बारात से लौट रहे चार लोग नाजुक हालत में चंदौसी में भर्ती
बिसौली-चंदौसी रोड पर गांव नवादा के पास हुआ था हादसा
<बारात से लौट रहे चार लोग नाजुक हालत में चंदौसी में भर्ती
बिसौली-चंदौसी रोड पर गांव नवादा के पास हुआ था हादसा
BAREILLY: BAREILLY: बिसौली में चंदौसी रोड पर मंडे सुबह तेज रफ्तार ट्रक ने इनोवा कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रक और कार में आग लग गई और कार का ड्राइवर जिंदा जल गया। पुलिस ने किसी तरह से कार में सवार चार अन्य लोगों को बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। कार सवार शादी के समारोह से वापस लौट रहे थे। एक्सीडेंट के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।
शराब से लदा था ट्रक
बसौली-चंदौसी रोड पर गांव नवादा के पास भिड़ंत के बाद ट्रक का जलता हुआ पिछला हिस्सा गिरने से कार में भी आग लग गई। इसमें ड्राइवर समेत भ् लोग सवार थे। स्टेयरिंग में फंसे होने के चलते ड्राइवर तुलसी को बाहर नहीं निकाला जा सका, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं ट्रक ड्राइवर और हेल्पर मौके से फरार हो गए। कार में से बाहर निकाले गए रामवीर, पंकज, शिवम और नीरज निवासीगण चंदौसी को अस्तपाल भेजा गया। जहां पंकज की हालत नाजुक बनी हुई है। रामवीर ने बताया कि वह अपने तहेरे भाई राजवीर की बारात में गांव मलगांव जनपद बरेली गया हुआ था।
मृतक के पिता रिक्शा चालक
मृतक तुलसी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पिता छोटेलाल साठ साल की उम्र में भी परिवार के भरण पोषण के लिए रिक्शा चलाते हैं। तुलसी पिछले चार साल से डाईवर था। छोटेलाल ने रोते हुए बताया कि रिक्शा चलाकर जैसे-तैसे वह दो बेटों और एक बेटी का पेट पाला। बुढ़ापे में उपर वाले ने इतना बड़ा कष्ट दे दिया अब जीवन कैसे कटेगा। मां भाग्यवती का तो रो-रोकर बुरा हाल है। वह अपने दूसरे पुत्र पप्पू को सीने से चिपटा कर फूट-फूटकर रो रही थी। कार के मालिक मुरारीलाल ने बताया कि रात में एक बजे चालक तुलसी का फोन आया था कि अभी आने में एक घंटा और लगेगा।
दोस्त को जलता देखता रहा
किराए पर गाड़ी लेने वाले रामवीर की चंदौसी में रामबाग रोड पर शीशे की दुकान है। उनकी और चालक तुलसी की पिछले तीन साल से दोस्ती थी। रामवीर ने फोन किया तो तुलसी भी हर काम छोड़कर जाने को तैयार हो गया। दो दोस्तों का यह आखिरी सफर था। रामवीर भी इनोवा में आगे बैठे थे। कहीं तुलसी को नींद न आ जाए इसलिए सुख-दुख की बातें चल रहीं थी। रामवीर ने बताया कि तभी सामने से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। बस पल भर में सब खेल बिगड़ गया। अपने दोस्त तुलसी का जलती गाड़ी मे से बाहर निकालने की काफी कोशिश भी की लेकिन मौत के हाथों से नहीं बचा सका। अपने दोस्त को जिंदा जलता देखता रहा।
देवदूत बन कर पहुंची पुलिस
मंडे की सुबह का समय लगभग पौने चार बजे का था। दोनों गाडि़यों की जबर्दस्त भिड़त हुई। किसी को कुछ भी होश नहीं था, लेकिन कोई और भी था, जिसने क्00 नंबर डायल कर दिया। बस दस मिनट बाद ही पुलिस पहुंच गई। अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो कार में फंसे हुए चार लोगों का बचना भी मुश्किल था। झुलसे रामवीर ने बताया कि पुलिस तो देवदूत बनकर आ गई। घटनास्थल पर चर्चा थी कि रात में वह कौन था जिसने पुलिस को सूचना दी थी।