महानगर के बाद स्टेशन रोड और ग्रीन पार्क के बाशिंदों को पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) का तोहफा मिलने वाला है। सब कुछ ठीक रहा तो इन एरियाज में पाइप लाइन बिछाने का काम जल्दी पूरा कर लिया जाएगा। इससे जुड़े ऑफिसर्स भी बता रहे हैं कि कुछ?सालों में घनी बस्तियों को छोड़कर पूरा शहर पीएनजी की फैसिलिटी अवेल कर सकेगा। सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड इंचार्ज सिद्दीकी मंसूर अली के मुताबिक, 500 पीएनजी कनेक्शन के साथ बरेली स्टेट में दूसरे पायदान पर है। एन्वायरमेंट फ्रेंडली होने के साथ-साथ पीएनजी से 20 परसेंट घरेलू गैस की बचत होती है।
महानगर में ज्यादा connection
शहर में तकरीबन 500 कंज्यूमर्स पीएनजी कनेक्शन यूज कर रहे हैं। कंज्यूमर्स की ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा महानगर इलाके में पीएनजी का इस्तेमाल हो रहा है। वहां लगभग 100 कनेक्शन हैं।
जगदीशपुर से बरेली
गेल के जगदीशपुर प्लांट से गैस की सप्लाई आंवला तक आती है। आंवला से पाइपलाइन के जरिए गैस सैटेलाइट स्थित स्टेशन तक आती है। स्टेशन से ही शहर में सप्लाई होती है। वैसे गेल के दो अन्य प्लांट गुजरात के हजिरा और महाराष्ट्र के बीजापुर में हैं।
कहां-कहां है pipeline?
2009 दिसंबर में गेल कंपनी की एचबीजे पाइप लाइन शहर पहुंची थी। सैटेलाइट स्थित सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड से पीएनजी सप्लाई की जाती है। सबसे पहले रामवाटिका कॉलोनी में पीएनजी बिछाई गई थी। पहला कनेक्शन सिंधु नगर कॉलोनी में दिया गया था। फिलहाल शहर में राधे श्याम इंक्लेव, सिविल लाइंस, महानगर, रामपुर गार्डन, स्वरूप नगर, मॉडल टाउन, सर्वोदय नगर, मोती विहार, तिलक नगर में पाइप लाइन पहुंच चुकी है। इन दिनों स्टेशन रोड और ग्रीन पार्क में पीएनजी लाइन बिछाने का काम चल रहा है।
क्या है PNG?
एलपीजी की ही तरह पीएनजी भी नैचुरल गैस होती है। मीथेन गैस में कार्बन की मात्रा हाइड्रोजन की तुलना में कम होती है इसलिए यह पूरी तरह जल जाती है। नतीजा ये है कि यह ज्यादा एन्वायरमेंट फ्रेंडली होती है। पीएनजी हवा से हल्की होती है। इसे यूज करने से एक्सीडेंट्स की पॉसिबिलिटी काफी कम हो जाती हैं। एलपीजी के मुकाबले यह काफी हद तक सेफ है।
PNG लिया तो LPG cancel
मंसूर अली ने बताया कि अगर कंज्यूमर पीएनजी कनेक्शन लेना चाहता है, तो कनेक्शन के साथ ही अपना एलपीजी कनेक्शन कैंसिल करवाना पड़ता है। कनेक्शन विड्रॉ करने के लिए कंज्यूमर को 7 दिन का समय दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हालांकि ये नियम फिलहाल इतनी सख्ती से एप्लाई नहीं किया जा रहा है।
तीन installment में payment
नए कनेक्शन के लिए कंज्यूमर्स को सैटेलाइट पर बने सेंटर पर आकर एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना पड़ता है। कंज्यूमर्स के लिए नए कनेक्शन का चार्ज 5,000 रुपए है। उन्होंने बताया कि पूरा पेमेंट तीन इंस्टॉलमेंट में लिया जाता है। रजिस्ट्रेशन के समय ही कंज्यूमर से 500 रुपए ले लिए जाते हैं। उसके बाद कंस्ट्रक्शन के समय कंज्यूमर से 2,500 रुपए चार्ज किए जाते हैं। 2,000 रुपए की फाइनल इंस्टॉलमेंट घर में पाइप लाइन की फिटिंग के बाद ली जाती है। उन्होंने बताया कि अगर आपका घर पाइपलाइन के 15 मीटर के एरिया में आता है तो आसानी से कनेक्शन मिल जाएगा। अगर इससे ज्यादा दूर है तो पाइप लाइन बिछाने का खर्च 350 रुपए प्रति किमी के हिसाब से कंज्यूमर को ही उठाना पड़ेगा। वहीं कॉमर्शियल कनेक्शन के केस में पूरी रकम एकमुश्त चार्ज की जाती है।
PNG मतलब फायदा ही फायदा
-पीएनजी नैचुरल गैस होती है। ये हवा से हल्की होती है। लीकेज के केस में आसानी से एटमॉसफेयर में घुल जाती है। इससे एक्सीडेंट की संभावना खत्म हो जाती है।
-पीएनजी एन्वायरमेंट फ्रेंडली होती है। यूज करते समय 99 परसेंट गैस जल जाती है। इसलिए पॉल्यूशन नहीं होता।
-एलपीजी यूजर्स अक्सर घटतौली के चलते ठगे जाते हैं जबकि पीएनजी यूजर्स को सिलेंडर से सप्लाई न होकर पाइपलाइन से होती है। इसलिए इसमें घटतौली का डर नहीं रहता।
-पीएनजी पाइपलाइन के थ्रू सप्लाई की जाती है, इसलिए बेवक्त खत्म होने की टेंशन नहीं होती।
-पीएनजी में पाइप लाइन बिछाते समय घर के बाहर एक मीटर लगा दिया जाता है। कंजम्पशन देखकर कंज्यूमर खुद ही पेमेंट कर देता है।
-पीएनजी यूजर्स को दो महीने गैस यूज करने के बाद पेमेंट करना होता है। वहीं एलपीजी के लिए
गैस यूज करने से पहले ही सिलेंडर की डिलीवरी पर भुगतान करना होता है।
-सिक्योरिटी प्वाइंट ऑफ व्यू से भी पीएनजी यूजर्स ज्यादा सुरक्षित हैं। पाइप लाइन से सप्लाई के केस में बर्नर को जितने प्रेशर की रिक्वायरमेंट होती है, उतने ही फोर्स से गैस सप्लाई होती है।
-एलपीजी से पीएनजी में कन्वर्ट करते हुए कंज्यूमर को होम एप्लाएंसेज में खास चेंजेज नहीं करने पड़ते हैं।
-पीएनजी कनेक्शन के साथ बुकिंग की लंबी लाइन से भी छुटकारा मिल जाता है।