क्लाउडी वेदर में बेअसर टेंप्रेचर

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि जब वेदर क्लाउडी होता है तो टेंप्रेचर पर खास असर नहीं पड़ता है। क्लियर स्काई में टेंप्रेचर वैरिएट करता है। इसी वजह से ट्यूजडे को मिनिमम टेंप्रेचर 7.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य है और इसमें मंडे के टेंप्रेचर से 1.5 डिग्री की वूद्धि भी हुई है। वहीं मैक्सिमम टेंप्रेचर 12.4 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 11 डिग्री कम है, वहीं इसमें एक दिन में केवल .6 डिग्री की ही गिरावट दर्ज की गई है। वेदर एक्सपट्र्स के मुताबिक वेदर क्लाउडी होने की वजह से टेंप्रेचर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है, पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से कोहरा छाए रहने की उम्मीद बनी हुई है। दिन में ह्यूमिडिटी 90-100 परसेंट के बीच रहने से हवा में ठंडक बनी रही। यही ठिठुरन की भी वजह बनी।

पांच दिन तक रहा है इफेक्ट

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब भी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होता है तो इसकी वजह से शीत लहर और ठिठुरन बढ़ जाती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर आम तौर पर पांच दिन तक रहता है। इसके बाद ही इससे निजात मिल पाती है। वेदर एक्सपर्ट ने बताया कि उम्मीद है कि अभी मौसम का यह रुख एक-दो दिन और जारी रहेगा। संभावना है कि सूरज के दर्शन भी नहीं हो पाएंगे। वहीं इसकी वजह से कोहरे का कहर बना रहेगा और विजिबिल्टी पर इसका पूरा असर दिखाई देगा।