग लाइट्स और झालरों के जरिए डेकोरेट किया जाएगा। बैसाखी के दिन सिटी के सभी क्ब् गुरुद्वारों का नजारा जबरदस्त होगा।
-- प्रीत पाल सिंह, बिजनेसमेन